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पैदल नहीं अब शिवराज मामा की बस में पहुंचने वाले है जनजाति श्रमिक घंसौर

पैदल नहीं अब शिवराज मामा की बस में पहुंचने वाले है जनजाति श्रमिक घंसौर 
गोंडवाना समय की आवाज पर शिवराज सरकार ने लिया संज्ञान 

जिला प्रशासन, आदिम जाति कल्याण विभाग सिवनी व झाबुआ ने निभाया महत्वपूर्ण भूमिका 

सिवनी। गोंडवाना समय। 
हम आपको बता दे कि जनजाति बाहुल्य जिला गुजरात से घंसौर आने के लिये सोमवार के दिन पैदल निकले श्रमिकों ने नीमखेड़ा पहुंचने पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान से मदद की गुहार लगाये थे।
वहीं इन श्रमिकों की पैदल चलने की जानकारी घंसौर ब्लॉक के समाजिक कार्यकर्ता मनीराम काकोड़िया व गोंडवाना समय समाचार पत्र को मिली तो गोंडवाना समय समाचार पत्र में गुजरात से पैदल घंसौर के लिये निकले श्रमिक, मुख्यमंत्री से मदद की लगाई गुहार हैडिंग से समाचार चलाया गया था। जिस पर तत्काल शासन, प्रशासन व आदिम जाति कल्याण विभाग के सहायक आयुक्त श्री एस एस मरकाम ने संज्ञान लिया और गुजरात से पैदल निकले जनजाति वर्ग के श्रमिकों को पैदल नहीं बस से वापस लाने का इंतजाम करवाया।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से लगाई थी गुहार 

जनजाति बाहुल्य मध्य प्रदेश के सिवनी जिले के लखनादौन विधानसभा क्षेत्र के ब्लॉक घंसौर के 17 श्रमिक कुछ छोटे-छोटे बच्चों को लेकर गुजराज राज्य में बड़ौदरा के पास स्थित मैग्नीज फैक्टरी में कार्य करते थे। वहीं लॉकडाउन के समय से ही भोजन पानी की सुविधा के अभाव में मजबूर होकर अपने घर व गांव वापस आने के लिये सोमवार को निकले थे और 24 घंटे में लगभग 90 किलोमीटर से अधिक का सफर पैदल ही तय कर चुके थे और नीमखेड़ा के पास जंगल से ही उन्होंने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के नाम एक संदेश घर तक पहुंचने के लिये मदद करने का वीडियों बनाकर पहुंचाया था। वहीं उनकी आवाज को मध्य प्रदेश सरकार तक पहुंचाने में गोंडवान समय ने भूमिका निभाया था। 

कुछ देर पहले नरसिंहपुर पहुंचे, जल्द पहुंचेंगे अपने घर

हम आपको बता दे कि गुजरात से पैदल निकले श्रमिकों की जानकारी मध्य प्रदेश सरकार, शासन, सिवनी जिला प्रशासन व आदिम जाति कल्याण विभाग को मिली तो उन्होंने तत्काल संज्ञान लिया। वहीं गुजरात से पैदल घँसौर के लिये निकले श्रमिकों के मोबाईल नंबर पर आदिम जाति कल्याण विभाग सिवनी के सहायक आयुक्त श्री एस एस मरकाम ने संपर्क कर उन्हें वहीं पर रूकने के साथ अन्य साधनों की व्यवस्था बनवाकर झाबुआ वॉर्डर तक मंगलवार की शाम तक बुलवाया गया था। उसके बाद झाबुआ आदिम जाति कल्याण विभाग, व झाबुआ प्रशासन द्वारा उनकी स्वास्थ्य संबंधी जांच के बाद उन्हें बस के साधन की व्यवस्था उपलब्ध करवाकर उन्हें घंसौर घर तक पहुंचाने के लिये व्यवस्था बनवाकर रवाना किया गया। हम आपको बता दे कि गुजरात से पैदल निकलने वाले श्रमिक बस में 6 मई 2020 को शाम लगभग 5.45 बजे नरसिंहपुर तक पहुंच गये थे। वहीं जल्द ही घंसौर अपने घर पहुंचेंगे। 

घंसौर ब्लॉक के जनजाति वर्ग के श्रमिक है शामिल 

गुजरात के बड़ौदरा के पास स्थित मैग्नीज फैक्ट्री से सोमवार के दिन से पैदल निकले सिवनी जिले के घंसौर ब्लॉक के श्रमिकों में कपिल कुमरे घंसौर, मंजीत तेकाम घंसौर, शिवजीत तेकाम घंसौर, सुनील परते घंसौर, माया परते घंसौर, सेवकुमार तेकाम घंसौर, धर्मेन्द्र मरावी तुमड़ीपार, मनीष पंद्रे तुमड़ीपार, सुनील उईके तुमड़ीपार, बरदानी परते तुमड़ीपार, मान सिंह पन्द्रे तुमड़ीपार, मिथलेश उईके तुमड़ीपार, मैना बाई उईके तुमड़ीपार, प्रेमलता उईके तुमड़ीपार, हरो बाई परते तुमड़ीपार, संजू भलावी तुमड़ीपार, अनिल उईके तुमड़ीपार व छोटे-छोटे बच्चे भी शामिल थे जो कि अब मध्य प्रदेश सरकार द्वारा बस के साधन से अपने घर पहुंचने वाले है।  

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