यू पी-बिहार के दबंगाई मॉडल पर काम करती जैतपुर कला पंचायत
सिवनी। गोंडवाना समय।
जब कोई नागरिक आवाज उठाता है, तो ग्राम के सरपंच या उसके संबंधियों द्वारा सबक सिखाया जाता और बात न बढ़ाने की धमकी दी जाती है। ये बाते यूपी बिहार में बहुत आम है लेकिन ये नया मामला सिवनी जिले की सिवनी जनपद के ग्राम जैतपुर कला का है।
जहाँ कुछ युवा पिछले लगभग 6 सालों से ग्राम में हुए भ्रष्टाचार के अनेक मामलों को अलग अलग तरीकों से उठा रहे है। सुनावाई तो नहीं हुई और न कोई कार्यवाही जनपद पंचायत या जिला पंचायत के स्तर से हुई बल्कि आवाज उठाने की सजा कथित रूप से महिला सरपंच के परिवार जनों द्वारा पैरवी करने वाले युवा की पिटाई कर दी गई।
15 वर्षों से इस पंचायत में एक ही परिवार का दबदबा
जैतपुर कला में स्थानीय लोगो द्वारा बताया जाता है कि पिछले लगभग 15 वर्षों से इस पंचायत में एक ही परिवार का दबदबा बना हुआ है। पूर्व सरपंच एवं वर्तमान सरपंच पति और उनके रोजगार सहायक भतीजे एवं अन्य परिवारजनो के द्वारा इस पंचायत में अपना वर्चस्व स्थापित किया जाता रहा है। सूचना का अधिकार, विधवा पेंशन, वृधावस्था पेंशन, प्रधानमंत्री आवास, राशन कार्ड या आवास पट्टा उन्हें मिलता जो इनके साथ है और जो नहीं है तो वो घूमता रह जाए कोई सुनवाई नहीं होती। ताजा मामला वर्ष 2008 से लेकर अब तक ग्राम में बनाई 4 ग्राम मार्गों का है, जिनका पैसा तो पंचायत के खाते से निकला गया पर ये मार्ग बने ही नहीं, ग्राम के ही युवा रोहित बघेल द्वारा बीते दिनों स्थानीय किसानो के साथ जिला कलेक्टर कार्यालय, जिला जनपद एवं जिला पंचायत में इन मार्गों में हुए भ्रष्टाचार की जांच करने की मांग की गई।
थाने में भी इनके विरूद्ध नहीं होती सुनवाई
इस बात की जानकरी वर्तमान सरपंच पति, पूर्व सरपंच और भाजपा नेता राधेश्याम बघेल और उनके भतीजे यशवंत बघेल जो ग्राम रोजगार सहायक भी है, जो वर्तमान में कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारी भी है, उन्हें लग गई। रोहित बघेल द्वारा पुलिस को दिए गए बयान के अनुसार हर दिन की तरह जब वे ग्राम में वॉलीबाल खेलकर लौट रहाा था तब लौटते समय राधेश्याम बघेल, यशवंत बघेल एवं विक्रम बघेल के द्वारा उसे घेरकर बेल्ट एवं डंडों से उसकी पिटाई कर दी गई। पहले तो पुलिस द्वारा इस बात की एफ.आई.आर. भी नहीं की जा रही थी, तब ग्राम के ही युवा श्याम बघेल के साथ पुलिस अधीक्षक सिवनी से इस बात की शिकायत किये जाने पर लखनवाड़ा पुलिस थाने में इसकी शिकायत की दर्ज की गई। गवाह के रूप में श्याम बघेल का नाम होने के कारण उनके नाम से कथित रूप से आरोपियों द्वारा भी मार पिटाई का मामला दर्ज करवा दिया गया। इसके पूर्व भी एक स्थानीय पत्रकार को भ्रष्टाचार का मामला उठाने की वजह से कथित रूप से यशवंत बघेल द्वारा मारा भी गया था। जिस पर भी कोई ठोस कार्यवाही अब तक नहीं हुई, जिससे ग्राम में इनकी दबंगई स्थापित हुई।
राजनैतिक दबाव में जिला बदर की कार्यवाही भी रूक गई थी
कहा ये जाता है की परिवार का रिश्ता दोनों दलों के नेताओ से है और वे पदाधिकारी भी है। जिसके कारण ग्राम में अब तक जिसने भी आवाज उठाई उसके या तो उसकी कहीं सुनवाई नहीं हुई या तो उसे डरा धमकाकर चुप करा दिया गया। जिसके कारण धीरे धीरे ग्राम वासियों द्वारा आवाज उठाना ही बंद कर दिया गया और पंचायत में निरंकुश भ्रष्टाचार चलता रहा। अगर कहीं सुनवाई हुई भी तो कार्यवाही राजनैतिक रसूख के चलते रोक दी गई लेकिन जब युवाओं ने आवाज उठानी चालू की तो ये परिवार तिलमिला गया और पहले धमकी दी और बात न बनने पर युवक की पिटाई भी कर दी गई। अभी भी पुलिस और जनपद पंचायत पर कथित रूप से दोनों दलों के नेताओ का दबाव है कि इन पर कार्यवाही न हो। पूर्व में भी कथित रूप से 2014-2015 में राधेश्याम बघेल पर होने वाली जिला बदर की कार्यवाही को उसके राजनैितक दबाव के चलते रोक लिया गया था।