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भारतीय संविधान स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व, न्याय का प्रतीक-प्रोफेसर पंकज गहरवार

भारतीय संविधान स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व, न्याय का प्रतीक-प्रोफेसर पंकज गहरवार  


सिवनी/कुरई। गोंडवाना समय। 

शासकीय महाविद्यालय कुरई की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई ने संविधान दिवस धूमधाम से मनाया। इस अवसर पर संविधान निमार्ता डॉ भीमराव अंबेडकर को भी याद किया गया। वक्ताओं ने संविधान के महत्व व उसके उद्देश्य पर चर्चा की। सभी छात्र छात्राओं ने इसमें बढ़-चढ़कर सहभागिता की। कार्यक्रम में प्रमुख रुप से शासकीय महाविद्यालय कुरई के प्रभारी प्राचार्य श्री पवन सोनिक, सहायक प्राध्यापक श्री जयप्रकाश मेरावी और कार्यक्रम अधिकारी राष्ट्रीय सेवा योजना प्रोफेसर पंकज गहरवार की गरिमामय उपस्थिति में हुआ।

सामूहिक रूप से भारतीय संविधान की प्रस्तावना का वाचन किया


कार्यक्रम में रासेयो  के स्वयंसेवक योगेंद्र दर्शनिया, रुपाली बनस्कार, शीतल नागवंशी, मुस्कान खान, अनम खान,  तोशिबा खान, मोहित चकोले, सुधीर डहरवाल, रितिक बोपुलकार, प्रकाश विश्वकर्मा की सहभागिता रही। प्राध्यापकों तथा स्वयंसेवकों ने प्रात: 11 बजे सामूहिक रूप से भारतीय संविधान की प्रस्तावना का वाचन किया। इस मौके पर रासेयो कार्यक्रम अधिकारी श्री पंकज गहरवार ने भारतीय संविधान की प्रस्तावना में प्रयुक्त शब्द की व्याख्या की। 

संविधान का निष्ठा से पालन करने की शपथ ली 


प्रोफेसर पंक गहरवार ने कहा कि संविधान के अंतर्गत जो स्वतंत्रता हमें मिली है उसका सही उपयोग करना चाहिए हमारे संविधान में हर चुनौती का समाधान हैं। हम सब नागरिकों को जिंदा नागरिक बनने की जरूरत है जो देश के संविधान को जानता हो।

इस कार्यक्रम में महाविद्यालय की सहायक प्राध्यापक डॉ श्रुति अवस्थी आभासी रूप से जुड़ी और संविधान दिवस की बधाई देते हुए उन्होंने संविधान से जुड़े रोचक तथ्य प्रस्तुत किए। रासेयो स्वयंसेवक रितिक बोपुलकार ने बताया कि भारत का संविधान 26 नवंबर 1949 को बना और 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ। हम 26 नवंबर 2015 से संविधान दिवस मना रहे हैं । कार्यक्रम के अंत में सभी ने संविधान का निष्ठा से पालन करने की शपथ ली और संविधान के आदर्शों के प्रचार प्रसार की बात कही।

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