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किसानों के समर्थन में गोंडवाना समग्र क्रांति आंदोलन ने भरी हुंकार, बैलगाड़ी में रैली निकालकर कृषि कानून का जताया विरोध

किसानों के समर्थन में गोंडवाना समग्र क्रांति आंदोलन ने भरी हुंकार, बैलगाड़ी में रैली निकालकर कृषि कानून का जताया विरोध 


अनिल उईके जिला संवाददाता 
छिंदवाड़ा। गोंडवाना समय। 

गोंडवाना समग्र क्रांति आंदोलन छिंदवाड़ा ने मंगलवार 19 जनवरी 2021 को विगत 50-55 दिनों से दिल्ली में चल रहे किसानों के धरना प्रदर्शन और आंदोलन का समर्थन करते हुए विशाल किसान आंदोलन का आयोजन पोला ग्राउंड छिंदवाड़ा में किया गया।


इस आंदोलन में किसान अपनी बैल गाड़ी लेकर पोला ग्राउंड अपनी आदिवासी भेशभूषा में नजर आए। 

छावनी में तब्दील हो गया था कलेक्ट्रेट कार्यालय 


गांव-गांव से पहुंचे किसानों की की संख्या को लेकर जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन भी सुरक्षा की दृष्टि सर्तक नजर आया। किसान आंदोलन को शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराने में छिंदवाड़ा पुलिस भी जगह-जगह मौजूदगी रही और पुलिस प्रशासन ने अहम भूमिका निभाई, कलेक्ट्रेट के आसपास का नजारा छावनी में तब्दील हो गया था। 

किसानों ने बैलगाड़ी में निकाली रैली 


जिले के गांव गांव से पहुंचे किसानों ने बैल जोड़ी के साथ रैली निकालते हुए कृषि कानून के विरोध में नारे लगाते हुए विरोध दर्ज कराया। किसानों की रैली पोला ग्राउंड छिंदवाडा से होते हुये सिविल अस्पताल, फव्वारा चौक, इंदिरा तिराहा, अंबेडकर चौक, परासिया रोड से होते हुए कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंची जहां पर किसानों की मांगों पर अन्य मांगों को लेकर 8 सूत्री मांगों को लेकर महामहिम राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा गया। 

ज्ञापन में ये रखी मांग 


किसान आंदोलन का समर्थन रैली निकालकर ज्ञापन सौंपा गया जिसमें 1. तीनों कृषि कानून (काले कानून) सरकार वापस लें, 2. मक्का खरीदी सरकार समर्थन मूल्य 1850 किया जाये, 3. समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी हेतु शासन तत्काल पंजीयन प्रारंभ कराए,  4. पेट्रोल ,डीजल, खाद्य तेल एवं रसोई गैस कि बढ़ती कीमतों पर रोक लगाए जावे, 5. सम्पूर्ण देश में तेजी से बढ़ती बेरोजगारी हेतु राज्य एवम् केंद्र सरकार युद्ध स्तर पर शासकीय सेवाओं में भर्ती प्रक्रिया शीघ्र प्रारंभ करें ताकि बेरोजगारों को रोजगार मिल सके, 6. मध्यप्रदेश शासन द्वारा आदिवासी क्षेत्रो कि 5 हजार 7 सौ शासकीय शालाओं को बंद करने का निर्णय तत्काल वापस लिया जावे, 7. कन्हान नदी पर प्रस्तावित सिंचाई कामलेक्स को रद्द किया जाए, 8. वर्ष 2021 में होने जा रही जनगणना में अलग से आदिवासी  धर्म कोड दिया जावे।  

दिल्ली में संघर्षरत किसानों की मांगों को अनदेखी कर रही केंद्र सरकार  


ज्ञापन के माध्यम से  निवेदन करते हुए उन्होंने कहा कि हमारे देश के किसान भाई इस कड़कड़ाती ठंड में इतने लंबे समय 50-55 दिनों से संघर्षरत हैं। इतना ही नहीं लगभग 100-150 किसान भाइयों ने इस किसान आंदोलन में अपने प्राणों की आहुति दे चुके हैं जो कि हमारे देश के अन्नदाता के साथ घोर अन्याय है। इसके बावजूद केंद्र सरकार द्वारा किसानों की मांगों की अनदेखी की जा रही है और किसान विरोधी तीनों काले कानून वापस नहीं लिए जा रहे हैं, अगर सरकार यह किसान विरोधी कृषि काले कानून को वापस नहीं लेती है और उनकी मांगों को पूरा नहीं करते हैं तो आने वाले समय में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल एवं धरना प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे 

किसान आंदोलन में मुख्य रूप से ये रहे शामिल


छिंदवाड़ा मुख्यालय में किसानों के समर्थन में आयोजित आंदोलन में गोंडवाना समग्र क्रांति आंदोलन के लोगों सहित मुख्य रूप से  ठा. सी एल इनवाती, झमकलाल सरयाम, पवन सरयाम, अतरलाल धुर्वे, शशिकला उईके, सुगमलता धुर्वे, देवरावेन भलावी, अतुलराजा उईके, तुलसी धुर्वे, शुभम उईके, शुभम तिरगाम, अरविंद शाह धुर्वे, पुजारी धुर्वे, समस्त छात्र, मजदूर और किसान भाइयों सहित मातृशक्ति-पितृशक्ति बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। 

 

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