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आत्महत्या दुष्प्रेरण में पति को 7 वर्ष का सश्रम कारावास

आत्महत्या दुष्प्रेरण में पति को 7 वर्ष का सश्रम कारावास


कमलाशंकर विश्वकर्मा, ब्यूरो चीफ
मनासा/नीमच। गोंडवाना समय। 

श्री अखिलेश कुमार धाकड़, अपर सत्र न्यायाधीश, मनासा द्वारा घासलेट डालकर पत्नी को आत्महत्या करने के लिए दुष्प्रेरित करने वाले आरोपी पति दशरथ पिता रामलाल खारोल, उम्र 25 वर्ष, निवासीग्राम सांडिया, थाना मनासा, जिला-नीमच को 07 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 1,000 रुपए जुमार्ने से दण्डित किया।

मृतिका ममता से छोटी-छोटी बातों पर झगड़ाकर मारपीट करता था

सुश्री कविता भट्ट, अपर लोक अभियोजक, मनासा द्वारा घटना की जानकारी देते हुुए बताया कि आरोपी दशरथ का विवाह मृतिका ममता से घटना दिनांक 01.09.2017 के लगभग 03 वर्ष पूर्व हुआ था, मृतिका ममता के भाई राहुल का विवाह आरोपी की बहन कौशल्या से हुआ था। आरोपी शादी के बाद से ही मृतिका ममता से छोटी-छोटी बातों पर झगड़ाकर मारपीट करता था, उसे ऐसा नहीं करने के लिए परिवार वालो ने कई बार समझाया था, किंतु वह फिर भी मृतिका के साथ मारपीट कर से परेशान करता था। 

झगड़ा व मारपीट किये जाने वाली बात उसके पिता को बताती थी

मृतिका ममता जब अपने पिता के घर जाती थी तो आरोपी द्वारा उसके साथ झगड़ा व मारपीट किये जाने वाली बात उसके पिता को बताती थी, घटना के 2-3 दिन पूर्व ममता के पिता ने दशरथ को समझाया भी था किंतु घटना दिनांक को आरोपी ने फिर ममता के साथ मारपीट की, जिससे परेशान होकर ममता ने स्वयं के ऊपर घासलेट डालकर आग लगा ली, जिससे वह 60-70 प्रतिशत तक जल गई। परिवार के सदस्यों को घटना की जानकारी मिलते से ही वह उसे ईलाज हेतु जिला चिकित्सालय नीमच ले गये। जहॉ से उसे उदयपुर रेफर किया गया किंतु उदयपुर पहुॅचते ही ममता की मृत्यु हो गई। 

विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया

उदयपुर जाने से पूर्व ममता द्वारा डॉ. एम. के. यादव को अपने मृत्युकालिक कथन दिये व उदयपुर जाते हुए रास्ते में जीजा दशरथ और कमलाबाई को भी बताया कि वह उसके पति दशरथ से परेशान होकर घासलेट डालकर आत्महत्या कर रही हैं, मृतिका का पोस्टमार्टम किये जाने के बाद, जॉच उपरांत आरोपी के विरूद्ध पुलिस थाना मनासा में अपराध क्रंमाक 487/2017, अंतर्गत धारा 306 भादवि के अंतर्गत पंजीबद्व कर विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।

पैरवी सुश्री कविता भट्ट, अपर लोक अभियोजक, मनासा द्वारा की गई

अभियोजन द्वारा न्यायालय में मृत्युकालिक कथन लेने वाले डॉ. एम. के. यादव, विवेचक सहित सभी आवश्यक गवाहों के बयान कराकर आरोपी द्वारा प्रताड़ित कर मृतिका ममता को आत्महत्या करने के लिए दुष्प्रेरित करने के अपराध को प्रमाणित कराकर आरोपी को कठोर दंड से दण्डित किये जाने का निवेदन किया। जिस पर से न्यायालय द्वारा आरोपी को धारा 306 भादवि के अंतर्गत 07 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 1,000रू. जुमार्ने से दण्डित किया गया। न्यायालय में शासन की ओर से पैरवी सुश्री कविता भट्ट, अपर लोक अभियोजक, मनासा द्वारा की गई।

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