आज नहीं तो कल इस पर भी मनुष्य विजय प्राप्त कर लेगा
आज कोरोना वायरस से पूरी दुनिया थर-थर कांप रही है। करोड़ों लोगों का रोजगार छिन गया है। करोड़ों लोगों का भयानक भूख से बुरा हाल है। कई शंकाएं कुशंकाएँ जन्म ले रहीं हैं। ऐसा दुनिया में पहली बार नहीं हुआ है। जिस दिन मनुष्य ने दुनिया में जन्म लिया उसी दिन से मुसीबतें उसके साथ लगी हुई हैं। दुनिया में हजारों साल पहले बहुत ही खतरनाक जानवर रहते थे। आग उगलने वाले जीव, सरीसर्प, डायनासोर, सांस के साथ बड़े-बड़े जीव जंतुओं को निगलने वाले प्राणी, भयानक विषैले सांप, अजगर आदि।
इनके बीच में मनुष्य ने जन्म लिया। वह बेहद कमजोर और असहाय था। वह एक साधारण कुत्ते से भी पंजा नहीं लड़ा सकता था। उसके पास कपड़े और मकान भी नहीं थे। ऐसे भयानक हालात में मनुष्य ने सभी जानवरों को ठिकाने लगा दिया। अनेक बीमारियां थी जिनके फैलने से एक बार में लाखों लोग मर जाते थे। उन बीमारियों का इलाज करना सीखा। अनेक प्रकार के हथियार बनाये। हजारों ऐसे युद्ध हुये जिनमें लाखों लोग मारे गए। दो विश्व युद्ध भी हुये। परमाणु बम भी गिरे लेकिन मनुष्य नहीं हारा।
हजारों तरह के आविष्कार करके आज का सुविधाजनक जीवन पाया। गुफाओं में रहने वाला नाजुक सा मनुष्य आज बड़ी-बड़ी इमारतों और राजमहल जैसे मकानों में रह रहा है। आज कोरोना वायरस से भले ही मनुष्य के सामने गंभीर संकट खड़ा हो गया है लेकिन आज नहीं तो कल इस पर भी मनुष्य विजय प्राप्त कर लेगा। अनेक बार धरती पर प्रलय हुआ लेकिन मनुष्य कभी भी पूरी तरह नहीं हारा।
भले ही कुछ लोगों को अपनी कुबार्नी देना पड़े। गम्भीर आर्थिक संकट उठाना पड़े। साथियों ये, दिन भी नहीं रहेंगें, धीरज रखिये गम की अंधरी रात में, दिल को न बेकरार कर। सुबह जरुर आएगी, सुबह का इंतजार कर, रात भर का है मेहमां अंधेरा, किसके रोके रुका है सवेरा। हम भी दरिया हैं अपना हुनर जानते हैं। जिस तरफ चल देंगे रास्ता बन जायेगा।