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पुलिस ने नहीं सुनी पुकार तो न्याय पाने मोनिका बट्टी पहुंची राज्यपाल व मानव अधिकार आयोग के द्वार

पुलिस ने नहीं सुनी पुकार तो न्याय पाने मोनिका बट्टी पहुंची राज्यपाल व मानव अधिकार आयोग के द्वार

पिता की आकस्मि व संदिग्ध मृत्यू पर न्यायिक व सीबीआई जांच कराये जाने की मांग 

चिरायू अस्पताल प्रबंधक व अन्य पर एफआईआर दर्ज कराई जाये 

भोपाल/सिवनी। गोंडवाना समय। 

विगत दिनों पूर्व विधायक मनमोहन शाह बट्टी की आकस्मिक मृत्यू हो जाने पर उनकी बेटी ने चिरायू अस्पताल प्रबंधन व अन्य पर एफआईआरदर्ज कराने की मांग को लेकर भोपाल के खजूरी सड़क पुलिस थाना में शिकायत दिया था लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही नहीं होने पर उन्होंने अपने पिता की मृत्यू के बाद न्याय पाने के लिये अब मध्य प्रदेश की महामहिम राज्यपाल महोदया व मध्य प्रदेश मानव अधिकार आयोग भोपाल कार्यालय में अध्यक्ष के नाम से शिकायती पत्र देते हुये अपने पिता स्व श्री मनमोहन शाह बट्टी के आकस्मिक संदिग्ध मृत्यू के संबंध में चिरायु अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ न्यायिक सीबीआई जांच एवं प्राथमिकी दर्ज कराने की मांग को लेकर पूर्व विधायक मनमोहन शाह बट्टी जी की बेटी मोनिका बट्टी ने पत्र सौंपा है। 

मुझे पिताजी से मिलने दिया ना ही इलाज के बारे में बताया  

पूर्व विधायक मनमोहन शाह जी की मोनिका बटट्ी ने महामहिम राज्यपाल व मानव अधिकार आयोग अध्यक्ष को दिये गये आवेदन में बताया कि मेरे पिता जी श्री मनमोहन शाह बटट्ी वर्तमान में पूर्व विधायक एवं अखिल भारतीय गोंडवाना पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे एवं आदीवासी समाज का नेतृत्व करते थे। जिनका में इलाज कराने चिरायु अस्पताल में 29 जुलाई 2020 को शाम के समय लगभग 5 बजे से उपचार कराने पहुंची थी। जिसके बाद उन्हें भर्ती कर लिया गया जबकि वह केवल मात्र सामान्य चेकअप कराने गये थे। जब मेनें पिताजी के इलाज के बारे मे चिरायु अस्पताल भैंसाखेड़ी, प्रंबधंक श्री अजय गोयनका एंव अधीक्षक अन्य चिरायु मेडीकल कॉलेज के मुख्य लोगो से बातचीत की तो ना मुझे पिताजी से मिलने दिया ना ही इलाज के बारे में बताया गया। 

मेरे पिताजी का अस्पताल द्वारा हेल्थ बुलेटिन जारी नहीं किया गया

पूर्व विधायक मनमोहन शाह बट्टी जी की बेटी मोनिका बट्टी ने महामहिम राज्यपाल व मानव अधिकार आयोग अध्यक्ष को दिये गये आवेदन में आगे यह उल्लेख किया है कि उक्त मामले में मुझे संदेह है कि अस्पताल प्रबंधन एवं राजनैतिक षड़यंत्र की मिलीभगत के तहत हत्या की गई है। मेरे पिताजी का अस्पताल द्वारा हेल्थ बुलेटिन जारी नहीं किया गया और ना ही मुझे पिता जी के बीमारी के संबंध में किसी भी प्रकार के इलाज की जानकारी नही दी गई। यहां तक ना ही मेरे परिवार के किसी भी सदस्य कोई को इस संबंध में कोई जानकारी नही दी गई है। चिरायु अस्पताल प्रंबधन के कब्जे में मेरे पिता जी के इलाज के सर्म्पूण दस्तावेज भर्ती दिनांक से मेडीकल रिपोर्ट,पेशेंट केस फाइल, दस्तावेज के संबंध में मृत्यु 2 अगस्त 2020 से आज दिनांक तक किसी भी प्रकार की कोई भी जानकारी एवं दस्तावेज नही दिये गये।

पिता जी ने स्वस्थ्य हूं बताया था और 2 बार भेजे थे फोटो 

पूर्व विधायक मनमोहन शाह बट्टी जी की बेटी मोनिका बट्टी ने महामहिम राज्यपाल व मानव अधिकार आयोग अध्यक्ष को दिये गये आवेदन में आगे यह उल्लेख किया है कि मेरे पिता जी द्वारा अस्पताल से मोबईल नं. 8319782615, वाटॅसएप 8109230469 पर शाम के समय 6.30. पर एंव द्वारा पुन: 7 बजे शाम को दो बार अस्पताल से मेसेज से फोटो भेजे गये थे। इसके बाद मेरे पापा द्वारा मो.नं. 9009521750 से करीबन काफी समय तक बातचीत हुई की मैं स्वस्थ हूं। 

हृद्यगति से मृत्यू होने की दी जानकारी 

पूर्व विधायक मनमोहन शाह बट्टी जी की बेटी मोनिका बट्टी ने महामहिम राज्यपाल व मानव अधिकार आयोग अध्यक्ष को दिये गये आवेदन में आगे यह उल्लेख किया है किउसके बाद 2 अगस्त 2020 को अस्पताल से सूचना आई कि आप के पिता जी का निधन हृद्यगति से हो गया है। जब हम परिवार के साथ पापा को लेने गये तो चिरायू अस्पताल के प्रबंधक अजय गोयनका एवं अन्य स्टॉफ द्वारा ना ही हम को उनका चेहरा तक देखने नहीं दिया गया और ना ही उनकी मृत शरीर नहीं सौंपा गया। 

पिता के शव को एंबूलेंस में रखने के बाद वापस उतरवा लिया 

पूर्व विधायक मनमोहन शाह बट्टी जी की बेटी मोनिका बट्टी ने महामहिम राज्यपाल व मानव अधिकार आयोग अध्यक्ष को दिये गये आवेदन में आगे यह उल्लेख किया है कि इसके बाद हमारे समाज के लोगो द्वारा वरिष्ठ अधिकारियो से बातचीत की गई तो मृत शरीर को प्राईवेट एंबूलेंस से गृह जिले छिदंवाड़ा को ले जाने के लिए गाड़ी में रखवा दिया गया, फिर इसके बाद जब हम जाने लगे तो उन्होंने वापिस वॉडी को हमारे हाथ से छीनकर वापिस अस्पताल में रख ली गई। इसके साथ ही पिता के मोबाईल की कॉल डिटेल्स अस्पताल द्वारा डिलीट कर दी गई है। जिससे संदेह है कि मेरे पिता की हत्या की गई है। पूर्व विधायक मनमोहन शाह बट्टी आकस्मिक संदिग्ध मृत्यु के संबंध में अस्पताल प्रंबधंन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किये जाने के साथ ही न्याायिक व सीबीआई जांच कराये जाने की मांग की गई है। 

अपने पिता के संघर्ष का जीवंत प्रमाण बन रही मोनिका बट्टी

यदि किसी भी तरह से आम जनता के साथ अन्याय, अत्याचार, शोषण होने की जानकारी मिलती थी तो पूर्व विधायक स्व श्री मनमोहन शाह बट्टी जी की मुखर व बुलंद आवाज उठाकर न्याय दिलाने के लिये उनका आजीवन का संघर्ष के लिये प्रमाण के रूप में इतिहास साक्षी है। अब पूर्व विधायक की आकस्मिक व संदिग्ध मृत्यू के लिये उनकी बेटी मोनिका बट्टी भी अपने पिता की मृत्यू के बाद गम और दु:ख होने के बावजूद भी जिस तरह से न्याय पाने के लिये संघर्ष करते हुये चिरायू अस्पातल प्रबंधन व अन्य लोगों पर खुलकर आरोप लगाकर एफआईआर दर्ज कराने की मांग कर रही है। मोनिका बट्टी का अपने संघर्षशील पिता की मृत्यू के लिये न्याय पाने के लिये निडर होकर जिस तरह से संघर्ष कर रही है उसे देखकर बुद्धिजीवि व समाज के लोग यह प्रतिक्रिया दे रहे है कि अपने पिता के संघर्ष का जीवंत प्रमाण बनने का प्रयास मोनिका बट्टी के द्वारा किया जा रहा है। 

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