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7 एवं 8 फरवरी से होगा राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ का प्रांतीय अधिवेशन

7 एवं 8 फरवरी से होगा राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ का प्रांतीय अधिवेशन 

सरकार यदि किसानों की नहीं सुनेंगी तो किसान कहां जाएगा

सिवनी/पलारी। गोंडवाना समय।
राज्य एवं केंद्र सरकार से अपनी मांगों को लेकर राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के महाकौशल प्रांत का दो दिवसीय प्रांतीय अधिवेशन 7 व 8 फरवरी को पलारी तिगड्डा स्थित संगम लान तहसील केवलारी जिला सिवनी में आयोजित किया जा रहा है। प्रांतीय अधिवेशन में राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री शिव कुमार शर्मा कक्का जी कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, प्रवक्ता एवं मीडिया प्रभारी आशीष भैरम, राष्ट्रीय संगठन मंत्री देवनारायण जी पटेल, प्रदेश अध्यक्ष रविदत्त जी, महामंत्री तिलोक जी गोटी उपस्थित रहेंगे।

अन्यथा किसान तो बेमौत ही मर जाएगा 

केंद्र सरकार की किसान विरोधी नीतियों एवं राज्य सरकार की किसानों के प्रति अनदेखी के कारण आज देश का किसान बदहाल स्थिति में पहुंच गया है। बोनस, बीमा योजना एवं कर्ज माफी के नाम पर किसानों को ठगा जा रहा है और परेशान किया जा रहा है। राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के प्रवक्ता आशीष भैरम ने कहा कि एक
तरफ किसानों को फसल बीमा योजना में लूटा जा रहा है, फसल का उचित दाम नहीं मिल पाता है, फसल बेचने पर उसका भुगतान भी सही समय पर नहीं मिलता है। किसानों को गेहूं का बोनस भी नहीं दिया गया। कर्ज माफी में भी किसानों को धोखा ही मिला। इसके बाद शासकीय सहकारी सोसायटी द्वारा नकली खाद से किसानों को लाखों का नुकसान होता है। सरकार यदि किसानों की नहीं सुनेंगी तो किसान कहां जाएगा। देश में प्रतिदिन 35 से अधिक किसान आत्महत्या कर रहे हैं। सरकार को किसानों की समस्याओं को गंभीरता से लेना होगा, अन्यथा किसान तो बेमौत ही मर जाएगा।

किसानों को अधिकारों के प्रति करेंगे जागरूक 

अधिवेशन के प्रथम दिन किसान सम्मेलन, परिचय एवं संगठन की रीति नीति के बारे में चर्चा की जाएगी। राष्ट्रीय अध्यक्ष शिव कुमार शर्मा कक्का जी किसानों को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक करेंगे एवं प्रशिक्षित करेंगे, संगठन का विस्तार किया जाएगा। नई नियुक्तियां होंगी एवं 60 वर्ष से अधिक की उम्र वाले किसानों को सम्मानित किया जाएगा।  राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ सम्पूर्ण भारत मे कार्य करने वाला एकमात्र किसान संगठन है। संगठन ट्रेड यूनियन में रजिस्टर्ड है, सभी किसान भाइयों से अपील की गई है कि अधिक से अधिक संख्या में पहुंचकर किसानों के हितों एवं अधिकारों की रक्षा के लिए किसानों की आवाज को सरकार तक पहुंचाने हेतु कार्यक्रम को सफल बनाने में सहयोग करें, कार्यक्रम के दौरान किसानों के रूकने एवं भोजन की व्यवस्था किसानों द्वारा की गई है।

किसानों की मांगे नहीं मानी तो सरकार के विरूद्ध करेंगे बड़ा आंदोलन 

राष्ट्रीय अध्यक्ष शिव कुमार शर्मा कक्का जी ने कहा कि हमारी राष्ट्रीय स्तर पर दो मांगे हैं कि किसानों को एक बार पूर्ण रूप से कर्ज से मुक्त किया जाए एवं दूसरी मांग है कि केंद्र सरकार अपने वादे के अनुसार स्वामीनाथन की रिपोर्ट लागू कर किसानों को लागत का डेढ़ गुना मूल्य देने का फैसला जल्दी ले। प्रादेशिक एवं राष्ट्रीय अधिवेशन के माध्यम से देश के किसानों को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक किया जाएगा एवं यदि सरकारें मांगे नहीं मानती है तो आने वाले दिनों में राज्य एवं केंद्र की सरकार के खिलाफ बड़ा आंदोलन होगा। राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ का राष्ट्रीय अधिवेशन 23, 24 एवं 25 फरवरी 2020 को कुशीनगर,उत्तर प्रदेश में आयोजित किया जा रहा है।

प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के नाम सौंपेगे ज्ञापन 

राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के जिला संयोजक धन सिंह ठाकुर एवं जिला अध्यक्ष प्रीतम सिंह पटेल ने बताया कि 8 फरवरी को 02:00 बजे सभा समाप्ति के बाद  राज्य एवं केंद्र सरकार से 15 सूत्री मांगों को लेकर प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन कलेक्टर को सौंपा जाएगा। जिसमें राज्य सरकार से किसानों के हित में यह मांग संगठन की ओर रखा जायेगा जिसमें प्रमुख रूप से सभी किसानों का वचन पत्र के अनुसार दो लाख तक का कर्ज मुक्त किया जाये, यूरिया की पर्याप्त मात्रा में आपूर्ति सुनिश्चित की जाये, सिंचाई हेतु दिन में 12 घण्टे बिजली की आपूर्ति की जाये, गेंहू का बोनस, भावन्तर की राशि का भुगतान किया जाये, मंदसौर गोलीकांड के दोषियों को तत्काल फाँसी दी जाये, जून 2017 किसान आंदोलन के तहत दर्ज प्रकरण तत्काल वापस लिये जाये, नामांतरण, बटवारा, सीमांकन के अधिकार ग्राम पंचायत को दिये जायें। वहीं केन्द्र सरकार से मांग से भी मांग करते हुये  लागत के आधार पर लाभकारी मूल्य दिया जाये अर्थात स्वामीनाथन की रिपोर्ट को लागू किया जाये, देश के किसानों को ऋण मुक्त किया जाये, देश के किसानों की आय सुनिश्चित ई जाये, 55 वर्ष से अधिक उम्र के किसानों को 18000रु प्रतिमाह पेंशन दी जाये, प्रधानमंत्री फसल बीमा की राशि 2016,2017,2018,2019 की तत्काल दी जाये, फल, फूल, दूध,सब्जी को समर्थन मूल्य पर खरीदी सुनिश्चित की जाये, भूमि अधिग्रहण बिल किसान विरोधी है इसे निरस्त किया जाये, आयात- निर्यात नीति को कृषि अनुरूप ही कि जाये, कृषि उपकरण, उर्वरक पर अनुदान उधोगपति को न देकर किसानों को प्रत्यक्ष रूप से दी जाए।

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