Type Here to Get Search Results !

पंजाब विश्वविद्यालय में आजादी के बाद से लागू नहीं हुआ रोस्टर पीयू को नोटिस

पंजाब विश्वविद्यालय में आजादी के बाद से लागू नहीं हुआ रोस्टर पीयू को नोटिस

एससी-एसटी आयोग पंजाब ने 4 जनवरी तक मांगा जवाब


पंजाब। गोंडवाना समय।

पंजाब विश्वविद्यालय में आजादी के बाद से रोस्टर लागू ही नहीं हो पाया। इसके कारण एससी-एसटी, ओबीसी वर्ग की रिक्तियां आरक्षित नहीं हो पाईं। इसी प्रकरण को लेकर पीयू के कर्मचारी अब एससी-एसटी आयोग पंजाब पहुंचे हैं। वहां इस प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए पीयू को नोटिस जारी किया गया है। चार जनवरी तक इसका जवाब मांगा है। यदि पीयू के पास उचित कारण नहीं हुआ तो कार्रवाई भी हो सकती है। हालांकि पीयू ने जहां-जहां जवाब दिए हैं, उन्होंने अपना बचाव किया है। वहीं यह भी कहा है कि जल्द ही वह रोस्टर लागू करेगी। पीयू के कर्मचारियों को उम्मीद है कि अब उनको उनका हक मिलेगा।

कई वर्षों से इस मुद्दे को उठा रहे हैं लेकिन आज नहीं मिला लाभ 

पीयू को रोस्टर के जरिए यह तय करना है कि कौनसी रिक्तियां एससी-एसटी, ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षित हैं। उस सीट पर केवल इन्हीं वर्ग के लोगों को लाभ मिलता है। पदोन्नति भी रोस्टर के मुताबिक ही होनी है। एससी, एसटी, ओबीसी एसोसिएशन के प्रधान हरप्रीत कई वर्षों से इस मुद्दे को उठा रहे हैं लेकिन लाभ आज तक नहीं दिया गया। इस वर्ग के कर्मचारियों ने धरना-प्रदर्शन भी किया और भूख हड़ताल की चेतावनी भी दी। कई बार यह मुद्दा सीनेट में प्रमुखता से उठाया गया। आखिर में रोस्टर बनाया गया लेकिन उसमें कमियां निकाल दी गईं। दूसरी बार भी रोस्टर सिंडिकेट में पहुंचा पर सफल नहीं हो पाया। तीसरी बार इस रोस्टर को लागू करने के लिए कमेटी बनाई गई है लेकिन वह कमेटी भी किसी निर्णय तक नहीं पहुंच पाई, मामला अधर में लटका है। आश्वासन दिए गए लेकिन अफसर इसे धरातल पर नहीं उतार सके।

रोस्टर लागू करना होगा, अन्यथा वे अब आखिरी लड़ाई लड़ेंगे

यह प्रकरण पिछले दिनों केंद्र सरकार के पास पहुंचा। उपराष्ट्रपति कार्यालय को लिखा गया। वहां से भी जवाब मांगा गया। अब एससी-एसटी आयोग पंजाब को यह प्रकरण भेजा गया। वहां इसे गंभीरता से लिया गया और पीयू को नोटिस जारी कर दिया गया। अब पीयू अपने बचाव के लिए रास्ता तलाश रही है। जानकारों का कहना है कि पीयू को आखिरकार यह रोस्टर लागू करना ही होगा। संविधान में जो अधिकार जिस वर्ग को दिए गए हैं, वे उसे मिलेंगे। इसे अब अधिक दिनों तक लंबित नहीं किया जा सकता। एसोसिएशन अध्यक्ष हरप्रीत सिंह कहते हैं कि पीयू को रोस्टर लागू करना होगा, अन्यथा वे अब आखिरी लड़ाई लड़ेंगे। कर्मचारियों में आक्रोश है। उनका हक नहीं छीना जा सकता। मालूम हो कि पीयू में एससी-एसटी व ओबीसी के कर्मचारियों की संख्या लगभग एक हजार के आसपास है।

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.