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बकरी पालन, कुक्कुट और कड़कनाथ में पशु चिकित्सा विभाग सिवनी का है बड़ा फर्जीवाड़ा

बकरी पालन, कुक्कुट और कड़कनाथ में पशु चिकित्सा विभाग सिवनी का है बड़ा फर्जीवाड़ा 

आदिवासी उपयोजना के बजट में अनुदान के नाम पर पशु चिकित्सा विभाग सिवनी ने किया खेल 




सिवनी। गोंडवाना समय। 

फसल के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ करने के लिये सरकार के द्वारा अतिरिक्त आय बढ़ाने के लिये सरकार अनेकों योजनाएं संचालित करती है। इसके लिये सरकार बजट में भी कोई कमी नहीं करती है ताकि किसानों को खेती के साथ-साथ अन्य साधनों के माध्यम से आर्थिक लाभ मिल सके और उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो सके। सरकार द्वारा किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिये खेती के अलावा पशु चिकित्सा विभाग के माध्यम से भी अनेकों योजनाएं संचालित कर रही है जिसमें बकरी पालन, कुक्कुट पालन के तहत कुक्कुट ईकाई व कड़कनाथ चूजे को प्रदाय करने की योजनाओं के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामीण हितग्राहियों की आर्थिक स्थिति में सुधार करना प्रमुख उद्देश्य होता है। वहीं इसको धरातल में क्रियान्वित करने के लिये पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है परंतु पशु चिकित्सा विभाग सिवनी के अंतर्गत बकरी पालन, कुक्कुट व कड़कनाथ पालन में हितग्राहियों की आर्थिक स्थिति में सुधार करने के नाम पर बड़ा फर्जीवाड़ा पशु चिकित्सा विभाग के कुछ अधिकारी कर्मचारी द्वारा किया गया है। 

हितग्राहियों को लाभ पहुंचाने की आड़ में विभाग के अधिकारी कर्मचारी भी हुये लाभांवित 

सिवनी जिले के विकासखंडों में पशु चिकित्सा विभाग के विभागीय कार्यालयों के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में बकरी पालन, कुक्कुट व कड़कनाथ पालन के तहत अनुदान स्वरूप दी जाने वाली राशि में पशु चिकित्सा विभाग सिवनी के कुछ अधिकारी कर्मचारी ने कागजी आधार पर लाभ पहुंचाने में बड़ी भूमिका निभाया है। सरकार का उद्ेश्य इन योजनाओं के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों को अतिरिक्त आय का माध्यम उपलब्ध कराना है ताकि उनकी आर्थिक स्थिति मेें सुधार हो सके लेकिन पशु चिकित्सा विभाग के कुछ अधिकारी कर्मचारी ने स्वस्वार्थ को बढ़ावा देकर इन योजनाओं का धरातल में वास्तविकता में क्रियान्वयन कराने में कम और कागजी तौर पर क्रियान्वित करने में ज्यादा कर्तव्य निभाया हैस। वहीं हितग्राहियों को लाभ पहुंचाने की आड़ में पशु चिकित्सा विभाग के कुछ अधिकारी कर्मचारी ने स्वयं को लाभांवित किया है।  

अनुदान की आड़ में पशु चिकित्सा विभाग का फर्जीवाड़ा 

हम आपको बता दे कि बैँक ऋण एवं अनुदान बकरी ईकाई के लिये सभी वर्ग के लिये भूमिहीन, कृषि मजदूर, सीमांत एवं लघु किसानों के लिये लगभग 77456 की योजना में अनुसूचित जनजति व अनुसूचित जाति वर्ग को 60 प्रतिशत अनुदान जिसमें प्रति ईकाई पर 46474 रूपये एवं सामान्य वर्ग के लये 40 प्रतिशत 30982 रूपये एवं अन्य राशि कुल मिलाकर 77456 रूपये की योजना के माध्यम से लाभ दिया जाता है। वहीं अनुदान पर कुक्कुट ईकाई के लिये जो कि केवल अनुसूचित जनजाति व अनुसूचित जाति के लिये 2225 रूपये की लागत की योजना है जिसमें अनुसूचित जनजाति को 75 प्रतिशत अनुदान में 1669 रूपये एवं अनुसूचित जाति वर्ग को 25 प्रतिशत अनुदान के आधार पर 556 रूपये का लाभ दिया जाता है। इसके साथ ही कड़कनाथ चूजे प्रदाय योजना जो कि सिर्फ अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिये संचालित की जाती है जिसमें कुल 4400 रूपये की लागत की योजना है जिसमें अनुसूचित जनजाति 75 प्रतिशत अनुदान के रूप में 3300 रूपये का लाभ दिया जाता है। इसके तहत सिवनी जिले में भर में ग्रामीणों को लाखों रूपये अनुदान के नाम पर पशु चिकित्सा विभाग सिवनी द्वारा प्रदाय किया गया है। सरकार की मंशा अनुदान के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र में विशेषकर अनुसूचित जनजाति व अनुसूचित जाति वर्ग के किसानों को अतिरिक्त आय के माध्यम से उनकी आार्थिक सुधार करना है लेकिन अनुदान के नाम पर पशु चिकित्सा विभाग के कुछ अधिकारी कर्मचारी ने बड़ा फर्जीवाड़ा किया है। 

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