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कमल नाथ सरकार बतायेगी डेढ़ करोड़ आदिवासियों में से कितनों का कर्ज हुआ माफ और किसे जेवर-जमीन मिली वापस

कमल नाथ सरकार बतायेगी डेढ़ करोड़ आदिवासियों में से कितनों का कर्ज हुआ माफ और किसे जेवर-जमीन मिली वापस 

मुख्यमंत्री ने कहा था आदिवासियों द्वारा साहूकारों से लिए सभी कर्ज माफ होंगे 

मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ जी आप कहते है कि मेरी सरकार घोषणा करने वाली नहीं है लेकिन हम आपको बता दे कि आपने विगत 9 अगस्त 2019 को अपने गृह जिला मुख्यालय छिंदवाड़ा में हजारों की संख्या में मौजूद आदिवासियों के समक्ष यह अपने संदेश में यह कहा था कि आदिवासियों के गिरवी रखे जेबर जमीन 15 अगस्त तक वापस होंगे और इसके लिये सरकार ने पूरी तैयारी कर ली है और आपने कहा था कि डेढ़ करोड़ आदिवासियों के कर्ज माफ होंगे। मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ जी क्या आप बता सकते है कि आपके घोषणा करने के लगभग 100 दिन पूर्ण हो चुके है इस दौरान मध्य प्रदेश के 89 ब्लॉकों के लगभग डेढ़ करोड़ आदिवासियों में कितने आदिवासियों के जेवर व जमीन आपकी सरकार ने अब तक वापस करवाया है। 

विशेष संपादकीय 
गोंडवाना समय
संपादक विवेक डेहरिया 
मध्य प्रदेश के अनुसूचित क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासियों द्वारा साहूकारों से लिए गए सभी कर्ज माफ होंगे। इससे प्रदेश के डेढ़ करोड़ आदिवासी साहूकारों के कर्ज से मुक्त होंगे। मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने यह बात 9 अगस्त 2019 को छिंदवाड़ा में अंतर्राष्ट्रीय आदिवासी दिवस पर आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में हजारों आदिवासियों की मौजूदगी में अपने मुखारबिंद से संदेश देते हुये कहा था कि मध्य प्रदेश सरकार ने इसके लिए सभी औपचारिक व्यवस्थाएँ कर ली हैं। सभी 89 अनुसूचित क्षेत्रों में यह कर्ज 15 अगस्त तक माफ होना शुरू हो जाएंगे। इसके साथ ही मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने वन ग्रामों को राजस्व ग्राम बनाये जाने की भी जानकारी देते हुये बताया था कि आदिवासी वर्ग की मांग पर अनुसूचित जनजाति विभाग का नाम बदलकर आदिवासी विकास विभाग किया जायेगा।

यह कर्ज आदिवासी नहीं चुकाएंगे, मिलेंगे जेवर-जमीन वापस 

मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने अंतर्राष्ट्रीय आदिवासी दिवस पर अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए कई ऐतिहासिक कामों का खुलासा करते हुये का था कि साहूकारों से लिए कर्ज माफ करने के संबंध में कहा कि किसी आदिवासी ने कर्ज लेने के लिए अपनी जेवर, जमीन गिरवी रखी है तो वह भी उन्हें वापिस होंगे। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा
कि भविष्य में कोई साहूकार अनुसूचित क्षेत्र में साहूकारी करेगा तो उसे लायसेंस लेकर नियमानुसार धंधा करना होगा। मुख्यमंत्री ने चेतावनी दी कि अगर बगैर लायसेंस के किसी ने अनुसूचित क्षेत्रों में साहूकारी का धंधा किया तो यह नियमों का उल्लंघन माना जाएगा और इसे गैरकानूनी माना जायेगा। यह कर्ज आदिवासी नहीं चुकाएंगे।

डेबिट कार्ड देंगे और हर हाट में खोलेंगे एटीएम

विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कहा था कि प्रदेश के 89 अनुसूचित क्षेत्र विकासखंडों के आदिवासियों को साहूकारों से मुक्त कराने के लिए सरकार उन्हें रुपे, डेबिट कार्ड देगी। इसके जरिए वे जरूरत पड़ने पर दस हजार रुपये तक ए.टी.एम से निकाल सकेंगे। उन्होंने बताया कि हर हाट बाजार में ए.टी.एम. खोले जायेंगे।

मौजूद थे गवाह के रूप में मंत्री ओमकार मरकाम 

सबसे बड़ी बात यह है कि गवाह के रूप में मध्य प्रदेश शासन के आदिम जाति कल्याण मंत्री श्री ओंकार मरकाम भी मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ के द्वारा की जाने वाली घोषणा के दौरान विश्व आदिवासी दिवस समारोह में मौजूद थे तब मंत्री श्री ओमकार मरकाम ने भी कहा था कि नई सरकार ने कम समय में आदिवासी वर्गों के लिए जितने बड़े फैसले लिए है, वह एतिहासिक दस्तावेज बन गए हैं। उन्होंने कहा था कि इन फैसलों से आदिवासी समाज की उन्नति का नया मार्ग खुलेगा और वे पिछड़ेपन के दंश से उबर कर सम्मानित जीवन जीने की ओर अग्रसर होंगे। उन्होंने कहा था मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने जिस तरह से आदिवासियों के हित में फैसले लिए हैं इसलिए मैं कहता हूँ कि वे स्वयं आदिवासी है। उनकी चिंता इस वर्ग के लिए ऐसी है, जैसे वे हमारे समाज का प्रतिनिधित्व कर रहे हों। वहीं मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कहा था था कि मुझे गर्व है कि उन्हें आदिवासी माना गया उन्होंने कहा यह मेरे लिए सम्मान और आदर की बात है और मुझे इस पर गर्व है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश में नई सरकार बनने के बाद हमने जो प्राथमिकताएँ तय की और जिस नई सोच के साथ काम शुरू किया उसमें सबसे पहले हमने आदिवासियों, पिछड़े क्षेत्रों और पिछड़े वर्गों की चिंता की और उनके हित में कई फैसले किए। मुख्यमंत्री ने कहा था कि प्रदेश में आदिवासी विकास के सर्वांगीण विकास और उनके हित में काम करने के लिये हम संकल्पित है।

मुख्यमंत्री कमल नाथ ने विश्व आदिवासी दिवस पर छिंदवाड़ा में ये कहीं थी प्रमुख बाते 

मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने 9 अगस्त 2019 को विश्व आदिवासी दिवस पर प्रमुख इन बातों को कहा था जिनमें प्रमुख रूप से अनुसूचित क्षेत्र में आदिवासियों द्वारा साहूकारों से लिए गए सभी कर्ज माफ होंगे। वहीं 15 अगस्त 2019 को साहूकारों से लिए गए सभी कर्ज पूरी तरह से समाप्त हो जाएंगे और जिनकी जेवर, जमीन यदि गिरवी रखी है, तो वापिस की जाएगी और भविष्य में कोई साहूकार अनुसूचित क्षेत्र में साहूकारी का धंधा करना चाहता है तो लायसेंस और नियमों का पालन करेंगे एवं बगैर लायसेंस के साहूकारी का धंधा या नियमों का उल्लंघन किया तो ऐसा कर्ज नहीं चुकाया जाएगा।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कहा था कि आदिवासियों को डेबिट कार्ड दिए जाएंगे। जरूरत पड़ने पर ए.टी.एम. से निकाल सकेंगे 10 हजार रूपए। इसके साथ ही हर हाट बाजार में एटीएम खोले जायेंगे। खारिज वनाधिकार पत्रों का फिर से परीक्षण होगा और वनाधिकार पत्र जारी होंगे। 'मुख्यमंत्री मदद योजना' में आदिवासी परिवार में जन्म होने पर आधा क्विंटल और मृत्यु होने पर 1 क्विंटल खाद्यान्न मिलेगा। भोजन बनाने के लिए बड़े बर्तन भी उपलब्ध होंगे। सभी वन ग्राम राजस्व ग्राम बनेंगे। 40 नये एकलव्य विद्यालय खुलेंगे । 40 हाईस्कूल का हायर सेकेण्डरी में उन्नयन होगा। आदिवासी क्षेत्रों में 7 नये खेल परिसर बनेंगे। आदिवासी क्षेत्रों के विद्यालयों में पढ़ाने वाले 53 हजार अध्यापकों को शासकीय शिक्षक के समान सुविधाएँ मिलेंगी। अनुसूचित जनजाति विकास विभाग का नाम अब आदिवासी विकास विभाग होगा।

विशेष संपादकीय 
गोंडवाना समय
संपादक विवेक डेहरिया 

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