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200 साल पुराना तालाब हो रहा बर्बाद

200 साल पुराना तालाब हो रहा बर्बाद

जीणोद्धार के लिये ताक रहा प्रशासन की राह 

सिवनी। गोंडवाना समय। 
जहाँ एक तरफ सरकार पुराने जलाशयों को संरक्षित करने की बात करती है और इसके लिए हर साल करोड़ों रूपये का बजट भी तैयार होता है। वहीं  सिवनी जिले से लगभग 150 किलोमीटर दूर तहसील घंसोर के खाल्हेघाट ग्राम झिंझरई ग्राम पंचायत झिंझरई में लगभग 200 साल पुराना तालाब जो इस गांव की मुख्य पहचान और पानी की कमी को दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। 
               
इस तालाब में पर लगभग 2 से 3 गाँव के मवेशियों को पीने के लिए पानी मिलता है लेकिन सरकार, शासन-प्रशासन व संबंधितों विभागों की अनदेखी के कारण तालाब अब समाप्त होने की कगार में आ गया है। तालाब में उसमे 2 पुरस कीचड़ जमा हो चुका है, जिसके कारण मवेशियां यदि गर्मी के समय में तालाब के अंदर जाते है तो उसी कीचड़ में फंस जाते है। तालाब का पानी इतना गंदा हो चुका है कि ना ही लोग उसमें नहा सकते ना ही मवेशियां उसमें पानी पी पाते है।
               
पिछले वर्ष अत्याधिक वर्षा होने के कारण एक ओर की सारी मेढ़ धंस गई है। जिसके कारण अब बारिश के पानी को भी नहीं रोका जा सकता है। जब अत्याधिक बारिश होती है तो सारा गांव रात रात भर जागकर उसकी रक्षा करता है। पानी निकालने के लिए छांटे की व्यवस्था तक नहीं है। गांव के लोग तालाब की मेढ़ कहीं और से ना टूट जाय इसके लिए खुद ही पानी निकालने की व्यवस्था करते है।

गहरीकरण व जीणोद्धार की ग्रामीणों ने की मांग 

गाँव के लोग इसके गहरीकरण, पक्के छांटे और धसी हुई मेड़ के लिए गाँव के लोगों राजेंद्र चौधरी, उमेश चौधरी, महेंद्र पटेल, मोहन चौधरी, बेनी प्रसाद पटेल, बारेलाल पटेल, सोन सिंह वरकडे, भागवत चौधरी, तोकराम पटेल, बलराम पटेल, विजय मर्सकोले ने बताया कि वर्षो से ग्राम पंचायत, जनपद, जिला कलेक्टर, मुख्यमन्त्री तक को आवेदन दे चुके हे कि 200 साल पुराने तालाब का जीर्णोद्वार किया जाय परंतु अभी तक इसके लिए कोइ भी कार्रवाई नहीं हुई है। 

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