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बरघाट महाविद्यालय में संविधान की उद्देशिका का वाचन और वेबीनार का हुआ आयोजन

बरघाट महाविद्यालय में संविधान की उद्देशिका का वाचन और वेबीनार का हुआ आयोजन


बरघाट। गोंडवाना समय।

शासकीय महाविद्यालय बरघाट में 26 नवंबर 2020 को संविधान दिवस के उपलक्ष्य में संविधान की उद्देशिका  का वाचन  एवं संविधान के मूल्य और सिद्धांत विषय पर वेबीनार राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के तारतम्य में गूगल मीट वेव माध्यम से जुड़े सभी छात्र-छात्राओं, प्राध्यापक, स्टाफ अधिकारी कर्मचारी और प्राचार्य की गरिमामयी उपस्थिति में आयोजित किया गया।

संविधान दिवस मनाने की अधिकृत घोषणा की गई        

सर्वप्रथम सभी को कार्यक्रम की रूपरेखा बताई गई जिसमें वेबीनार का विषय संविधान के मूल्य और सिद्धांत पर व्याख्यान तथा संविधान  की उद्देशिका का वाचन किया गया।  कार्यक्रम संयोजक प्रो बी एल इनवाती द्वारा भारतीय संविधान के जनक डॉक्टर भीमराव अंबेडकर का भारतीय संविधान के निर्माण में अद्वितीय योगदान को स्मरण करते हुए कार्यक्रम की जानकारी देते हुए बताया कि यद्यपि भारतीय संविधान दिवस पारित और लागू होने के समय से ही मनाया जाता रहा है लेकिन देश स्तर पर सामूहिक रूप से संविधान दिवस मनाने की निरंतर मांग के परिणाम स्वरूप 26 नवंबर 2015 से भारत सरकार द्वारा संविधान दिवस मनाने की अधिकृत घोषणा की गई तभी से संविधान के महत्व को जन जन तक बताने के लिए संविधान दिवस मनाया जाता है। 

संविधान जनता की  भावनाओं और विशेषताओं से युक्त है

संविधान के मूल्य और सिद्धांत पर जानकारी देते हुए राजनीति की अतिथि प्राध्यापिका डॉ आरती तिवारी ने बताया कि संविधान जनता की  भावनाओं और विशेषताओं से युक्त है उन्होंने संविधान की उद्देशिका के शब्द तथा भावों को बहुत ही सरल और सहज शैली से स्पष्ट किया। अतिथि प्राध्यापक भूगोल श्री छत्रपाल जाटव ने बताया कि संविधान की रक्षा-सुरक्षा हम सबकी जिम्मेदारी है। उन्होंने डॉक्टर बाबा साहब कि उस बात का जिक्र  किया जो वे कहा कहते थे कि संविधान कितना ही अच्छा क्यों ना हो यदि खराब लोगों के हाथ में जाएगा तो खराब हो जाएगा और संविधान कितना ही संविधान कितना ही खराब क्यों ना हो अगर अच्छे लोगों के हाथ में जाएगा तो अच्छा सिद्ध होगा। अत: हम सब को संविधान की मजबूती के लिए कार्य करना चाहिए। 

हम अधिकारों की तो मांग करते हैं लेकिन कर्तव्यों को भूल जाते हैं

ग्रंथपाल डॉक्टर श्री प्रदीप त्रिवेदी ने बताया कि आजादी के बाद जब देश को चलाने के लिए संविधान की आवश्यकता पड़ी तो संविधान प्रारूप समिति के अध्यक्ष डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जिन्हें संविधान का जनक भी कहा जाता है ने देश और सभी लोगों, वर्गों  की आवश्यकता और सुविधाओं को ध्यान रखते हुए मौलिक अधिकार, नीति निर्देशक तत्व, मौलिक कर्तव्य आदि का उपबंध किया। हम अधिकारों की तो मांग करते हैं लेकिन कर्तव्यों को भूल जाते हैं। संविधान द्वारा बताए गए रास्ते और कर्तव्यों का पालन करने से ही संविधान दिवस सफल और सार्थक होगा। 

भारतीय संविधान विश्व का सबसे अनूठा और अद्वितीय संविधान है

संविधान के मूल्य और सिद्धांत पर बात करते हुए प्राचार्य प्रोफेसर सी बी झारिया ने  बताया कि भारतीय संविधान विश्व का सबसे अनूठा और अद्वितीय संविधान है। संविधान में समता, स्वतंत्रता, न्याय, बंधुता आदि मूल्य और सिद्धांत विद्यमान है। संविधान की बातों को ज्यादा ज्यादा प्रचारित करें तभी हमारा संविधान मजबूत होगा। कार्यक्रम के अगले चरण में संविधान की उद्देशिका का प्राचार्य महोदय ने वाचन किया सभी ने निष्ठा पूर्वक अनुकरण वाचन किया। संविधान के प्रति सम्मान, निष्ठा और संविधान रक्षा की शपथ ली गई। कार्यक्रम के अंत में प्रो. बी एल इनवाती ने भारतीय संविधान दिवस के उपलक्ष में आयोजित इस वेबीनार के आभासीय मंच से जुड़ने वाले सभी छात्र-छात्राओं, प्राध्यापकों, अधिकारी, कर्मचारियों और प्राचार्य का आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया। इसी के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया।

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