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पटवारियों को तहसीलदार अशोभनीय व अपशब्दों से करते है संबोधित

पटवारियों को तहसीलदार अशोभनीय व अपशब्दों से करते है संबोधित 

पटवारियों ने सौंपा तहसीलदार के विरुद्ध कलेक्टर के नाम ज्ञापन

ज्ञापन से बौखलाए तहसीलदार ने पांच पटवारियो पर एसडीएम से करवा दिया नियमविरूद्ध दुर्भावनापूर्ण आदेश

एसडीएम और तहसीलदार पटवारियो को शारीरिक और मानसिक रुप से कर रहे हैं परेशान

पटवारी लेंगे मानवअधिकार आयोग की शरण

सिवनी/धनोरा। गोंडवाना समय। 
सिवनी जिले की धनोरा तहसील में पदस्थ तहसीलदार के द्वारा अपने स्वयं के स्वार्थ के लिए अब पटवारियों को परेशान करना शुरू कर दिया गया है। तहसील कार्यालय धनोरा मे नियम विरुद्ध तरीके से निर्वाचन कार्य के नाम पर एक शिक्षक पिछले 2 वर्षों से तहसील में संलग्न हैं और तहसीलदार अपने निजी स्वार्थ के लिए उसे अपने एजेंट के रूप में स्वयं के फायदे के लिए तहसील में नियम विरुद्ध शासन-प्रशासन के निदेर्शों के बाद भी संलग्न करें हुए हैं। 

निर्वाचन के नाम पर तसहील में डटे है शिक्षक

जबकि  पूर्व में ही आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय मध्यप्रदेश शासन और जबलपुर संभाग आयुक्त जबलपुर के द्वारा शिक्षकों को गैर शिक्षण कार्य में संलग्न होने पर कार्य मुक्त करने का जून 2019 को निर्देशित पत्र जारी कर दिया गया है। इसके बाद भी वर्तमान समय में तहसील धनोरा में शिक्षक विजय उपाध्याय को तहसीलदार संजय बारस्कर के द्वारा अपने निजी स्वार्थ हेतु तहसील कार्यालय में निर्वाचन कार्य के नाम पर संलग्न किये हुए हैं जो कि निर्वाचन के नाम पर संलग्न है। इनके कहने पर व  इनके इशारों पर तहसीलदार धनोरा संजय बारस्कर धनोरा तहसील के पटवारियों को परेशान करने की नियत से आए दिन ज्ञापन सौंप दिया करते हैं । 

मुख्यमंत्री भी कर चुके है पटवारियों की सराहना

तहसीलदार के  निज स्वार्थ पूरा न होने पर तहसीलदार अक्सर किसी ना किसी बात को कारण बना कर पटवारियो को मानसिक रुप से परेशान करते हैं। जबकि लगभग पिछले दो माह से ना केवल धनोरा बल्कि पूरे देश-प्रदेश में कोरोना वायरस महामारी संक्रमण बीमारी के समय तक में गांव-गांव जाकर पटवारी शासन प्रशासन के निर्देशों का जनहित में पालन कर रहे हैं और लोगों से पालन करा रहे हैं और पटवारियो के कार्य को लेकर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी राजस्व विभाग के इन पटवारियों को एक वीडियो जारी करते हुए पटवारियो के द्वारा किये जा रहे कार्यो की सराहना की है। 

नियम विरूद्ध जारी हुआ आवागमन पास 

वहीं धनोरा तहसील में  पदस्थ प्रभारी तहसीलदार संजय बारस्कर के द्वारा कोविड-19 महामारी के चलते शासन के नियमो को धत्ता बताते हुये नियम विरुद्ध तरीके से आॅनलाईन आवागमन अनुमति पत्र (पास) के बदले संदेहप्रद आॅफलाईन पास सिवनी जिले से सतना जिला और सतना से सिवनी आवागमन पास जारी कर 
दिया गया। वो भी उनके खास कहे जाने वाले शिक्षक जो कि निर्वाचन कार्य के नाम पर तहसील कार्यालय पर संलग्न है। तहसीलदार के  कृपापात्र के इशारों पर तहसीलदार धनोरा पटवारियों पर दुर्भावना पूर्वक  कभी भी कारण बताओ नोटिस जारी करके मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाता है।

अशोभनीय अपशब्दों से संबोधित करते है तहसीलदार 

वहीं 5 मई 2020 को धनोरा तहसील के पटवारियों ने प्रभारी तहसीलदार के द्वारा मानसिक प्रताड़ित करने के संबंध में कलेक्टर के नाम एक ज्ञापन तहसीलदार धनोरा को ही सौंपा। जिसमें नियम विरुद्ध तरीके से निर्वाचन के नाम पर संलग्न शिक्षक विजय उपाध्याय का जिक्र के साथ-साथ दुर्भावना पूर्वक जारी हो रहे कारण बताओ नोटिस और प्रभारी तहसीलदार धनोरा संजय बारस्कर के द्वारा पटवारियों को बात-बात पर अशोभनीय अपशब्दों का प्रयोग करने के संबंध में कार्यवाही  हेतु क्षेत्रीय केवलारी विधायक राकेश पाल के साथ-साथ एसडीएम घंसौर, संभाग आयुक्त जबलपुर और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन पत्र तहसील कार्यालय धनोरा में सौंपा है।

कड़ी धूप में ड्यृटी लगाओं तब इनकी अक्ल ठिकाने लगेगी 

ज्ञापन लेकर पढ़ने के बाद प्रभारी तहसीलदार धनोरा संजय बारस्कर बौखलाए और उन्होंने पटवारियों के विरुद्ध षड्यंत्र रचते हुए अपने पक्ष में घंसौर एसडीएम को फोन लगाकर शाम 7:00 बजे बुला लिया और फिर एसडीएम घंसौर श्याम वीर सिंह के द्वारा राजस्व निरीक्षक सुखमन कुलेश से पटवारियो को बुलवाया गया। जहां राजस्व निरीक्षक के द्वारा एकांत में जाकर बताया गया कि साहब का कहना है ज्ञापन वापिस ले लो ओर माफी मांग लो और फिर जब उपस्थित पटवारियों को बुलाकर एसडीएम पूछने लगें क्या समस्या है हमे बताओ ज्ञापन देने से क्या? और अब तुम सभी को देखता हूँ। तुम लोगो ने सीधे कलेक्टर को ज्ञापन लिखा और कहा कि आर.आई.  इन दो चार पटवारीयो की सुबह से कड़ी धूप में डियुटी लगा दो ये दिन भर गांव में घूम-घूम कर लोगो को मॉक्स बाटेंगे और चालान काटेंगे। तब इनकी अकल ठिकाने लगेगी ।

सुनते जाए और सहते जाए उसका विरोध ना करें 

कुल मिलाकर यदि कोई कर्मचारी अपने स्वाभिमान की लड़ाई लड़े तो उसे शारीरिक मानसिक रूप से प्रताड़ित करने की नियत से नियम विरुद्ध आदेश जारी कर दिए जाते हैं। इसका मतलब यही हुआ कि अधिकारी यदि आप पर जो भी आदेश  थोप रहे है या फिर आपको अपशब्द से संबोधित कर रहे है या फिर अपने निजी स्वार्थ के लिए तुम्हारा शोषण कर रहे है तो आप भली-भांति उसको सुनते जाए और सहते जाए उसका विरोध ना करें यदि आप विरोध करेंगे तो विरोध के बदले दुर्भावना पूर्वक आपको परेशान करने की नियत से पद का रौब दिखाकर एक और आदेश थोप दिया जाएगा और आपकी आवाज को दबाने की कोशिश की जायेगी। 

21 मार्च का आदेश के अनुसार अब लगाई ड्यूटी

जिस आदेश में 5 पटवारियों की ड्यूटी लगाकर जिला कलेक्टर के आदेश दिनांक-21 मार्च 2020 का जिक्र किया गया है उस पत्र को जारी हुये डेढ़ माह हो चुका है। इसके पहले तहसील में उस आदेश के जिक्र से किसी की ड्यूटी नहीं लगाई गई लेकिन हां तहसीलदार के गलत कारनामे और गलत रवैए के खिलाफ यदि पटवारियों ने कलेक्टर के नाम कार्रवाई हेतु ज्ञापन क्या सौंपा तहसीलदार और एसडीएम ने पटवारियों से बदला लेने का मन बना लिया और यही कारण है कि पटवारियों की प्रात: 7:00 बजे से ड्यूटी का आदेश देर शाम जारी करके  व्हाट्सएप के माध्यम से राजस्व निरीक्षक धनोरा से ग्रुप में डलवा दिया गया है।

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