Type Here to Get Search Results !

आदिवासी मूलनिवासी विरोधी सरकार के विरूद्ध धरना आंदोलन व ज्ञापन सौंपकर 15 दिसंबर को मनायेंगे वनाधिकार दिवस

आदिवासी मूलनिवासी विरोधी सरकार के विरूद्ध धरना आंदोलन व ज्ञापन सौंपकर 15 दिसंबर को मनायेंगे वनाधिकार दिवस

पांचवी अनुसूची क्षेत्रों में अपने ब्लॉक व जिला मुख्यालयों में पेसा कानून का करों परिपालन

बस्तर में अर्धसनैनिक बल का केम्प बगैर ग्राम सभा से लगाया गया है जो पेसा एक्ट का खुला उलंघन

कृषि कानूनों को रद्द कराने किसान आंदोलन का गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने किया समर्थन 






छत्तीसगढ़/मध्य प्रदेश। गोंडवाना समय। 

गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव तिरू श्याम सिंह मरकाम ने संगठन की आगामी कार्ययोजना, कार्यक्रम के संबंध में राष्ट्रीय अध्यक्ष तिरू तुलेश्वर मरकाम के हवाले से जानकारी देते हुये बताया कि गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के समस्त राष्ट्रीय, प्रांतीय, संभाग, जिला, ब्लॉक, ग्राम पंचायत स्तरीय पदाधिकारी एवं कार्यकर्तागण को आगामी  15 दिसम्बर 2020 को वनाधिकार स्थापना दिवस एवं 24 दिसम्बर 2020 को पेसा कानून दिवस मनाये जाने के संबंध में संगठन की ओर दिशा निर्देश जारी किया गया है। 

गांव, ब्लॉक, जिला से लेकर दिल्ली तक आंदोलन में कई कार्यकर्ता हुये शहीद 

उक्त जानकारी देते हुये राष्ट्रीय महासचिव श्री श्याम सिंह मरकाम ने बताया कि राष्ट्रीय अध्यक्ष तिरू. तुलेश्वर सिंह मरकाम के आदेशानुसार गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के समस्त राष्ट्रीय, प्रांतीय, संभाग, जिला, ब्लॉक ग्राम पंचायत स्तरीय प्रदाधिकारी एवं कार्यकताओं को सूचित किया जाता है कि गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के संस्थापक गोंडवाना रत्न पेन दादा हीरा सिंह मरकाम जी के द्वारा देश के मूलनिवासी समाज जो पीढ़ी दर पीढ़ी से जंगल के जमीनो पर वर्षाे से क ाबिज कर खेती किसानी करते चले आ रहें है और अपने व अपने परिवार की जीवकोपार्जन कर रहे है। इसके लिए दादा हीरा सिंह मरकाम जी के द्वारा जो जमीन सरकारी है वह जमीन हमारी है नारा बुलंद कर जल, जंगल और जमीन ये है गोंडवाना के अधीन के साथ एक लम्बी लड़ाई सरकार, शासन-प्रशासन से लडीÞ गई। इस संघर्ष व आंदोलन में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के कई साथी शहीद हो गये उन्हे याद करते हुए पेन दादा हीरा सिंह मरकाम जी के द्वारा अनुसूचित जनजाति एवं गैर परम्परागत वननिवासी वन अधिकारों की मान्यता अधिनियम 2006-2007 की लड़ाई लडने के लिए गांव-गांव में बैठक चलाया गया व विभिन्न विकास खण्ड स्तर पर बैठक फरवरी 2006 में एक अभियान चलाकर जन-जागरण किया गया था वहीं फिर मार्च-अप्रैल महीने में जिला स्तर पर बैठक का दौर चलाकर 10 जुलाई 2006 को राष्ट्रव्यापी सभी जिला मुख्यालयों में धरना प्रदर्शन व राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा गया था और यह कार्यक्रम लगभग तीन माह चला। 

15 दिसंबर 2006 को संसद के द्वारा वनाधिकार अधिनियम पास किया गया

गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव तिरू श्याम सिंह मरकाम ने आगे बताया कि इसके बाद नई दिल्ली के जंतर मंतर 10,11,व 12 अक्टबर 2006 को हजारों की संख्या में मौजूद पदाधिकारियों व कार्यकताओं के द्वारा त्रिदीवसीय सत्याग्रह कर राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा गया। तत्पश्चात 27 नवंबर 2006 को पूरे राष्ट्र में पेन दादा हीरा सिंह मरकाम जी के नेतृत्व में तीन लाख से ज्यादा पार्टी कार्यकर्ताओं के द्वारा संसद घेराव कर गिरफ्तारी दिया एवं ज्ञापन सौंपा गया जिसके फलस्वरूप 15 दिसंबर 2006 को संसद के द्वारा वनाधिकार अधिनियम पास किया गया। 

मध्य प्रदेश में 40 फीसदी जंगल को निजी कंपनियों को साँपे जाने की तैयारी

गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव तिरू श्याम सिंह मरकाम ने आगे बताया कि देश व राज्य की सरकारों वनों में वर्षो से काबिज लोगों को वनाधिकार पट्टा नहीं दिय जा रहा है। इसमें भी सरकार बदंरबाट कर रही है। मध्य प्रदेश में 40 फीसदी जंगल को निजी कंपनियों को साँपे जाने की तैयारी कर ली है लेकिन वहाँ निवासरत लाखों आदिवासी मुलनिवासी समाज आखिर कहाँ जाएंगे, सरकार नहीं बता रही है। आदिवासी मूलनिवासी विरोधी सरकार के विरूद्ध धरना आंदोलन व ज्ञापन कर 15 दिसंबर को वनाधिकार दिवस मनाया जाए। 

तो छत्तीसगढ़ में खनिज सम्पदा की खुली लुट नहीं होती

गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव तिरू श्याम सिंह मरकाम ने आगे बताया कि 24 दिसंबर 1996 को देश में पेसा कानून लागू किया गया परन्तु राज्य व केन्द्र सरकार के द्वारा अभी तक पेसा कानून का परिपालन नही किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ राज्य के लगभग 70 प्रतिशत भूभाग पांचवी अनुसूची के अन्तर्गत अधिसूचित किया गया है। राज्य सरकार के द्वारा समय-समय पर मीडिया व समाचार पत्रों के माध्यम से संदेश दिया जाता कि पेसा कानून का अक्षरश: पालन किया जायेगा लेकिन अभी तक किसी प्रकार से प्रशासानिक कार्यवाही नहीं किया जा रहा है। प्रदेश में पेसा कानून का परिपालन किया जाता तो छत्तीसगढ़ में खनिज सम्पदा की खुली लुट नहीं होती। बस्तर में अर्धसनैनिक बल का केम्प बगैर ग्राम सभा से लगाया गया है जो पेसा एक्ट का खुला उलंघन है। 

सारकेगुडा में नरसंहार के मामले में नहीं हुई कार्यवाही 

गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव तिरू श्याम सिंह मरकाम ने आगे बताया कि छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के सारकेगुडा में जून 2012 में सूरक्षा बलों के फर्जी नक्सल एनकाउंटर में 17 लोंगों की मृत्यू हुई जिसमें नाबालिक भी शामिल है, उक्त घटना की सरकार की एजेंसियों द्वारा जांच किया गया। बस्तर के सारकेगुडा में नरसंहार करने वालों के ऊपर किसी प्रकार की कोई कानूनी कार्यवाही नहीं किया गया। 

किसान विरोधी कानून को रद् करो

गोंडवाना गणतंत्र पार्टी किसानों द्वारा किये जा रहे आंदोलन का समर्थन करती है एवं केन्द्र सरकार के द्वारा पारित की गई किसान विरोधी कानून का गोंडवाना गणतंत्र पार्टी विरोध करती है। इसके लिये गोंडवाना गणतंत्र पार्टी पदाधिकारी व कार्यकर्ता प्रदेश के पांचवी अनुसूची क्षेत्रों में अपने ब्लॉक व जिला मुख्यालयों में पेसा कानून का परिपालन करो, जल, जंगल, जमीन और खनिज सम्पदा मे गांव समाज का 50 प्रतिशत की हिस्सेदारी एवं किसान विरोधी कानून को रद् करो का नारा लगाते हुए ज्ञापन धरना प्रर्दशन कर अपने हक की अवाज बुलंद करें और संवैधानिक हक की लड़ाई लड़े। इसके साथ ही 24 दिसंबर 2020 को पेसा दिवस मनाये जाने की अपील की गई है। 


Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.