Type Here to Get Search Results !

ईपीएफओ ने 10 दिन में 1.37 लाख निकासी दावे निपटाये

ईपीएफओ ने  10 दिन में 1.37 लाख निकासी दावे निपटाये


नई दिल्ली। गोंडवाना समय।
केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के तहत एक सांविधिक निकाय, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने कोविड-19 से लड़ने में अभिदाताओं की सहायता के लिए ईपीएफ स्कीम में संशोधन करने के द्वारा विशेष रूप से बनाये गए एक प्रावधान के तहत 279.65 करोड़ की राशि संवितरित करते हुए देश भर में लगभग 1.37 लाख दावों को संसाधित किया है। धन का प्रेषण भी पहले ही आरंभ हो चुका है। वर्तमान में यह प्रणाली 72 घंटों के भीतर उन सभी आवदनों का संसाधन कर रही है जो पूरी तरह केवाईसी अनुवर्ती है। जिन सदस्यों ने दावों के लिए किसी अन्य वर्ग में आवेदन किया है, वे भी महामरी से लड़ने के लिए अपने दावे प्रस्तुत कर सकते हैं और प्रत्येक सदस्य की केवाईसी अनुवर्ती स्थिति के अनुरूप, उनके दावों को जल्द से जल्द निपटाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
कोविड-19 महामारी से लड़ने के लिए ईपीएफ स्कीम से विशेष निकासी का प्रावधान सरकार द्वारा घोषित पीएमजीकेवाई योजना का एक हिस्सा है और इस मामले में 28 मार्च, 2020 को ईपीएफ स्कीम के एक पैरा एल (3) का सूत्रपात करने के लिए तत्काल एक अधिसूचना जारी की गई। इस प्रावधान के तहत, तीन महीने के लिए मूल वेतन एवं महंगाई भत्ते की एक सीमा तक गैर-वापसी योग्य निकासी या ईपीएफ खाते में सदस्य के क्रेडिट में जमा राशि के 75 प्रतिशत तक की रकम, जो भी कम हो, प्रदान की जाती है। सदस्य कम राशि के लिए भी आवेदन कर सकते हैं। अग्रिम होने के कारण, इस पर आयकर कटौती नहीं की जाती।
मांग में भारत उछान का पूर्वानुमान लगाते हुए, ईपीएफओ ने एक बिल्कुल नया साफ्टवेयर प्रस्तुत किया जिसे आकस्मिक रूप से विकसित किया गया है और दावों की आन लाइन प्राप्ति के लिए एक रिसीट माड्यूल को 24 घंटों के भीतर पेश कर दिया गया एवं 29 मार्च, 2020 को इसे तैनात कर दिया गया। इसके अतिरिक्त, सोशल डिस्टैंसिंग को ध्यान में रखते हुए किसी शारीरिक आवाजाही में कमी करने के लिए आवेदन को पेपरलेस प्रारूप में करने की आवश्यकता थी। फैसला किया गया कि ऐसे सभी सदस्यों के संबंध में, जिनकी केवाईसी आवश्यकताएं हर प्रकार से पूर्ण हों, सिस्टम द्वारा प्रत्यक्ष रूप से आटो मोड में दावों के निपटान की प्रणाली विकसित की जाए।
कोविड 19 महामारी ने एक गंभीर खतरा उत्पन्न कर दिया है और इस चुनौतीपूर्ण समय में धन की महत्ती आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए तथा कोविड 19 महामारी से लड़ने को शीर्ष प्राथमिकता देते हुुए इसे अग्रिम रूप से ही संसाधित करने का फैसला किया गया।
महामारी से लड़ने के लिए अग्रिम का लाभ उठाने के दावों को आनलाइन भरा जाता है जिसके लिए आवश्यक है कि प्रत्येक ईपीएफ खाता पहले से ही केवाईसी अनुवर्ती हो। ईपीएफओे ने महामारी से लड़ने के लिए दावों को आनलाइन प्रस्तुत करने में सक्षम बनाते हुए केवाईसी को सरल बनाने के लिए जन्मतिथि शुद्धिकरण मानदंड में ढील दे दी है। ईपीएफओ किसी अभिदाता के आधार कार्ड में दर्ज जन्म तिथि को पीएफ रिकार्ड में जन्म तिथि के शुद्धिकरण के लिए एक वैध साक्ष्य के रूप में स्वीकार करेगा। जन्म तिथि में तीन वर्ष तक की भिन्नता के सारे मामले अब ईपीएफओ द्वारा स्वीकार किए जाते हैं।

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.