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267 मीट्रिक टन आॅक्सीजन उपलब्ध, 31 हजार रेमडेसिविर इंजेक्शन प्राप्त, 16 अप्रैल को और मिलेंगे 10 हजार

267 मीट्रिक टन आॅक्सीजन उपलब्ध, 31 हजार रेमडेसिविर इंजेक्शन प्राप्त, 16 अप्रैल को और मिलेंगे 10 हजार

कोरोना महामारी की रोकथाम के लिये मुख्यमंत्री राहत कोष से जिलों को 52 करोड़ रुपये जारी


भोपाल। गोंडवाना समय।

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कोविड-19 महामारी की रोकथाम के लिये प्रत्येक जिले को एक करोड़ रुपये की राशि मुख्यमंत्री राहत कोष से जारी की है। प्रदेश के 52 जिलों के लिये जारी की गई 52 करोड़ रुपये की राशि कोविड-19 के लिये आवश्यक उपकरणों के क्रय, पुनर्वास शिविरों में भोजन एवं कपड़े की व्यवस्था, मेडिकल शिविरों के संचालन, शिविरों का पर्यवेक्षण-संचालन, आवश्यक कार्यों में तैनात कर्मचारियों की सुरक्षा के लिये क्रय की जाने वाली सामग्री और साफ-सफाई आदि पर व्यय की जा सकेगी।

कलेक्टर की अध्यक्षता में एक अंतर्विभागीय समिति का गठन किया जायेगा


प्रमुख सचिव, मुख्यमंत्री श्री मनीष रस्तोगी ने उक्त आशय का आदेश जारी कर प्रदेश के सभी 52 जिलों को राशि जारी कर दी है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री राहत कोष से उपलब्ध करवाई गई राशि के व्यय के संबंध में जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में एक अंतर्विभागीय समिति का गठन किया जायेगा। यह समिति कोविड-19 की रोकथाम के लिये किये गये व्यय का परीक्षण, पर्यवेक्षण एवं स्वीकृति के लिये सक्षम होगी। श्री रस्तोगी ने बताया कि कोविड-19 महामारी की रोकथाम से संबंधित व्यय आपातकालीन व्यय की श्रेणी का है। अत: इसमें निविदा प्रक्रिया का पालन किया जाना आवश्यक नहीं है। मुख्यमंत्री राहत कोष की राशि के व्यय संबंधी मूल अभिलेख जिला स्तर पर सुरक्षित रखे जाने और राशि व्यय उपरांत निर्धारित प्रारूप में उपयोगिता प्रमाण-पत्र मुख्यमंत्री कार्यालय को उपलब्ध करवाने के निर्देश जिला कलेक्टर्स को दिये गये हैं।

स्वयंसेवी संस्थाओं और सामाजिक संगठनों का भी सहयोग लिया जाएगा 

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में कोरोना का संक्रमण बढ़ रहा है। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर में सक्रिय प्रकरणों की संख्या में वृद्धि हुई है। राज्य शासन आवश्यक स्वास्थ्य व्यवस्थाएँ बनाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। नई दिल्ली बात कर एम्स भोपाल के शेष खाली बेड कोविड मरीजों के लिए आरक्षित किए गए हैं। भविष्य में भी एम्स में जो बेड रिक्त होंगे, वे कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित रहेंगे। कोविड मरीजों के लिए बिस्तर, आॅक्सीजन, रेमडेसिविर इंजेक्शन की व्यवस्था और हर जिले में कोविड केयर सेंटर स्थापित किए जा रहे हैं। इसके साथ ही कोविड केयर सेंटर चलाने में स्वयंसेवी संस्थाओं और सामाजिक संगठनों का भी सहयोग लिया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान स्मार्ट उद्यान में पौध-रोपण के बाद मीडिया प्रतिनिधियों से चर्चा कर रहे थे।

स्वयं-सेवकों का प्रशिक्षण आरंभ

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मीडिया से कोरोना संक्रमण रोकने के लिए जन-जागरूकता का वातावरण बनाने और विश्वास बनाए रखने में सहयोग की अपील की। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि वे स्वयं रहवासी संघों और कॉलोनियों के प्रतिनिधियों से संवाद कर सहयोग की अपील करेंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि कोरोना संक्रमण के विरूद्ध अभियान में जुड़े स्वयं-सेवकों का प्रशिक्षण आरंभ हो गया है।

कोरोना मरीजों के लिए निरंतर बढ़ रहे बिस्तर

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि भोपाल में आरकेडीएफ और पीपुल्स अस्पताल तथा इंदौर में इंडेक्स मेडिकल कॉलेज में बिस्तरों की व्यवस्था की गई है। राज्य में 9 अप्रैल को 17 हजार 452 शासकीय और 13 हजार 250 निजी अस्पतालों में बिस्तर उपलब्ध थे। आज 13 अप्रैल को कोविड मरीजों के लिए 36 हजार 446 बेड प्रदेश में उपलब्ध हैं। इनमें से 19 हजार 410 शासकीय और 13 हजार 36 बेड निजी अस्पतालों में विद्यमान हैं। इसके अतिरिक्त आज 5 हजार 700 से अधिक बेड बढ़ाने में सफलता मिली है।

43 जिलों में कोविड केयर सेंटर आरंभ

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि 43 जिलों में कोविड केयर सेंटर आरंभ हो गए हैं। इनमें 7 हजार 215 सामान्य बेड उपलब्ध हैं। इसके अतिरिक्त कम लक्षण वाले मरीजों के लिए 4 हजार 847 बेडों की व्यवस्था है। प्रदेश के 9 जिलों में कोविड केयर सेंटर बनना शेष हैं।

267 मीट्रिक टन आॅक्सीजन उपलब्ध

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में 12 अप्रैल को 267 मीट्रिक टन आॅक्सीजन उपलब्ध कराई गई। आठ अप्रैल को 130 मीट्रिक टन आॅक्सीजन ही उपलब्ध थी। इस दिशा में प्रयास निरंतर जारी हैं। प्रदेश में आॅक्सीजन की आपूर्ति टैंकरों से होती है। टैंकरों की संख्या बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं। टैंकरों के निर्बाध आवागमन के लिए आॅक्सीजन टैंकर को एम्बुलेंस जैसी सेवा घोषित किया गया है। अस्पतालों को आॅक्सीजन की आपूर्ति के लिए अपर मुख्य सचिव श्री एस.एन. मिश्रा और नियंत्रक खाद्य एवं औषधि प्रशासन तथा आयुक्त खाद्य सुरक्षा श्री पी. नरहरि को दायित्व सौंपा गया है। आॅक्सीजन उपयोग के आॅडिट की व्यवस्था भी की जा रही है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि प्रदेश में अब तक 31 हजार रेमडेसिविर इंजेक्शन प्राप्त हो चुके हैं। आज 2 हजार इंजेक्शन और मिलेंगे। इसके साथ ही 16 अप्रैल को 10 हजार रेमडेसिविर इंजेक्शन प्राप्त होंगे।

संयम और साथ मिलकर चलने से ही होगा स्थिति पर नियंत्रण

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कोरोना संक्रमण को रोकने में प्रदेश की जनता से सहयोग की अपील की। उन्होंने कहा कि संसाधनों की सीमा है। हमें संक्रमण से बचने की सावधानियाँ बरतने में पूरी सतर्कता से काम लेना होगा। अनावश्यक आवागमन को टालना होगा। गाँव के लोग शहर आने को टालें और शहरों में रहवासी संघों और कॉलोनियों से भी अति आवश्यक स्थिति में ही लोग बाहर निकलें। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि संयम और साथ मिलकर चलने से ही हम स्थिति पर नियंत्रण पा सकेंगे।

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