Type Here to Get Search Results !

वित्त आयोग ने विद्युत क्षेत्र के सुधारों पर विद्युत मंत्रालय के साथ बैठक की

वित्त आयोग ने विद्युत क्षेत्र के सुधारों पर विद्युत मंत्रालय के साथ बैठक की

विद्युत मंत्री और वित्‍त आयोग ने यह माना कि विद्युत क्षेत्र की वित्‍तीय सेहत में सुधार के लिए मजबूत एवं प्रणालीगत सुधारों की आवश्यकता है


नई दिल्ली। गोंडवाना समय। 
वित्त आयोग के अध्यक्ष श्री एन. के. सिंह और इसके सदस्यों तथा वरिष्ठ अधिकारियों ने आज राज्यों में बिजली क्षेत्र के सुधारों से संबंधित मुद्दों पर केंद्रीय विद्युत मंत्री श्री आर के सिंह की अध्यक्षता में विद्युत मंत्रालय के साथ एक विस्तृत बैठक की। यह वित्त वर्ष 2020-2021 के लिए अपनी रिपोर्ट में वित्त आयोग द्वारा विद्युत क्षेत्र पर की गई सिफारिशों के मद्देनजर ही आयोजित की गई।
वित्त वर्ष 2021-2026 के लिए वित्‍त आयोग की अगली रिपोर्ट को ध्‍यान में रखते हुए यह बैठक की गई। वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण द्वारा विद्युत वितरण कंपनियों (डिस्‍कॉम) के लिए 90,000 करोड़ रुपये के नकदी प्रवाह (लिक्विडिटी) की घोषणा को इस दौरान ध्यान में रखा गया। यह घोषणा दरअसल कोरोना वायरस लॉकडाउन से उत्‍पन्‍न आर्थिक व्यवधान का मुकाबला करने के लिए पांच किस्तों में से पहली किस्‍त में किए गए 15 अहम उपायों में से एक है। उल्‍लेखनीय है कि इस अवधि में विद्युत वितरण कंपनियों की वित्‍तीय सेहत पर काफी दबाव पड़ा है। वित्त मंत्री की घोषणाएं विद्युत सेक्टर में सुधारों में तेजी लाने संबंधी प्रधानमंत्री की प्राथमिकता के साथ-साथ उन मुद्दों को उठाए जाने की आवश्‍यकता को दर्शाती हैं जो इस सेक्‍टर को निरंतर नुकसान पहुंचा रहे हैं।
विद्युत मंत्री ने वित्‍त आयोग को इस बात से अवगत कराया कि राज्य सरकार द्वारा निर्णय लेने और उसके वित्तीय नतीजों के बीच बिजली व्यवस्था की संरचनाओं में मौजूदा समय में कोई जुड़ाव नहीं है जिसका खामियाजा डिस्कॉम को उठाना पड़ता है जिससे नुकसान होता है। विद्युत मंत्री ने राज्य सरकारों द्वारा भी अपने पूर्ण स्वामित्व वाली डिस्‍कॉम की वित्तीय सेहत या माली हालत की जिम्मेदारी संयुक्‍त रूप से लेने की आवश्‍यकता पर विशेष जोर दिया। इसके लिए एफआरबीएम अधिनियम के तहत राज्य सरकारों की उधारी सीमा में बदलाव की जरूरत थी, ताकि इन देनदारियों को ध्यान में रखा जा सके। इससे उन राज्य सरकारों की जिम्मेदारी को सामने लाने में मदद मिलेगी जिनके नियंत्रण में डिस्‍कॉम का संचालन होता है। इससे वित्तीय पारदर्शिता भी आएगी और इसके साथ ही डिस्‍कॉम के संबंध में वित्तीय एवं प्रबंधकीय दृष्टि से राज्यों का उत्तरदायी व्यवहार भी सुनिश्चित होगा।
विद्युत मंत्री ने वित्‍त आयोग को डिस्‍कॉम में व्‍यापक बदलाव लाने के लिए प्रस्‍तावित सुधारों के बारे में जानकारी दी। इसमें नई टैरिफ नीति शामिल है जो अनुमोदन के लिए विचाराधीन है। इसमें बिजली क्षेत्र में लीक से हटकर सुधार भी शामिल हैं। वर्ष 2003 के विद्युत अधिनियम में संशोधन प्रस्तावित हैं। विद्युत मंत्री ने वित्‍त आयोग को सूचित किया कि मंत्रालय की पुरानी योजनाओं को एक नई योजना में समाहित किया जा रहा है जिसके लिए उन्‍होंने पांच साल की अवधि में 3 लाख करोड़ रुपये की सहायता के लिए आयोग से अनुरोध किया। इस योजना के तहत मुख्य रूप से नुकसान में कमी करने के लिए आवश्‍यक कदम उठाने, कृषि क्षेत्र के लिए अलग फीडरों और स्मार्ट प्रीपेड मीटरों पर फोकस किया जाएगा।
वित्‍त आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों ने बिजली क्षेत्र में की जा रही पहलों के लिए विद्युत मंत्री की सराहना करते हुए नियामकीय पकड़, वित्तीय इंजीनियरिंग, सुधारों की निरंतरता, इत्‍यादि मुद्दों पर मंत्रालय को उपयोगी सुझाव दिए।
उल्लेखनीय है कि 15वें वित्त आयोग ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए अपनी रिपोर्ट में यह बात रेखांकित की है कि वर्ष 2016-17 में उज्‍ज्‍वल डिस्कॉम आश्‍वासन योजना (उदय) के कार्यान्वयन के बाद ज्‍यादातर राज्यों ने अपने कुल तकनीकी एवं वाणिज्यिक (एटीएंडसी) नुकसान और आपूर्ति की औसत लागत एवं औसत प्राप्ति योग्य राजस्व के बीच अंतर (एसीएस-एआरआर) में कुछ हद तक कमी की है। हालांकि, इस दिशा में प्रगति तब तक टिकाऊ नहीं होगी जब तक कि बिजली क्षेत्र में प्रणालीगत मुद्दों को उपयुक्त रूप से सुलझाया नहीं जाएगा। इसके मद्देनजर विद्युत मंत्री और वित्‍त आयोग ने यह माना कि विद्युत क्षेत्र की वित्‍तीय सेहत में सुधार के लिए मजबूत एवं प्रणालीगत सुधारों की आवश्यकता है।
वित्त आयोग ने विद्युत मंत्रालय को यह आश्वासन दिया कि वह अपनी अंतिम रिपोर्ट तैयार करते समय अपने विचार-विमर्श में मंत्रालय के सुझावों को पूरी तरह से ध्यान में रखेगा।  

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.