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निजीकरण का यह कदम देश को बेचने के समान, आम गरीबों का हो जायेगा जीना दूभर

निजीकरण का यह कदम देश को बेचने के समान, आम गरीबों का हो जायेगा जीना दूभर 

निजीकरण से देश और प्रदेश का कभी भी नहीं हो सकता विकास 

निजीकरण का यह कदम देश को गर्त में ले जायेगा

निजी ठेकेदार कंपनियां आम आदमी का करेंगे शोषण 


सिवनी/धनौरा। गोंडवाना समय। 

देश में रेलवे, एयरपोर्ट, पेट्रोलियम कंपनी एवं भारत की अन्य नवरत्न कंपनियों, बैंकों के निजीकरण प्रस्ताव को वापस लेने की मांग को लेकर महामहिम राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन अजाक्स संघ जिला शाखा सिवनी व धनौरा शाखा द्वारा सौंपा गया है। 

निजीकरण से एससी, एसटी, ओबीसी में असंतोष व्याप्त 

देश में यदि निजीकरण से फायदा या लाभ होता तो देश की निजी स्वामित्व वाली पचास परसेंट कंपनियां बंद नहीं होती। निजीकरण किये जाने से इसमें सीधा और सबसे ज्यादा नुकसान अनुसूचित जाति, जनजाति अन्य पिछड़ा वर्गों की नौकरी में तो होगा ही, इसके साथ ही साथ उनके विकास में सबसे बड़ी बाधा होगी। वहीं अनुसूचित जाित, जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग विकास से दूर हो जायेंगे। निजीकरण किये जाने से पड़ने प्रभाव को लेकर सिवनी जिला अजाक्स संघ व धनौरा तहसील संघ केपदाधिकारियों के द्वारा भारत में केंद्र सरकार के द्वारा सरकारी संपत्तियों का निजीकरण किये जाने के विरोध में महामहिम राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर उक्त प्रस्ताव को वापस लेने की मांग की गई। अजाक्स संघ जिला अध्यक्ष श्री संत कुमार मर्सकोले व अजाक्स के तहसील अध्यक्ष राजेश बकोड़े ने संयुक्त रूप से बताया कि समाचार पत्रों, टीवी चैनलों के माध्यम से लगातार यह जानकारी प्राप्त हो रही है कि रेलवे, एयरपोर्ट,पेट्रोलियम कंपनी एवं भारत की अन्य नवरत्न कंपनियां, बैंकों को निजी कंपनियों को बेचा जा रहा है। इससे अनुसूचित जाति, जनजाति अन्य पिछड़ा वर्गों में असंतोष व्याप्त है। 

देश की आर्थिक बागडोर निजी हाथों में चली जाएगी

अजाक्स संघ द्वारा महामहिम राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री के नाम सौंपे गये ज्ञापन में उल्लेख किया गया है कि निजीकरण का यह कदम देश को गर्त में ले जायेगा। निजीकरण से आम गरीबों का जीना दूभर हो जाएगा। रेलवे का किराया आसमान छू लेगा, पेट्रोलियम पदार्थों की कीमत आसमान की ओर पहुंच जायेगी। निजी ठेकेदार कंपनियां आम आदमी का शोषण करेंगे और देश की आर्थिक बागडोर निजी हाथों में चली जाएगी। निजीकरण का यह कदम देश को बेचने के समान है। 

एससी, एसटी, ओबीसी विकास से दूर हो जायेंगे

अजाक्स संघ द्वारा महामहिम राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री के नाम सौंपे गये ज्ञापन में उल्लेख किया गया है कि रेलवे, पेट्रोलियम कंपनी, बैंक, एयरपोर्ट का निजीकरण ना किया जाए, इसमें जनता की गाढ़ी कमाई लगी होने से इसे बर्बाद होने से बचाया जावे। इसमें सीधा और सबसे ज्यादा नुकसान अनुसूचित जाति, जनजाति अन्य पिछड़ा वर्गों की नौकरी में तो होगा ही साथ ही साथ उनके विकास में सबसे बड़ी बाधा होगी। वहीं अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग विकास से दूर हो जायेंगे। 

तत्काल वापस लेकर किसी भी परिस्थिति में न किया जाये लागू 

यदि निजीकरण से फायदा या लाभ होता तो देश की निजी स्वामित्व वाली पचास परसेंट कंपनियां बंद नहीं होती। रेलवे, पेट्रोलियम कंपनियां बहुत पुराने संस्थान हैं जो लगातार शासन को मुनाफा दे रही हैं। निजीकरण से देश और प्रदेश का कभी भी विकास नहीं हो सकता है। जबकि प्रधानमंत्री जी देश को विकसित बनाकर प्रथम पंक्ति में लाने के लिए कृत संकल्पित हैं। ज्ञापन के माध्यम से गंभीर विषयों से अवगत कराते हुये अजाक्स द्वारा अनुरोध किया गया है कि अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग एवं देश के लिए अहितकारी निजीकरण प्रस्ताव को तत्काल वापस लेकर किसी भी परिस्थिति में लागू न किया जाए। 

सिवनी व धनौरा में इन्होंने सौंपा ज्ञापन 


जिला मुख्यालय सिवनी में श्री संत कुमार मर्सकोले अजाक्स संंघ जिलाअध्यक्ष सिवनी, श्री विजय शेण्डे, श्री नरेन्द्र ठाकुर, श्री आनंद ठाकुर, श्री शीलंचद कुरचे, श्री सुरेन्द्र सोनकुंवर, श्री एस सी मसराम, श्री शिव शंकर राठी, श्री कोमल गढ़पाल व

धनौरा मुख्यालय में धनौरा में अजाक्स संघ द्वारा ज्ञापन सौंपते समय कोविड-19 गाइडलाइन का पालन करते हुए अजाक्स के तहसील अध्यक्ष श्री राजेश बकोड़े, कोषाध्यक्ष श्री शिवराम उइके, अजाक्स सचिव श्री संतोष वेदी उपस्थित रहे।

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