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मुख्यमंत्री जी, भू-माफिया की चक्की में पिस रहे, दलित, आदिवासी, पिछड़े वर्ग के गरीब

मुख्यमंत्री जी, भू-माफिया की चक्की में पिस रहे, दलित, आदिवासी, पिछड़े वर्ग के गरीब 


सिवनी/छपारा। गोंडवाना समय।

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने भूमाफियाओं पर कार्यवाही करने के लिये सख्त निर्देश दिये है। मुख्यमंत्री का यह फैसला स्वागतयोग्य भी है क्योंकि पूंजीपति और राजनैतिक संरक्षण प्राप्त भूमाफियाओं ने शासकीय भूमि पर बेहिसाब कब्जा कर व्यापार, व्यवसाय के साथ ही ऐशोआराम के लिये आलीशान भवन भी बनाया हुआ है, ऐसे भूमाफियाओं से शासकीय भूमि को कब्जामुक्त कराये जाना शासन हित सराहनीय कदम भी है। 

भूमाफिया की परिभाषा क्या है ?

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने मंच पर मीटिंग पर भूमाफियाओं को जड़ से उखाड़ फैंकने के लिये निर्देश शासन के अधिकारियों को सख्त कार्यवाही के निर्देश दिये है। हम भूमाफिया की बात करें तो भूमाफिया की परिभाषा को भी हमें समझना होगा भू माफिया से आशय यह है कि जिनके पास निजी स्वामित्व के मनचाही भूमि, प्लाट या कृषि भूमि हो,  जो लखपति, करोड़पति संपत्तिवान हो जिन्होंने शासन के कार्य से लाखों की संपत्ति बना लिया हो जिनके पूर्वज पहले से ही चल अचल संपत्ति के धनी रहे हो इसके बाद भी यदि ऐसे पूंजीपति व्यक्ति शासकीय भूमि पर मनचाहा कब्जा कर रहें हो या कब्जा कर अतिक्रमण किये हो तो वह भू माफिया हो सकते हैं।
            वहीं यदि जिनके पास निजी स्वामित्व की भूमि, कृषि भूमि, अचल संपत्ति ना हो जो भूमि हीन हो या जिनके पूर्वज समाज के अंतिम पंक्ति के व्यक्ति के रूप में श्रमवीर मजदूर, दलित, आदिवासी, पिछडेÞ वर्ग सहित समस्त वर्गों के गरीब आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्ति हो और उनके पास रहने के लिए मकान भी नहीं था, रोजगार नहीं था।
         जिन्होंने पूर्व समय में रिक्त पड़ी शासन की भूमि पर आवास बना कर रह रहे थे, जिन्हें सरकारी भूमि की मदवार जानकारी नहीं थी। स्व्यं का पेट पालने के साथ-साथ परिवार का पालन पोषण के लिये काम की तलाश में पूर्व में जिसको जहाँ भूमि मिल पाई उनके पूर्वजों ने आवास बना लिया और पूरे जीवन मजदूरी कर संघर्ष करते रहे।
        वहीं वर्तमान परिवेश में आज जब उक्त निवास स्थल के आसपास क्षेत्र का विकास हो गया और दलित, आदिवासी, पिछड़ा वर्ग सहित समस्त वर्ग के गरीबों ने अपने छत बनाकर आवास स्थल पर ही अपना ही रोजी रोजगार स्थापित कर लिया है तो उनके जीवन स्तर में कुछ सुधार भी आने लगा है। परिवार का भरण-पोषण करने में सक्षम होने लगा है।
        इनके पास कहने को छत और रोजगार के विकास के साथ परिवार के पालन पोषण करने की ही स्थिति है, न तो उनके पास अलग से कोई निजी भूमि, बैंक बैलेंस और न ही वे पूंजीपति के श्रेण्ीा में आते है तो फिर वह व्यक्ति भू माफिया कैसे हो सकता है?

भूूमाफियाओं की कार्यवाही में उजड़ रहे गरीबों के आशीयाने और छीने जा रहे रोजगार




मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा भूमाफियाओं पर कार्यवाही करने के निर्देश के बाद शासन प्रशासन भूमाफियाओं पर कार्यवाही करने के लिये सक्रियता के साथ पालन कर रहा है। भूमाफियाओं को हटाये जाने की कार्यवाही में गरीब निर्धन वर्ग जो मेहनत मजदूरी करके अपना घर परिवार करके अपने परिवार का पालन पोषण कर रहा है वे भी अब अतिक्रमण की कार्यवाही में पिस रहे है।
        मध्य प्रदेश के अधिकांश जिलों में भूमाफियाओं पर कार्यवाही की जा रही है। वहीं सिवनी जिले में भी भूमाफियाओं से शासकीय भूमि को कब्जा मुक्त कराया जा रहा है। वहीं यदि हम बात करें सिवनी जिले के छपारा मुख्यालय की तो वहां पर पूंजीपति भूमाफियाओं से शासकीय जमीन कब्जामुक्त कराया जाने की कार्यवाही को जनता सही बता रही है परंतु मेहनत, मजदूरी करने वाले गरीब जिन्होंने मेहनत, मजदूरी करने के बाद अपने पेट के पालन पोषण में कमी करके पाई पाई जोड़ कर अपना छोटा मोटा आवास बना लिया है कुछ अपना रोजी रोजगार कर रहे है तो कुछ सिर्फ रह रहे है।
        उन्हें भी भूमाफिया की कार्यवाही के तहत अतिक्रमण का नाम देकर हटाया जाने पर जनता सीधे सरकार के मुखिया मुख्यमंत्री पर ही सवाल उठा रही है। जबकि छपारा शहर की बात करें तो वहां पर फोरलेन का वाईपास बना हुआ आवागमन में भी परेशानी नहीं है उसके बाद भी गरीबों के जीवन भर की कमाई गई पंूजी से बनाये गये आवास व रोजगार स्थल को तोड़ा जा रहा है।


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