Type Here to Get Search Results !

ऐसे आदेशों से षड़यंत्र के तहत शासन के प्रति शिक्षकों को उकसाया जा रहा है, इस पर तत्काल लगाना चाहिये रोक-श्रवण डहरवाल

ऐसे आदेशों से षड़यंत्र के तहत शासन के प्रति शिक्षकों को उकसाया जा रहा है, इस पर तत्काल लगाना चाहिये रोक-श्रवण डहरवाल 

प्रशासकीय प्रावधानों की पूर्ति करके दी गई क्रमोन्नति को निरंतर रखा जाना चाहिए न कि स्थगित किया जावे

शिक्षकों को देय क्रमोन्नति को स्थगित करने से नवीन शिक्षक संवर्ग आक्रोशित व कुपित 


सिवनी। गोंडवाना समय।

शासन द्वारा जारी किये गये दोनों आदेशों को लेकर शिक्षा विभाग एवं अध्यापक संवर्ग में अत्यंत आक्रोश व्याप्त है इस संबंध में श्रवण कुमार डहरवाल, जिला अध्यक्ष, प्रांतीय शिक्षक संघ मध्य प्रदेश राज्य कर्मचारी संघ सिवनी ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि सेवा शर्तों में जब क्रमोन्नति एवं पदोन्नति उदाहरण सहित स्पष्ट कर दिया गया है, उदाहरण सहित आदेश दे दिए गए तो फिर निरस्त करने का क्या औचित्य ? 9 से 12 स्कूल का क्या उचित ? श्रीमती जयश्री कियावत आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल ने अपने आदेश क्र./एनसीएफ/16/नं.स./क्रमो/2021/428 दिनांक 08/03/21 से दिनांक 01/07/2018 को या इसके बाद 12 वर्ष सेवाकाल पूर्ण होने पर नवीन शिक्षक संवर्ग को क्रमोन्नति वेतनमान को स्थगित कर दिया है। इसमें कहा गया है कि शासन के बगैर सक्षम निर्देश के जारी आदेश नियमाकुल नहीं है।
        

 विचारणीय हैं कि अध्यापक संवर्ग को नवीन शिक्षक संवर्ग में नियुक्ति के लिए एफ 1-14/2019/20-1 भोपाल दिनांक 27/07/2019 व मप्र राजपत्र क्रमांक 426 स्कूल शिक्षा विभाग की अधिसूचना 28/07/2018 नियम जारी कर समूह बीमा योजना 2003 के संशोधित प्रावधान, अवकाश नियम-1977, सिविल सेवा भर्ती आचरण नियम 1965, मप्र सिविल सेवा वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील नियम-1966, मप्र मूलभूत नियम 45 ए-बी के अंतर्गत एचआर, टीए, स्थानान्तरण यात्रा भत्ता, चिकित्सा परिचर्या नियम-1958 के अनुसार चिकित्सा प्रतिपूर्ति के प्रावधान लागू किये गये। 

श्रीमती जयश्री कियावत के आदेश से क्रमोन्नति को उलझाया गया है

श्रवण कुमार डहरवाल ने आगे बताया कि निर्देश 3 से पदोन्नति क्रमोन्नति व समयमान वेतनमान के लिए सेवाअवधि मान्य किये गये। उपरोक्त सेवा शर्ते वित्त विभाग द्वारा यूओ क्र. 301/19/3240/18/वित्त/नियम/चार दिनांक 14/02/2019 द्वारा सहमति के परिपालन में श्रीमती रश्मि अरूण शमी प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा विभाग मंत्रालय भोपाल से जारी किये गये है। श्रीमती जयश्री कियावत के आदेश से क्रमोन्नति को उलझाया गया है। नवीन शिक्षक संवर्ग को तय समय-सीमा के बाद क्रमोन्नति देना ही है। तकनीकी खामी के चलते सक्षम अधिकारियों से आदेश व अनुमोदन लिया जाना चाहिए।

क्रमोन्नति वेतनमान शिक्षकों ने अपने आप लागू नहीं कर लिये है

श्रवण कुमार डहरवाल ने आगे बताया कि प्रशासकीय प्रावधानों की पूर्ति करके दी गई क्रमोन्नति को निरंतर रखा जाना चाहिए न कि स्थगित किया जावे। लगभग दो वर्ष बाद आदेशों के निहितार्थ निकालकर शिक्षकों को देय क्रमोन्नति को स्थगित करने से नवीन शिक्षक संवर्ग आक्रोशित व कुपित है। क्रमोन्नति वेतनमान शिक्षकों ने अपने आप लागू नहीं कर लिये है। शासन-प्रशासन को अपने आदेशों की तकनीकी बारीकियों व खामियों को दूर करना चाहिए। पहले ही कोविड-19 के चलते डीए, वेतनवृद्धि व एरियर पर ग्रहण लगा है। ऊपर से क्रमोन्नति स्थगित करने से दुबले को दो आषाढ़ वाली कहावत चरितार्थ हो रही है। ऐसे आदेशों से षड़यंत्र के तहत शासन के प्रति शिक्षकों को उकसाया जा रहा है, इस पर तत्काल रोक लगना चाहिए।

अधिकारियों को ऐसा क्यों लगता है कि शिक्षक लापरवाह है

श्रवण कुमार डहरवाल ने आगे बताया कि 9 से 5 का आदेश स्कूल के बच्चों की भलाई के लिए तो समझ नहीं आ रहा है लेकिन शिक्षकों को परेशान करने के लिए यह जरूरी है ? क्या छात्र-छात्राएं 9 से 5 संस्था में बैठ पाएंगे क्या उन्हें भूख प्यास और गर्मी नहीं लगती शासन इस प्रकार का व्यावहारिक आदेश ना जाने क्यों करता है शिक्षक लगातार मेहनत कर छात्रों की जहां गुणवत्ता एवं पढ़ाई पर ध्यान दे रहा है वही ना जाने उच्चतर कार्यालय में बैठे अधिकारियों को ऐसा क्यों लगता है कि शिक्षक लापरवाह है उन्हें लगातार परेशान करने के लिए कुछ ना कुछ अव्यवहारिक आदेश निश्चित तौर से किए जाते हैं जो कि पूर्णता गलत है ?

शिक्षा विभाग एवं अध्यापक संवर्ग में अत्यंत आक्रोश व्याप्त

श्रवण कुमार डहरवाल ने आगे बताया कि शासन की उपरोक्त दोनों ही आदेशों को लेकर शिक्षा विभाग एवं अध्यापक संवर्ग में अत्यंत आक्रोश व्याप्त हो गया है। जहां शासन आर्थिक लाभ से वंचित कर शिक्षकों को लगातार परेशान कर रहा है वही क्रमोन्नति के स्पष्ट आदेश किए जाने के बाद पुन: 98 से लेकर अब तक पदस्थ शिक्षकों को क्रमोन्नति वेतनमान देने से उत कार्यालय आनाकानी कर रहा है क्योंकि 98 अर्थात शिक्षाकर्मियों को 2022 में क्रमोन्नत वेतनमान लगना है वही 24 मई 2001 वालों को क्रमोन्नत वेतनमान लगना है अर्थात 2006 वालों का प्रथम क्रमोन्नत वेतनमान एवं  क्रमोन्नत वेतनमान पर रोक लगाने का आदेश मध्य प्रदेश राज्य कर्मचारी संघ एवं प्रांतीय शिक्षक संघ इसका विरोध करता है। 

पदाधिकारियों ने रणनीति तय कर बड़े आंदोलन की तैयारी करना किया प्रारंभ 

संघ के जिला अध्यक्ष श्रवण कुमार डहरवाल, प्रांतीय शिक्षक संघ के जिला सचिव अविनाश तिवारी, मध्य प्रदेश राज्य कर्मचारी संघ के सचिव अनिल राजपूत, संघ के राजकुमार बघेल, पुरानी पेंशन बहाली संघ के कार्यकारी अध्यक्ष राजेंद्र बघेल, संघ के प्रेम गगन सनोडिया, इंद्र कुमार सनोदिया, मनीष तिवारी ,अविनाश तिवारी मुकेश ठाकुर मनीराम वैश्य विजय अभिषेक ब्लॉक अध्यक्ष रविंद्र ठाकुर रघुवीर चौधरी बेनी पटली बसंत सनोडिया कृष्ण कुमार गोलानी, पंतलाल र्मरापा, मनोज यादव रघुवंशा पन्द्रे, तान सिंह पटेल, श्रीमती भारती पटवा, गायत्री तिवारी, प्रीति बख्शी, अनिल डहरवाल, संजय करवेति, दौलत राम वर्मा, आदि पदाधिकारियों द्वारा आगे आंदोलन की रणनीति तय कर बड़े आंदोलन की तैयारी करना प्रारंभ कर दिया है ?

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.