अंतिम पंक्ति के व्यक्ति तक पहुंचने से पहले ही दम तोड़ रही शिवराज सरकार की योजनाएं
बेसहारा बुजुर्गों को नहीं मिल रहा वृद्धा पेंशन का लाभ
वन ग्राम पंड्रापानी के ग्रामीणजन सरकारी योजना का लाभ लेने लगा रहे गुहार
ग्राउंड रिपोर्ट
अजय नागेश्वर संवाददाता
उगली। गोंडवाना समय।
पं. दीनदयाल उपाध्याया जी के सिद्धांतों पर चलने वाली पार्टी की सरकार, सत्ता, संगठन के नेताओं के द्वारा मंचों पर एवं समाचार पत्रों के माध्यम से यह कहा जाता है कि हमारा उद्देश्य समाज के अंतिम पंक्ति तक सरकार की योजनाओं का लाभ पहुंचाना है।
कथनी और करनी के साथ क्रियान्वयन की हकीकत को जानने के लिये कभी यदि सूदूर अंचल क्षेत्र में जाये तो सरकार की लोककल्याणकारी योजनाओं की वास्तविकता सामने आ सकती है कि वास्तव में समाज के अंतिम पंक्ति तक सरकार की योजना का लाभ पहुंच रहा है कि नहीं या कागजों व भाषणों में ही सीमित है।
मण्डला लोकसभा व केवलारी विधानसभा क्षेत्र में वन ग्रामों की स्थिति खराब
हम आपको बता दे कि जनजाति बाहुल्य जिला सिवनी की मंडला लोकसभा क्षेत्र के भाजपा से सांसद व केंद्रीय मंत्री श्री फग्ग्न सिंह कुलस्ते व केवलारी विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक श्री राकेश पाल सिंह के क्षेत्र अंतर्गत जनपद पंचायत केवलारी की उप तहसील उगली से लगभग 20 किलोमीटर दूर पर स्थित वन ग्रामों के ग्रामीणजन सरकार की लोककल्याणकारी योजनाओं का लाभ पाने के लिये तरस रहे है।
वहीं सरकार की योजनाओं का क्रियान्वयन करने वाले अधिकारी तो वातानुकूलित कक्षों से बाहर निकलकर गांव की ओर पहुंच ही नहीं पा रहे है। जमीनी हकीकत से अंजान रहने वाले जनप्रतिनिधि तो चुनाव के बाद से वापस जाना ही भूल गये है। ऐसी स्थिति में वन ग्राम के ग्रामीणजन जिनमें सर्वाधिक संख्या में जनजाति समाज के लोग निवासरत है जो कि अंतिम पंक्ति के व्यक्ति के रूप में योजनाओं का लाभ पाने से वंचित हो रहे है।
पंचायत के जिम्मेदार भी सुविधा देने में फेल
हम आपको बता दे कि वन ग्राम पंड्रापानी के श्री दीवान मड़ावी पत्नी श्रीमती फगनता बाई मडा़वी को सरकारी की लोककल्याणकारी योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। वहीं इनकी उम्र लगभग 60-65 वर्ष से अधिक हो गई है। पारिवारिक पालन पोषण के लिये आर्थिक तंगी से जूझ रहे है।
वही सरकार वृद्धजनों के लिए नई-नई योजनाएं तो बनाती है लेकिन सरकार की योजना अंतिम पंक्ति में खड़े अंतिम व्यक्ति तक पहुंचते-पहुंचते दम तोड़ रही है। वही ग्राम पंचायत रतनपुर के मठाधीश ग्रामीणों को सुविधा देने में असफल साबित हो रहे हैं।
वन ग्राम के गरीब दंपत्ति पेट भरने महिने भर में मात्र 10 किलो राशन
गोंडवाना समय संवाददाता के द्वारा ग्राउण्ड रिपोर्ट यानि वास्तविकता सरकार, शासन-प्रशासन तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है, इसी के तहत वन ग्राम तक पहुंचकर धरातल की रिपोर्ट प्रस्तुत कर रहा है। जहां पर सरकारी योजना पहुंचते-पहुंचते दम तोड़ रही है।
हम आपको बता दें कि ग्राम पंचायत रतनपुर के वन ग्राम पंड्रापानी में श्री दीवान मडा़वी श्रीमती फगनता बाई मड़ा़वी को सरकारी योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। वहीं उन्होंने बताया कि हमें मात्र 10 किलो खाद्यान्न मिलता है, जो बहुत कम है उसमें हमारा गुजारा नहीं हो पाता है।
वन ग्राम पंड्रापानी से राशन की दुकान लगभग 10 किलोमीटर दूर ग्राम पांडीवाड़ा स्थित है जहां से राशन लाना पड़ता है जो बुजुर्गों के लिये बहुत दूर है। वही राशन के लिए उन्हें सुबह 7 बजे से निकलना पड़ता है तब जाकर शाम तक राशन मिलता।