उम्मीद ना थी कि इतनी जल्दी आप हमें छोड़ जाएंगे, अब युवा किसके सहारे आवाज बुलंद कर पाएंगे
गोल्डन मैन अजय परिमल जी अब हमारे बीच नहीं रहे
वारासिवनी/नेवरगाव। गोंडवाना समय।
ढल गया सूरज जिस पर हमें गुमान था, युवाओं में जोश भरने वाली आवाज पर अभिमान था। उम्मीद ना थी कि इतनी जल्दी आप हमें छोड़ जाएंगे, अब युवक इसके सहारे आवाज बुलंद कर पाएंगे।
यह खबर सुनकर यकीन तो नहीं हो रहा है लेकिन यह सच है कि ग्राम नेवरगांव वारासिवनी जिला बालाघाट के रहने वाले गोल्डन मैन अनेकों पुरस्कार अनेकों गोल्ड मैडल प्राप्त श्री अजय परिमल जी कुछ दिन पहले कोरोना पाजिÞटिव हो गए थे, जिनका इलाज बालाघाट में चल रहा था। श्री अजय परिमल जी कोरोना से जंग जीत नहीं पाए एवं 17 अप्रैल 2021 दिन शनिवार को शाम लगभग 6 बजे निधन हो गया।
प्रतिदिन करते थे योगाभ्यास
श्री अजय परिमल जी एवं उनके परिवार की आदत थी कि प्रतिदिन वो अपने परिवार के साथ योगाभ्यास करते एवं सुबह परिवार सहित मॉर्निंग वॉक पे निकलते। इन्हें देखकर अन्य लोग भी इनसे प्रेरणा लेते थे। घर के गार्डन में ही परिमल परिवार के द्वारा प्रतिदिन योगाभ्यास किया जाता था एवं सोशल मीडिया में प्रतिदिन फोटोस पोस्ट की जाती थी ताकि लोग प्रेरणा ले। श्री अजय परिमल जी से हमारे संवाददाता ने बीते दिनों बात की थी वो कह रहे थे। मुझे पैसा नहीं कमाना है लोग जन-जन मेरे बारे में बात करें मुझे पसंद नहीं। मुझे जनम-जनम तक याद रखा जाए जन-जन तक ना पहुंचु।
स्वच्छ भारत का दिलवाते थे संकल्प
हम आपको बता दें श्री अजय परिमल जी समाजसेवक के साथ कवि भी थे। वे अपनी कविताओं में देश, प्रदेश सामाजिक ज्वलंत मुद्दों पर कविता किया करते थे। जिसके लिए इन्हें अनेको गोल्ड मेडल भी दिए गए थे। अखबारों में कई बार इनकी फर्स्ट नंबर के पेज में खबरें प्रकाशित हुई है। वही गांव एवं आसपास के गांव में जाकर स्वच्छता का संदेश भी दिया करते थे। वही गांव में गंदगी ना हो कहकर पिछले दिनों हर 10 मिनट में गांव की सफाई का कार्य किया जा रहा था। ये जहां भी जाते अपनी अलग छाप छोड़ आते।
स्व निर्मित मास्क का वितरण किया गया
कोरोना महामारी जब देश में आई हमारे पास मास्क नहीं थे। जहां मास्क उपलब्ध थे वहां पर इनकी कीमत दोगुनी कर दी गई थी। तब परिमल परिवार के द्वारा स्वनिर्मित मास्क बनाकर उसका वितरण किया गया था। प्रवासी मजदूरों को पिछले वर्ष भोजन एवं मास्क का वितरण अजय परिमल जी के द्वारा किया गया था।
गढ़वाल समाज की एकता देखकर गर्व करते थे अन्य समाज के लोग
हम आपको बता दें ग्राम नेवरगाव में पिछले वर्ष गढ़वाली पर्व के दिन ग्राम प्रधान श्री निसार खान ने कहा था गढ़वाल समाज हमारे गांव में है तो छोटा समाज लेकिन ? संगठित एवं एकता की भावना प्रबल है। पिछले कई वर्षों से गढ़वाली पर्व का आयोजन करते आ रहे हैं। समाज में ऐसे कार्यक्रम होने से आपस में सभी लोग का मेलजोल होता है। और मोहब्बत से रहने की सीख मिलती है।