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पॉस्को के मामले में छपारा पुलिस ने की फिर लापरवाही, दूसरी न्यायालय में बैठाये रखा था पीड़िता व परिजनो को

पॉस्को के मामले में छपारा पुलिस ने की फिर लापरवाही, दूसरी न्यायालय में बैठाये रखा था पीड़िता व परिजनो को

जिस न्यायालय में थी सुनवाई वहां छोड़कर दूसरे न्यायालय में क्यों बैठाये रखी थी छपारा पुलिस 

पॉस्कों के मामले में लगातार सिवनी जिले में पुलिस बरत रही लापरवाही, अधिकारी भी नहीं ले रहे संज्ञान  

सिवनी। गोंडवाना समय। 
पॉस्को एक्ट में गंभीरता बरतने के दिशा निर्देश हमेशा जारी होते रहते है। वहीं इस संबंध में जनजागरूकता अभियान भी स्कूलों व अन्य स्थानों पर चलाया जाता है परंतु पॉस्को एक्ट के मामले में पुलिस प्रशासन कितना गंभीर है, बीते कुछ महिने में इसके मामले सिवनी जिले में सामने आये चुके है। छपारा पुलिस थाना अंतर्गत सरकारी स्कूल में आठवी कक्षा की छात्रा के साथ शिक्षक अखिलेश डेहरिया द्वारा की गई छेड़खानी के मामले में पहले रिपोर्ट दर्ज कराने में लापरवाही बरते जाने का आरोप परिजनों व समाजिक संगठनों के द्वारा छपारा पुलिस पर लगाये गये थे। यहां तक इसको लेकर छपारा थाना प्रभारी पर कार्यवाही को लेकर ज्ञापन भी सौंपा गया था। छपारा पुलिस थाना द्वारा भा.द.वि के तहत 354, 354 (क), 342, 506, लैंगिक अपराधों से बालकों के संरक्षण अधिनियम 2012 के तहत 10 एवं 9 एफ के तहत आरोपी शिक्षक अखिलेश डेहरिया पर प्रकरण दर्ज किया था। वहीं पूर्व में शिकायत के दौरान रिपोर्ट दर्ज करने में लापरवाही बरतने के बाद छपारा पुलिस ने सम्माननीय सिवनी न्यायालय में सुनवाई की पेशी में भी 7 मार्च 2020 को लगभग 11 बजे ही पहुंचने के बाद पीड़िता व परिजनों के साथ न्यायालयीन कार्यवाही में भी गंभीर लापरवाही बरतने का मामला सामने आया है। 

दूसरे न्यायालय में पीड़िता व परिजनों को बैठाल दिया था

हम आपको बता दे कि छपारा पुलिस ने आठवी की छात्रा के साथ छेड़खानी करने वाले आरोपी शिक्षक अखिलेश डेहरिया पर 3 मार्च 2020 को दर्ज हुये प्रकरण में 7 मार्च 2020 को सम्माननीय सिवनी न्यायालय में हुई सुनवाई के दौरान जिस न्यायालय में प्रकरण के संबंध में सुनवाई होनी थी, वहां पर न बैठालकर नीचे के न्यायालय में पीड़िता व परिजनों को बैठाल दिया था। अब जिस न्यायालय में सुनवाई हो रही थी उस न्यायालय में न बैठालकर दूसरे न्यायालय में बैठालने के पीछे क्या कारण था। यह छपारा पुलिस थाना से आये संबंधित कर्मचारियों के द्वारा लापरवाही जानबूझकर किया गया था। इसकी यदि वरिष्ठ पुलिस अधिकारी संज्ञान लेकर जांच करवायेंगे तो सामने आ सकता है हालांकि इस संबंध में छपारा पुलिस थाना प्रभारी को भी सूचना दी गई थी। 

होता रहा पुकारा, सुनती रही छपारा पुलिस लेकिन पीड़िता को नहीं बुलाया


छपारा थाना में दर्ज हुये 3 मार्च 2020 को प्रकरण का आरोपी शिक्षक अखिलेश डेहरिया के मामले में सम्माननीय न्यायालय सिवनी में 7 मार्च 2020 को पहुंची पीड़िता के नाम का पुकारा सुनवाई वाले सम्माननीय न्यायालय से बार-बार किया गया। उसी कोर्ट में छपारा पुलिस थाना से आये कर्मचारी भी मौजूद थे। बताया जाता है कि 7 मार्च 2020 को ही एक ओर मामले की सुनवाई भी थी जो कि सिवनी न्यायालय में ऊपर की ही कोर्ट में चल रही थी। उसी न्यायालय में स्कूल में शिक्षक द्वारा किये गये छेड़छाड़ का प्रकरण की भी सुनवाई चल रही थी। प्रकरण के संबंध में पीड़िता के नाम का पुकारा सम्माननीय न्यायायल की चौखट से बार-बार किया जा रहा था। उसी कोर्ट की चौखट में ही छपारा पुलिस थाना से प्रकरण के संबंध में उपस्थित पुलिस कर्मचारी भी मौजूद थे लेकिन उसके बाद भी नीचे की कोर्ट में सुबह 11 बजे से छपारा पुलिस के कहने पर बैठी पीड़िता व उसके परिजनों को ऊपर की कोर्ट में तुम्हारा पुकारा-बुलावा हो रहा है इस संबंध में नहीं बताया और न ही बुलाया आखिर क्यों ? इसका जवाब छपारा पुलिस थाना प्रभारी और प्रकरण के संबंध में आये संबंधित कर्मचारियों के पास ही मिल सकता है। 

सम्माननीय न्यायालय से आरोपी को मिली जमानत

छपारा पुलिस थाना में 3 मार्च 2020 को दर्ज हुये प्रकरण भा.द.वि के तहत 354, 354 (क), 342, 506, लैंगिक अपराधों से बालकों के संरक्षण अधिनियम 2012 के तहत 10 एवं 9 एफ के तहत आरोपी शिक्षक अखिलेश डेहरिया पर न्यायालयीन कार्यवाही के तहत सम्माननीय न्यायालय से सम्माननीय न्यायाधीश द्वारा जमानत सुनवाई के दिन ही दी जा चुकी है। वहीं दोपहर के बाद जब सम्माननीय न्यायाधीश को जानकारी मिली थी कि पीड़िता व परिजन सुबह 11 बजे से आकर न्यायालय में नीचे की कोर्ट में छपारा पुलिस के कहने पर बैठे हुये थे। इसकी जानकारी मिलने पर छपारा पुलिस थाना से आये संबंधित कर्मचारियों पर सम्मानीय न्यायाधीश ने नाराजगी भी जताया था। वहीं उसके बाद पीड़िता व परिजनों को लगभग 4 बजे के बाद सुनवाई से संबंधित न्यायालय में पहुंचे जहां सम्माननीय न्यायाधीश द्वारा पीड़िता व परीजनों का पक्ष भी सुना गया। 

आठवी की छात्रा से शिक्षक ने किया था छेड़खानी

छपारा विकासखंड के सागर स्कूल के एक शिक्षक अखिलेश डहेरिया ने आठवी कक्षा की आदिवासी छात्रा से छेड़खानी का कृत्य किया था। जिस पर शिकायत मिलने के बाद छपारा पुलिस ने 3 मार्च 2020 को दोपहर मेें ही शिकायत दर्ज कराने के लिये छपारा पुलिस थाना में छात्रा व उसके परिजन पहुंच गये थे लेकिन उसके बाद भी छपारा पुलिस ने रात्रि में 23.20 बजे भा.द.वि के तहत 354, 354 (क), 342, 506, लैंगिक अपराधों से बालकों के संरक्षण अधिनियम 2012 के तहत 10 एवं 9 एफ के तहत आरोपी शिक्षक अखिलेश डेहरिया पर प्रकरण दर्ज किया था। 

रिपोर्ट के दिन भी दोपहर से देर रात्रि तक थाना में बैठाये रखी थी पुलिस 

आदिवासी छात्रा अपने परिजनों के साथ थाना छपारा आरोपी के खिलाफ शिकायत करने 3 मार्च को पहुंची थी तो छपारा पुलिस ने छात्रा को दोपहर से लेकर रात्रि में लगभग 9 बजे तक पुलिस थाना में ही बैठाल कर रखा था। इसका पीछे परिजनों को कारण यह बताया जा रहा था अभी महिला पुलिस अधिकारी नहीं आई है उनके आने 
पर ही कार्यवाही हो पायेगी। जबकि आदिवासी छात्रा अपने परिजनों के साथ दोपहर में ही छपारा पुलिस थाना आ गई थी लेकिन सिवनी से महिला पुलिस अधिकारी छपार पुलिस थाना देर रात में ही पहुंची। जबकि पॉस्को के संबंध जानकार यह बताते है कि बच्ची का बयान व अन्य कार्यवाही यदि पुलिस चाहती तो घर पर ही लिया जा सकता है लेकिन छपारा पुलिस ने ऐसा नहीं किया। वहीं सबसे अहम बात तो यह भी थी कि अगले ही दिन यानि 4 मार्च 2020 को आदिवासी छात्रा के आठवी कक्षा की परीक्षा भी थी लेकिन इसके बाद भी पीड़ित बच्ची को छपारा पुलिस ने दोपहर से लेकर रात लगभग नौ तक बजे थाने में ही बैठाले रखी थी। 

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