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कुरई महाविद्यालय राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई विशेष शिविर में ग्रामीणों को कर रहे जागरूक

 कुरई महाविद्यालय राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई विशेष शिविर में ग्रामीणों को कर रहे जागरूक

ग्राम बिछुआमाल में शिविर में दे रहे है ग्रामीणों को प्रत्येक पहूलओं पर जानकारी 


सिवनी। गोंडवाना समय। 

शासकीय महाविद्यालय कुरई की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा ग्राम बिछुआमाल में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, स्कूल चलो अभियान, कॉलेज चलो अभियान, कोविड-19 के प्रति  जागरूकता,  मतदाता जागरूकता अभियान, नशा मुक्ति अभियान, कन्या भ्रूण हत्या, पर्यावरण संरक्षण, जल संरक्षण, स्वच्छता अभियान को लेकर 7 दिवसीय विशेष शिविर लगाया गया है। यह शिविर राष्ट्रीय सेवा योजना  कार्यक्रम अधिकारी प्रोफेसर पंकज गहरवार के मार्गदर्शन में लगाया गया है। 

उद्घाटन के साथ राष्ट्रीय सेवा योजना के उद्देश्य पर किया चर्चा


वहीं राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवक गांव में जाकर स्वच्छता के संदेश दिए जा रहे हैं। शिविर का पहला दिवस का शुभारंभ ग्राम बिछुआ के उपसरपंच की मौजूदगी में महाविद्यालय प्राचार्य श्री पवन सोनिक सर के द्वारा रिबन काटकर उद्घाटन किया गया। इस अवसर पर महाविद्यालय स्टाफ से डॉ श्रुति अवस्थी, डॉ अखिलेश शेन्डे, प्रोफेसर जयप्रकाश मेरावी, डॉ संतलाल डेहरिया की गरिमामयी उपस्थिति में हुआ।

उद्घाटन पश्चात राष्ट्रीय सेवा योजना के प्रेरणा पुरुष स्वामी विवेकानंद और ज्ञान की देवी मां सरस्वती की प्रतिमा में पुष्पहार और पुष्पगुच्छ अर्पित किए गए। तत्पश्चात अतिथियों  के सम्मान करते हुए, स्वयंसेवको द्वारा राष्ट्रीय सेवा योजना के प्रेरणा गीत व लक्ष्य गीत पेश किए गए। सभी स्वयं सेवकों ने अपना परिचय देते हुए राष्ट्रीय सेवा योजना के उद्देश्य पर चर्चा किया। 

ग्रामीणों में पर्यावरण बचाने को लेकर जागरूकता आयी


उद्घाटन सत्र के अगले दिन जागरण, योग व्यायाम, परियोजना कार्य, स्नान, भोजन कार्यक्रम होने के पश्चात दोपहर बौद्विक चर्चा हुई। बौद्धिक चर्चा स्वच्छ भारत अभियान, पानी रोको सोखो/ पर्यावरण सरंक्षण जैसे विषयों को लेकर हुई। इन विषयों पर विचार रखने मुख्य प्रवक्ता के रूप में प्रोफेसर अनिल कुशराम व प्रोफेसर राजू पिपरदे उपस्थित रहे। उन्होंने पर्यावरण से संबंधित सभी तरह की जागरुकता का समाधान किया। इन व्याख्यान से ग्रामीणों में पर्यावरण बचाने को लेकर जागरूकता आयी । इस अवसर पर गहरवार ने कहा कि बीज जैसे किसान बोता है, बादल जैसे धरा भिंगोता है, वैसे ही दुनिया को हंसी बनाने का सब पर दारोमदार होता है। 

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