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ईमानदार शिवराज सरकार पर मंत्री बिसाहूलाल के गृह जिले में भारी पड़ रहे आदिम जाति सेवा सहकारी समिति में भ्रष्टाचार का रिकार्ड बनाने वाले रामयश शर्मा

 


ईमानदार शिवराज सरकार पर मंत्री बिसाहूलाल के गृह जिले में भारी पड़ रहे आदिम जाति सेवा सहकारी समिति में भ्रष्टाचार का रिकार्ड बनाने वाले रामयश शर्मा 

लैम्पस प्रबंधक रामयश शर्मा को हटाने को लेकर किसानों ने किया विधायक निवास एवं पुलिस थाना का घेराव


अनूपपुर/पुष्पराजगढ़। गोंडवाना समय। 

आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र अन्तर्गत आदिम जाति सेवा सहकारी समिति मर्यादित राजेन्द्रग्राम में एक दशक से सरकार, शासन-प्रशासन के संरक्षण में भ्रष्टाचार की जड़ को मजबूत कर भ्रष्टाचार का मजबूत महल करने वाले जनजाति बाहुल्य क्षेत्र में स्थित संस्था का लगभग 4 करोड़ रुपये गबन खयानत कर किसानों के ऊपर जबरन कर्ज स्वीकृत कर कर्ज की राशि हड़प कर लिया जाकर मुख्यमंत्री द्वारा ऋण माफी के बाद भी उक्त किसानों से कर्ज की राशि वसूल कर उन्हें रसीद तो दे दिया गया परंतु उनके खातों में पैसा जमा नहीं किया गया बल्कि बिभाग द्वारा उन किसानों को कर्ज माफी का प्रमाण पत्र देने के बाद भी जबरन वसूली की गई है। 

अपने परिवार को दुकान दिलवाकर खुलवा दिया दुपहिया वाहन की एजेंसी 


इसी के साथ में आदिम जाति सेवा सहकारी समिति मर्यादित राजेन्द्रग्राम निर्मित शासकीय दुकानों में आरक्षण रोस्टर का पालन ना करते हुऐ अपने परिवार के सदस्यों के नाम दुकान एलाट कर भीतरी दीवार तोड़कर तीन दुकानों में अपनी मोटर साइकिल एजेंसी खुलवा दिया गया है एवं संस्था में रिक्त पदों पर भर्ती प्रक्रिया का पालन न करते हुऐ अपने सगे संबधियों को नियम बिरुद्ध तरीके से उपकृत कर सीधा लाभ पहुँचाया गया है। जिसकी लगातार शिकायत पर संयुक्त आयुक्त सहकारिता द्वारा सहायक निरीक्षको की संयुक्त टीम गठित कर उक्त पूरे मामले की जांच कराई गई। जिसमें टीम द्वारा यह सिद्ध किया गया की रामयश शर्मा द्वारा लगभग 4 करोड़ रुपये का वित्तीय अनियमितता कर गबन खयानत कर लिया गया है। जिसके प्रतिवेदन पर संस्था द्वारा 2 जुलाई 2020 को बैठक कर निर्णय लिया जाकर गंभीर दुराचरण का दोषी मानते हुये प्रशासक द्वारा रामयश शर्मा को निलंबित कर दिया जाकर राजेन्द्रग्राम संस्था का समस्त प्रभार रघुनाथ तेन्द्रों लैम्पस प्रबंधक अमरकंटक को अतिरिक्त प्रभार लेने हेतु आदेशित किया गया परंतु रामयश शर्मा द्वारा उन्हें कोई भी प्रभार नहीं सौपा गया बल्कि उक्त आदेश के विरूद्ध रामयश शर्मा सम्माननीय उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया जहाँ सम्माननीय न्यायालय ने उक्त बर्खास्तगी आदेश को निरस्त कर दिया गया।

कलेक्टर के निर्देशन में हुआ था 420 का मामला पंजीबद्घ


सहायक निरीक्षको द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन में 4 करोड़ रुपये के गबन खयानत की रिपोर्ट के आधार पर कलेक्टर अनूपपुर पत्र क्रमांक 2665 दिनांक 04/07/2020 में उल्लेखित अनियमितता पर आपराधिक प्रकरण दर्ज कराने के परिपालन में तत्यकालिक लैम्पस प्रबंधक रघुनाथ तेन्द्रों द्वारा रामयश शर्मा के बिरुद्ध राजेन्द्रग्राम पुलिस थाने में उपस्थित होकर 9 अगस्त को धारा 409,420 कायम कराया गया था। जिसपर फरियादी द्वारा सम्माननीय उच्च न्यायालय की शरण ली जिस पर सम्माननीय न्यायालय द्वारा उन्हें राहत प्रदान की गई है। 

22 दिसम्बर को किसानों ने रामयश शर्मा का कालर पकड़कर किया था पुलिस के हवाले

रामयश शर्मा द्वारा 22 दिसम्बर को पुन: राजेन्द्रग्राम संस्था में आकर अपनी ज्वाइनिंग देना चाह रहे थे तभी आक्रोशित किसान एवं कुछ सामाजिक संगठनों द्वारा उनका बिरोध प्रदर्शन कर उन्हें कालर पकड़कर सरेआम बाजार में घूमाते हुए पुलिस के हबाले कर दिया था जिस पर उन ब्यक्तियों के खिलाफ मामला भी पंजीबद्ध किया गया था एवं पुलिस द्वारा जिला प्रशासन को पत्राचार कर अवगत कराया गया था कि सुरक्षा की दृष्टि को ध्यान में रखते हुये रामयश शर्मा की पदस्थापना राजेन्द्रग्राम से अन्यत्र किया जाय। जिस पर कलेक्टर अनूपपुर द्वारा गंभीरता दिखाते हुये पत्र क्रमांक 396 दिनांक 26 दिसम्बर 2020 को रामयश शर्मा को जिला सहकारी केंद्रीय बैंक शाखा अनूपपुर में अटैच कर दिया गया परंतु श्री रामयश शर्मा कलेक्टर के आदेश को न मानते हुये हठधर्मिता दिखाते हुये अनूपपुर में अपनी ज्वाइनिंग नहीं दिये।

पुन: जारी हुआ नया आदेश तत्काल सौपा जाय शर्मा को प्रबंधकीय प्रभार

कलेक्टर अनूपपुर द्वारा जारी आदेश पत्र क्रमांक 07 दिनांक 05 मार्च को उल्लेखित किया गया की सम्माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर के 16241/2020 के परिपालन में रामयश शर्मा को आदिम जाति सेवा सहकारी मर्यादित राजेन्द्रग्राम का प्रबंधकीय कार्य प्रभार आगामी आदेश तक सौपा जाता है। उक्त आदेश के बिरोध में किसान संगठन एवं जयस सामाजिक संगठन द्वारा रामयश शर्मा को राजेन्द्रग्राम संस्था में किये गये पदस्थापना को लेकर 21 मार्च 2021 को अनुविभागीय अधिकारी को ज्ञापन सौंप कर अल्टीमेटम दिया गया था कि तीन दिवस के भीतर रामयश शर्मा को अन्यत्र पदस्थ किया जाय नहीं तो हम सामूहिक धरना देकर पुरजोर विरोध करेंगे।

पूरे नगर में रैली निकालकर विधायक निवास व पुलिस थाने का किया घेराव


किसानों की मांग पूरी ना होने पर किसानों एवं सामाजिक संगठन द्वारा रामयश शर्मा के विरुद्ध तीन दिन से चल रहे धरना प्रदर्शन के बाद धरना स्थल से निकलकर पूरे बाजार में भ्रष्टाचारी रामयश शर्मा को हटाओ के नारे के साथ रैली निकालकर क्षेत्रीय विधायक फुन्देलाल सिंह के निवास एवं पुलिस थाने का घेराव किया गया और मांग की गई की हम आदिवासी किसानों के साथ रामयश शर्मा द्वारा अपशब्दों का प्रयोग कर अभद्रता की गई थी। इसके संबंध में हमारे द्वारा पूर्व में ही पुलिस थाने में आवेदन दिया गया था परंतु पुलिस द्वारा आज दिनांक तक रामयश शर्मा के विरुद्ध मामला पंजीबद्ध नहीं किया गया है।

मैं भी शामिल हूं इस लड़ाई में यह कहकर विधायक ने दिया किसानों को समर्थन 

विधायक निवास पर अपनी मांगों को लेकर बिरोध कर रहे किसानों की बात सुनकर विधायक फुन्देलाल सिंह द्वारा आश्वासन दिया गया कि आपकी इस लड़ाई में मैं भी आपके साथ खड़ा हूं और विधानसभा में पूरी सख्ती के साथ आपकी बात रखूंगा और कलेक्टर अनूपपुर से दूरभाष पर चर्चा कर बताया गया की रामयश शर्मा को यहाँ से हटाया जाय या आप कहे तो सारे किसानों को आपके दरवाजे पर बैठा दू। जिस पर कलेक्टर द्वारा आश्वासन दिया गया कि आप निश्चिंत रहिये कोई बीच का रास्ता निकालते है तो जिस पर विधायक द्वारा उक्त आंदोलनकारी किसानों के समर्थन में राजेन्द्रग्राम पुसिस थाने जाकर पूर्व में दिये गये आवेदनों पर कार्यवाही की बात कही गई। जिस पर एस डीओपी आशीष भराडे द्वारा तीन दिनों में कार्यवाही का आश्वासन दिया गया।

रामयश शर्मा पर शिवराज सरकार व मंत्री बिसाहुलाल सिंह के संरक्षण के लग रहे आरोप 


देश में सर्वाधिक जनजातियों की संख्या मध्य प्रदेश में है। जनजातियों के विकास, कल्याण के लिये चाहे कोई भी सरकार हो बजट का प्रावधान के आंकड़े बताकर जनजातियों के विकास का ढिंढौरा पीटने में कभी पीछे नहीं रहते है। यहां तक कि ईमानदारी, सुशासन की भाषणवाजी भी खूब की जाती है लेकिन जनजातिय बाहुल्य क्षेत्र में सरकारी योजनाओं व शासकीय धनराशि में भ्रष्टाचार करने वाले अधिकारियों कर्मचारियों को संरक्षण देकर लूटपाट करने की खुली छूट भी सरकार ही सरंक्षण प्रदान करके करती है। जनजातियों के विकास किये जाने के नाम पर जनजाति बाहुल्य क्षेत्रों में जो लूटपाट खुलेआम की जा रही है उसकी जांच में यदि सत्यता सामने आ भी जाये तो ऐसे भ्रष्टाचारियों को बचाने के लिये सरकार, शासन-प्रशासन, स्थानीय जनप्रतिनिधि मिलकर बचा ही लेते है। मध्य प्रदेश में कमल नाथ सरकार के लगभग 15 महिने के कार्यकाल के बाद शिवराज सिंह चौहान की चौथी पारी का 1 वर्ष का कार्यकाल भी पूरा हो चुका है।
        मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा पूर्व कार्यकाल की बात करें या वर्तमान की वे सुशासन, ईमानादारी को अपनी सरकार की प्रमुख उपलब्धी बताते है। जनजाति बाहुल्य जिला अनुपपुर में जहां पहले बिसाहूलाल सिंह जी कांग्रेस के विधायक थे फिर कमल नाथ सरकार गिरने के बाद वे भाजपा में शामिल होने के बाद अब वे भाजपा से चुनाव जीतकर भाजपा की मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री भी बन गये है। जनजाति समाज के ताल्लुक रखने वाले मंत्री श्री बिसाहुलाल सिंह के गृह जिले में आदिम जाति सहकारी समिति राजेन्द्रग्राम में 4 करोड़ का गबन का मामला उजागर हुआ।
        जनजाति वर्ग किसानों के साथ अन्याय हुआ, दुकानों के आबंटन में आरक्षण का धता बताकर अपने ही परिवार को रामयश शर्मा द्वारा दुकान दिलवाकर व्यापार किया जा रहा है। इतनी शिकवा शिकायत होने के बाद किसानों के विरोध के बाद भी रामयश शर्मा आदिम जाति सहकारी समिति राजेन्द्र ग्राम से हटना नहीं चाहते है आखिर क्या कारण है। इस संबंध क्षेत्रीय किसानों व ग्रामीणों का कहना है कि रामयश शर्मा पर भारतीय जनता पार्टी, शिवराज सरकार व मंत्री बिसाहूलाल सिंह का संरक्षण प्राप्त है इसलिये कोई कार्यवाही नहीं हो रही है।  


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