विधायक ने कहा था हम चुनाव जीते तो आपके गांव में पुल बनवा देंगे नहीं बनवाए तो आप की चप्पल और मेरा सिर
वर्षों से पुल निर्माण की मांग का फायदा उठाकर वोट लेकर कातोली की जनता को ठग रहे जनप्रतिनिधि
कातोली की जनता को है पुल का इंतजार
अजय नागेश्वर संवाददाता
सिवनी/उगली। गोंडवाना समय।
चुनाव के दौरान जनता से किये जाने वाले वायदा को जीतकर जनतप्रतिनिधि बनन के बाद कितना पूरा करते है इसका ज्यादा वर्णन करने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि ये पब्लिक है सब जानती है। विधानसभा क्षेत्र केवलारी की जनपद पंचायत केवलारी के अंतर्गत उप-तहसील उगली से लगभग 15 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत पिपरिया के ग्राम कातोली में वर्षों से पुल निर्माण की मांग की जा रही है।
चुनाव जीतने के बाद गांव की ओर दोबारा रुख नहीं करते
पुल नहीं होने के कारण ग्रामीणजन, किसानों एवं स्कूलों की बच्चे एवं बच्चियां परेशानी के बीच जीवन जीने को मजबूर हैं। ग्रामीणों की शिकायत है कि चुनाव के समय बड़े-बड़े वायदा कर वोट हासिल करने वाले सफेदपोश नेता चुनाव जीतने के बाद गांव की ओर दोबारा रुख नहीं करते है। ग्रामीणों का कहना है कि वर्तमान विधायक श्री राकेश पाल चुनाव के पहले गांव आए थे तो उन्होंने गांव के सभा मंच में कहा था कि इस बार आप हमें वोट दीजिए और मुझे जिताईये, मैं विधायक बना तो इस बार पुल निर्माण का कार्य जरूर करवाएंगे। उन्होंने मंच से तो यह कह दिया था कि यदि पुल नहीं बनवाए तो आप की चप्पल और मेरा सिर होगा।
विधायक राकेश पाल अपना वादा पूरा करेंगे ?
हालांकि विधायक के समर्थक क्षेत्रिय ग्रामीणजनों से पुल निर्माण की समस्या पर यह कहते है कि विधायक बनने के बाद मध्यप्रदेश में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार बन गई थी इसलिये उनका वादा अधूरा रह गया था। वहीं ग्रामीणजनों व पुल निर्माण की मांग करने वाले ग्रामीणों का कहना है कि अब तो पासा पलट गया है अब तो भारतीय जनता पार्टी की सरकार राज्य में एवं केंद्र में भी है। अब ग्रामीण कह रहे हैं कि क्या अब विधायक श्री राकेश पाल अपना वादा पूरा करेंगे?
पुल बनाओ अबकी बार, नहीं तो करेंगे चुनाव का बहिष्कार
वही कातोली क्षेत्र के ग्रामीणों में पुल निर्माण की मांग को लेकर अत्याधिक आक्रोश देखने को मिल रहा है। ग्रामीण जन पुल की मांग को लेकर नदी में जाकर पुल बनवा कर रहेंगे का नारा लगाते है जनप्रितनिधियों को याद भी दिलाया। ग्रामीणों ने कहा कि बरसात का समय हमारे लिए किसी मुसीबत से कम नहीं। कई-कई दिनों तक बच्चे स्कूल नहीं जा पाते है।
वहीं ग्रामीणों का कहना है कि हमें सिर्फ नेताओं ने ठगा ही है, इसके पहले भी क्षेत्र के पंचायत स्तर के जनप्रतिनिधियों ने अत्याधिक प्रयास किया लेकिन उनकी मांग किसी सरकार ने पूरा नहीं की यहां तक कि कुछ पंचायत के जनप्रतिनिधि तो पुल निर्माण की मांग करते करते इस दुनिया से चले गये है लेकिन ग्रामीणों की समस्या पर कोई संज्ञान क्षेत्रिय विधायक, सांसद, सरकार, शासन प्रशासन ने नहीं लिया है। ग्रामीणों का कहना है यदि इस बार पुल निर्माण का कार्य प्रारंभ नहीं हुआ तो चुनाव का बहिष्कार करेंगे।