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मुख्यमंत्री ने 12, राज्य शासन ने 11 तो पंचायत विभाग ने कर दिये 10 रूपये क्यों ?

मुख्यमंत्री ने 12, राज्य शासन ने 11 तो पंचायत विभाग ने कर दिये 10 रूपये क्यों ?

कोविड-19 सुरक्षा के लिए मास्क के लिये कीमत तय करने का है मामला

हम आपको बता दे कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने 19 अप्रैल 2020 को मंत्रालय में बैठक में लेकर मास्क की कीमत 12 रूपये तय किया गया था। इसके बाद राज्य शासन ने इसकी कीमत 11 रूपये और वहीं पंचायत ग्रामीण विकास विभाग ने 10 रूपये कर दिया है आखिर क्यों ? इसका मतलब यह है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 12 रूपये तय कर जहां महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़कर संकट के समय में आर्थिक संबल प्रदान करने के लिये अच्छा फैसला लिया था लेकिन मुख्यमंत्री के फैसले पर मध्य प्रदेश शासन के अधिकारियों ने मास्क बनाने की कीमत पर कैंची चलाकर कम कर दिया है। 

भोपाल/सिवनी। गोंडवाना समय।
          मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में 19 अप्रैल 2020 को आयोजित हुई मंत्रालय में संपन्न बैठक में कोविड-19 से सुरक्षा के लिए राज्य शासन द्वारा प्रथम चरण में 50 लाख सूती रक्षा मास्क बनवाये जाने का निर्णय लिया गया था। जिसमें यह बताया गया था कि ये मास्क बाजार में बिकने वाले अन्य मास्क की तुलना में अत्यधिक किफायती हैं एवं इन्हें धोकर पुन: उपयोग में लिया जा सकेगा।
         बैठक में बताया गया था कि मध्य प्रदेश की समस्त राशन कार्ड धारकों को ये मास्क उपलब्ध करवाये जाएंगे। इन मास्क के निर्माण से जहाँ एक ओर शहरी महिलाओं को रोजगार मिलेगा, वहीं दूसरी ओर इनके उपयोग से कोरोना संक्रमण से नागरिक सुरक्षित भी रह सकेंगे। मास्क की कीमत मात्र 12 रुपये रखी गई है। प्रथम चरण में 50 लाख मास्क बनवाए जाएंगे।
           19 अप्रैल 2020 को यह बताया गया था कि इस योजना में शहरी महिलाएं अपना पंजीयन 23 अप्रैल 2020 से करवा सकेंगी। पंजीयन 30 अप्रैल 2020 तक किया जाएगा। प्रथम क्रय आदेश 3 मई को जारी किये जाएंगे। मास्क का वितरण 10 मई से प्रारंभ होगा।
             महिलाएं स्वयं के घर पर ही निर्माण कार्य संपादित करेंगी। प्रत्येक महिला को अधिकतम एक हजार मास्क बनाये जाने के आदेश दिए जाएंगे। वहीं 19 अप्रैल 2020 को आयोजित बैठक में मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, श्री विवेक पोरवाल और श्री नंदकुमारन भी उपस्थित थे।

जीवन शक्ति योजना में प्रति मास्क मिलेंगे 11 रुपये

              राज्य शासन ने कोरोना से नागरिकों को बचाने के लिये बड़े पैमाने पर मास्क निर्माण की 'जीवन शक्ति' योजना लागू कर दी है। इस योजना में सौ प्रतिशत कॉटन से निर्मित दोहरी परत वाले मास्क बनाए जाएंगे। ये मास्क कोरोना वायरस की रोकथाम में अत्यन्त प्रभावशाली रहेंगे।
             इसके लिये पात्रता एवं पंजीयन की प्रक्रिया निर्धारित की गई थी इस योजना में ऐसी संस्थाएं जिन्हें एग्रीगेटर कहा जाएगा, जो विभिन्न माध्यमों से मास्क की मांग का संग्रहण करती है वे भी पात्र होगी एवं इन संस्थाओं का पंजीयन पृथक से किया जाएगा। अन्य संस्थान भी अपनी आवश्यकता के मास्क इस योजना के माध्यम से शहरी पंजीकृत महिलाओं से बनवा सकते हैं।
            इच्छुक महिलाएं अपना पंजीयन बेवसाइट पर स्वयं एवं इसके अलावा महिलायें फोन नम्बर 0755-2700800 पर फोन करके भी अपना पंजीयन करा सकती थी। पंजीयन कराने के लिए स्वयं के नाम का बैंक खाता क्रमांक एवं आधार क्रमांक अनिवार्य किया गया था।
           पंजीयन के बाद प्रत्येक हितग्राही को समस्त जानकारी केवल उसके पंजीकृत मोबाइल पर ही भेजी जाएगी। इसके अतिरिक्त, हितग्राही समस्त जानकारियाँ पोर्टल पर अपने खाते में भी देख सकेंगे बताया गया था। 

मास्क की संरचना, मास्क आदेश का प्रदाय

           प्रत्येक महिला को आवश्यक संख्या में मास्क बनाने का आदेश केन्द्रीयकृत पोर्टल से दिया जाएगा। स्वीकृतकर्ता अधिकारी द्वारा क्रय आदेश को पोर्टल पर स्वीकृत करते ही आदेश संबंधित महिला के पंजीकृत मोबाइल पर एसएमएस के माध्यम से प्राप्त होगा। इस एसएमएस में एक लिंक भी होगा, जिस पर क्लिक करने पर हितग्राही इस क्रय आदेश की प्रति देख सकेंगे।
              इसके अतिरिक्त, किसी भी एमपी आॅनलाइन, लोक सेवा केन्द्र अथवा कामन सर्विस केन्द्र से भी इसकी प्रति प्राप्त कर सकेंगे। एसएमएस से प्राप्त आदेश पर महिला हितग्राही अपना निर्माण कार्य प्रारंभ कर सकती हैं। उसको अन्य किसी प्रकार के अन्य आदेश की आवश्यकता नहीं होगी। मास्क का आकार 8' 4' का होना चाहिए।
           मास्क शत-प्रतिशत सूती वस्त्र का होना चाहिए। मास्क थ्री फोल्ड डबल लेयर होना चाहिए। मास्क निर्माण की प्रक्रिया भारत सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार द्वारा जारी मेन्यूअल दिनांक 30.03.2020 के अनुसार होगी। मास्क का निर्माण हितग्राही अपनी सुविधा के स्थल पर कर सकेंगे।

मास्क को प्रदान करने की प्रक्रिया

             इस व्यवस्था के संचालन के लिये जिला कलेक्टर प्रत्येक नगरीय निकाय स्तर पर निर्मित मास्क प्राप्त करने के लिये अधिकारी नियुक्त करेंगे के निर्देश दिये गये थे। आवश्यकतानुसार प्रति नगरीय निकाय एक से अधिक अधिकारी भी नामित किये जा सकते हैं।
             मास्क निर्माण होने पर हितग्राही अपने निर्मित मास्क जिला कलेक्टर द्वारा नामित अपने नगरीय निकाय के अधिकारी को प्रदान करेंगे। मास्क प्राप्ति की स्वीकृति संबंधित अधिकारी द्वारा अनिवार्यत: पोर्टल पर दर्ज की जाएगी।
              यह स्वीकृति पोर्टल से भी प्रिंट की जा सकती है। नामित अधिकारी द्वारा मास्क की प्राप्ति दर्ज करते ही 11 रुपये प्रति मास्क की दर से राशि हितग्राही के पंजीकृत खाते में हस्तातरित हो जाएगी। इस संबंध में एसएमएस हितग्राही के मोबाइल पर भी भेजा जाएगा।

वितरण की प्रक्रिया

             मास्क विक्रय करने के लिये सभी इच्छुक संस्थाएँ नामित अधिकारी से मास्क प्राप्त कर सकेंगी। नामित अधिकारी ऐसी सभी संस्थाओं को 11 रुपये प्रति मास्क की दर से राशि प्राप्ति के बाद मास्क प्रदान करेगें। इसकी प्रविष्टि पोर्टल पर करेंगे। डिमांड ड्राफ्ट 'मध्यप्रदेश औद्योगिक विकास निगम' के नाम भोपाल में देय होंगे।
               मास्क की ब्रिकी के बाद भविष्य की आवश्यकता का आकलन नामित अधिकारी करेंगे। इसकी सूचना पोर्टल पर दर्ज करेंगे। जिला कलेक्टर से कहा गया है कि वे इस योजना से अधिक से अधिक महिलाओं एवं उचित मूल्य की दुकानों को जोड़ें।

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