जन्म से सूरदास घनश्याम पंचेश्वर करते है शानदार मसाज
हम आज आपको रूबरू कराएंगे जिले की उस खबर से जो रोचक होने के साथ साथ सकारात्मक भी है एवं समाज में दिव्यांगजनों को दिशा दिखाने में मददगार भी साबित होगी। तहसील केवलारी के अंतर्गत उप-तहसील उगली से लगभग 12 किलोमीटर दूर ग्राम पांडीवाड़ा के श्री घनश्याम पंचेश्वर के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातें बताएंगे। घनश्याम पंचेश्वर जो कि जन्म से ही आंखों से दिव्यांग है लेकिन इनके अंदर मसाज करने की खूबियां हैं।
मसाज कर उठाते है अपना स्वयं का खर्चा
गांव में घर-घर जाकर मसाज करते हैं जिससे घनश्याम पंचेश्वर अपना खर्चा स्वयं उठाते हैं। ये लगभग 20 वर्षों से मालिश कर रहे हैं, इनकी मालिश देखकर आप भी कहेंगे वाह। उन्होंने किसी तरह का कोई प्रशिक्षण नहीं लिया है। जब हमारे गोंडवाना समय संवाददाता ने श्री घनश्याम पंचेश्वर से पूछा कि आपने ये हुनर कहां से सीखा तो उन्होंने कहा मैं सीखने कही नहीं गया हूं, ये हुनर ने मुझे ईश्वर की देने है ताकि मैं किसी के आगे हाथ न फैलाऊं और अपना खर्चा खुद उठा सकूं। हम आपको बता दें श्री घनश्याम पंचेश्वर अपने परिवार का पालन पोषण मसाज के द्वारा करते हैं। ये जन्म से ही देख नहीं सकते लेकिन ये दूसरों के सामने हाथ ना फैलाकर अपने अंदर छिपी हुई कला को पहचान कर मसाज का काम करते हैं।
गोंडवाना समय का रोचक सफर
श्री घनश्याम पंचेश्वर जी गांव वालों के दिलों में राज कर रहे हैं। जब ये मसाज करते हैं तो लोगों का दिल जीत लेते हैं। वहीं गोंडवाना समय समाचार पत्र लगातार ये प्रयास कर रहा है कि आपके समक्ष ऐसी सत्य घटनाएं लाएं और पाठकों तक उन्हें पहुंचाये, विशेष ग्रामीण क्षेत्रों में अनेक ऐसे कलाकार या हुनरमंद होते है जिन्हें अखबारों में या इलेक्ट्रानिक मीडिया में कई बार स्थान नहीं मिल पाता है उन्हें गोंडवाना समय स्थान देने का प्रयास कर रहा है।