विद्युत विभाग की लापरवाही, लकड़ी के पोल में करेंट की सप्लाई
उगली विद्युत विभाग के अधिकारी कर्मचारियों की 6 महीने में भी नहीं खुली नींद
बरसात में 4 दिनों तक नहीं आयी थी, कातोली में लाइट
विद्युत विभाग ने किया हाथ खड़ा तो ग्रामीणों ने ही लगाया था विद्युत पोल
सिवनी जिला के तहसील केवलारी के अंतर्गत कार्यालय कनिष्ठ यंत्री विद्युत सेवा केंद्र म.प्र. रा. विद्युत मंडल उगली के अंतर्गत आने वाले ग्राम कातोली में जो उगली से लगभग 16 किलोमीटर दूर है। ग्रामीणों ने बताया बरसात के समय पलाश के पेड़ की डगाल विद्युत तार के ऊपर गिरी और पोल टूटकर गिर गया था जिसकी सूचना विद्युत विभाग को दी गई थी फिर भी विद्युत विभाग के अधिकारी नहीं आए जिसकी वजह से गांव में 4 दिन तक लाइट भी नहीं आई थी।
विद्युत विभाग ने नहीं, ग्रामीणों ने मिलकर लकड़ी का पोल लगाया था
चौथे दिन विद्युत विभाग के अधिकारी आए लेकिन पानी को देखते हुए उन्होंने हाथ खड़ा कर दिये थे क्योंकि जहां पोल गिरा था वहां पर खेत है एवं उस समय वहां पर कमर भर पानी भरा हुआ था। गांव में लाइट नहीं थी तो मजबूरी में युवा समिति के सदस्यों ने मिलकर लकड़ी का पोल लगाकर उसमें तार फिट किए। गांव में लाइट आएगी कह कर पानी बरसात में भीगते हुए रात के 9 बजे तक लकड़ी का पोल लगाकर लाइट की समस्या को ग्रामीणों ने ठीक किया था। इन्हीं अव्यवस्थाओं के कारण कातोली के ग्रामीण लाइट का बिल नहीं पटाते है लेकिन विद्युत विभाग के अधिकारी जब लाइट काट देते हैं तो मजबूरी में बिजली का बिल पटाना पड़ता है।
बरसात आने से पहले सीमेंट का पोल लग जाना चाहिए
ग्राम कातोली के ग्रामीणों का कहना है बरसात आने से पहले गर्मी में ही सीमेंट का पोल लग जाना चाहिए। नहीं तो बरसात में लकड़ी का पोल सड़ जाएगा। वहीं ग्रामीणों का यह भी कहना है लाइन की व्यवस्था यदि ग्रामीण ही सुधारेंगे तो फिर विधुत विभाग की क्या जिम्मेदारी बनती है ? यदि बरसात के दिनों में लकड़ी का पोल लगाते समय कोई बड़ा हादसा हो जाता तो उसका जिम्मेदार कौन होता यह भी सवाल है जो विद्युत मंडल के लिये बना हुआ था और आगे भी सवाल बनकर लकड़ी का पोल बना हुआ है ?