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24 घंटे में 2 बाघ मृत, सरकार पर्यटन बढ़ाने व आदिवासियों को वन क्षेत्र से खदेड़ेने में व्यस्त, वन अफसर अपनी नाकामी छिपाने में मस्त, कागजों में चल रही वन विभाग की गस्त

24 घंटे में 2 बाघ मृत, सरकार पर्यटन बढ़ाने व आदिवासियों को वन क्षेत्र से खदेड़ेने में व्यस्त, वन अफसर अपनी नाकामी छिपाने में मस्त, कागजों में चल रही वन विभाग की गस्त

पारदर्शिता की ढिंढौरा पीटने वाली सरकार में मुंह छिपाते है और मोबाईल बंद व नेटवर्क से बाहर कर लेते है अधिकारी 

बाघ के मरने के बाद शिकारी के साथ फोटो खिंचवाने में माहिर है वन विभाग 

शिकारी के पकड़ाने से खुली वन विभाग की गश्त की पोल 

सिवनी जिले में शुक्रवार के दिन 24 घंटे के अंदर दो अलग-अलग स्थानों पर बाघ के शव मिले हैं। जहां पहला शव केवलारी विकासखंड के खैरी ग्राम में सड़ी गली अवस्था में इधर-उधर आधा अधूरा बाघ का शव मिला तो वहीं खवासा के पिंडरई बुट्टे जंगल में दूसरे वयस्क बाघ का शव दिखाई दिया जिस पर संबंधित अधिकारियों द्वारा जांच की जा रही है।


सिवनी/उगली। गोंडवाना समय।

केंद्र की सरकार हो या राज्य सरकार पर्यटन को बढ़ाकर आय कमाने का जरिया स्थानीय लोगों को रोजगार देने के नाम पर खूब प्रचार-प्रसार करती है। वहीं टाईगर व वन्य प्राणियों को बचाने के लिये ही जंगल को सुरक्षित रखने के लिये अभ्यारण व नेशनल पार्क की सीमा क्षेत्र कहें या उनकी सीमा बढ़ाने के लिये वन क्षेत्रों से ट्राईबलों का विस्थापन किया जा रहा है ताकि वन्य प्राणी व जंगल को सुरक्षित रखा जा सके।
        मध्य प्रदेश को टाईगर स्टेट का दर्जा मिला हुआ है। वन्यप्राणियों की सुरक्षा व जंगल की सुरक्षा के नाम पर केंद्र व राज्य सरकार करोड़ों अरबों रूपये का बजट वन विभाग के अफसरों तक पहुंचा रही है इसके बाद भी जंगल का सफाया और वन्य प्राणियों का शिकार थमने का नाम नहीं ले रहा है। 

सिवनी जिले में पेंच नेशनल पार्क के अफसर हो या वन विभाग के अफसर मचान बनाकर बाघ दिखाने के लिये कवायद कर रहे है। सत्ता पक्ष हो या विपक्ष के जनप्रतिनिधियों को और शासन प्रशासन के बड़े अफसरों को बाघ के दीदार कराकर ही अपना कर्तव्य पूरा कर रहे है। वहीं बाघ का शिकार करने वाले या अन्य वन्य जीव-जंतु का शिकार करने के बाद उन शिकारियों को पकड़ा जाने के बाद उनके साथ फोटो खिंचवाकर वाहवाही लूट रहे है।             शिकार होने से वन्य प्राणियों को बचाने में फेल वन विभाग के अफसर अपनी गलतियों और नाकामियों को पारदर्शिता के साथ लाने में सामने लाने में अपना मुंह तो छिपाते ही है। वहीं वन विभाग के अफसर अपना मोबाईल बंद या नेटवर्क के बाहर कर लेते है और यदि बात हो जाये सब सीके्रट होने का हवाला देकर इतिश्री कर लेते है।
         वन विभाग के अफसर सरकार की पारदर्शिता कार्यशैली पर भी प्रश्न चिह्न लगाने नहीं चूक रहे है। वहीं कुछ मामले में तो शिकारी के पकड़ा जाने के बाद वन विभाग के गश्त करने वालों की भी पोल खुलती हुई नजर आती है। 

24 घंटे के भीतर 2 बाघ के शव ने खोली वन विभाग की जिम्मेदारों की पोल 


सिवनी जिले में शुक्रवार को 24 घंटे के दौरान जिले में दो बाघों की मृत्यू का मामला सामने आने से वन विभाग के जिम्मेदारों की पोल खोल कर रख दिया है। बाघ के मृत मिलने की जानकारी मिलने के बाद अब वन विभाग के अधिकारी कर्मचारी जंगलों में दौड़ लगा रहे है।


        सिवनी जिले में 16 -17 दिसंबर की रात गश्ती के दौरान दक्षिण सामान्य वनमंडल के कुरई एसडीओ एस के जौहरी ने एक शिकार को गिरफ्तार कर उसके कब्जे से बोरी में रखी बाघ की खाल, हड्डी, नाखून व पैंगुलिन स्केल (करीब डेढ़ किलो) जब्त किया है। पूछताछ में आरोपित ने अन्य शिकारियों के साथ मिलकर करीब 10 से 12 दिन पहले फंदा लगाकर बाघ का शिकार करने की बात स्वीकार की है।

कुरई के अधिकारी पहुंचे थे गुत्थी सुझलाने इधर खबासा के पिंडरई बुट्टे जंगल क्षेत्र में मृत मिला बाघ 

छानबीन के दौरान केवलारी वन विकास निगम के खैरी जंगल से कटंगा तालाब के राजस्व क्षेत्र से 18 दिसंबर 2020 दिन शुक्रवार को बाघ का कंकाल व अवशेष बरामद करते हुये अन्य फरार शिकारियों की तलाश में वन अमला अब लगा हुआ था।
        वहीं बाघ व पैंगुलिन के शिकार की गुत्थी अभी सुलझ नहीं पाई थी कि 18 दिसंबर 2020 दिन शुक्रवार की दोपहर में करीब 4 बजे खवासा के पिंडरई बुट्टे जंगल के कक्ष क्र. 257 में एक और वयस्क बाघ का शव गश्ती के दौरान वनकर्मी को मिला है। हालाकि प्रारंभिक तौर पर बाघ की स्वभाविक मौत होने की बात वन विभाग के अफसर कह रहे है। मौके पर डाग स्वाक्ड व फारेंसिक टीम को बुलाकर मामले की जांच की जा रही है।

खाल, पैरे के पंजे सहित दांत भी गायब दिखाई दिया


जिले के केवलारी वन परिक्षेत्र अंतर्गत ग्राम खैरी में स्थित कटंगा तालाब के पास से लगे जंगल जो कि राजस्व अंतर्गत है में शुक्रवार को अचानक ही अधिकारियों के चौपहिया वाहनों का आवागमन बढ़ गया और जब वाहनों का आवागमन ग्रामीणों ने देखा तो वह भी मौके पर पहुंचे,

जहां किसी जानवर के अवशेष दिखे, हालांकि ग्रामीणों को मामला समझ इसलिए भी नहीं आया क्योंकि जिस जानवर के अवशेष वहां इधर-उधर पड़े थे, उसे पहचाना जाना थोड़ा ही मुश्किल था लेकिन वहां सड़े हुए अवस्था में सिर के कुछ बाल अवश्य ही दिखाई दिये जो कि बाघ के होने जैसे प्रतीत हो रहा था हालांकि  बांकी जो बिसरा दिखाई दिया उसमे खाल, पैरे के पंजे सहित दांत भी गायब दिखाई दिया।

टीन की पेटी में भरकर जांच के लिये भेजा बिसरा 


खैरी राजस्व क्षेत्र के कटंगा तालाब के पास टाइगर का शव मिला है, जिसमें चमड़ा नहीं था उसे वही जला दिया गया था। वन विभाग के अधिकारियों बाघ के शव स्थल का निरीक्षण कर शव के मिले अवशेष को वन विभाग की टीम ने टीन की पेटी में डाल कर उसे जांच के लिए फॉरेंसिक लैब भेजा गया है। वहीं अन्य अवशेष दोपहर में 3 बजे करीबन जला दिया गया है।
        

केवलारी विकासखंड के ग्राम खैरी में स्थित तालाब के पास बाघ के शरीर का हिस्सा जगह बिखरा दिखाई दिया जहां वन विभाग सहित अन्य अधिकारियों का दस्ता मौके पर पहुंचे एवं प्रारंभिक जांच प्रारंभ किया गया, हालांकि बाघ का मिला शव लगभग 10 से 12 दिन पुराना बताया जा रहा है जिससे खाल, पैरों के पंजे सहित अन्य अंग मौके से नहीं मिले। 


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