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टीआई प्रीति मिश्रा ने दुल्हन को मारी थी लात और शादी के लिए तैयार किए गए आदिवासी परंपरानुसार देवी-देवताओं को जूतों से रौंद दिया-वासुदेव शर्मा

टीआई प्रीति मिश्रा ने दुल्हन को मारी थी लात और शादी के लिए तैयार किए गए आदिवासी परंपरानुसार देवी-देवताओं को जूतों से रौंद दिया-वासुदेव शर्मा 

जूते पहनकर घर के अंदर चल रहे शादी के पूजा स्थल में घुस गई 

ग्रामीणों ने जो कुछ बताया वह प्रशासन की भूमिका पर अनगिनत सवाल खड़े करता है

साजकुई शादी कार्यक्रम में हमले का सच, जो नहीं बताया गया


छिंदवाड़ा। गोंडवाना समय। 

जनजाति बाहुल्य जनपद पंचायत क्षेत्र तामिया के ग्राम साजकुई के मरालढाना में बुधवार की रात विवाह कार्यक्रम में जो हुआ, वह बेहद शर्मनाक एवं निंदनीय है। घटना के जो वीडियो, फोटोज एवं रिपोर्टिंग सामने आई है। वह पुलिस एवं प्रशासन की ओर से उपलब्ध कराई गई एकपक्षीय एवं आधी अधूरी जानकारी है। 

फिल्मों के सिंघमी अंदाज में पहुंची, उनका वह अंदाज ही आपत्तिजनक था

जो आदिवासी ग्रामीण गरीब टीआई के सामने ठीक से खड़े नहीं हो सकते, वे हमला कर सकते हैं। इस बात पर शायद ही कोई विश्वास और भरोसा करे। एक गरीब मजदूर परिवार में चल रहे शादी कार्यक्रम में टीआई प्रीति मिश्रा दलबल के साथ जिस तरह से फिल्मों के सिंघमी अंदाज में पहुंची, उनका वह अंदाज ही आपत्तिजनक था। उक्त बाते जारी विज्ञप्ति में श्री वासुदेव शर्मा, अध्यक्ष, असंगठित कामगार कांग्रेस, छिंदवाड़ा ने बताया कि असंगठित कामगार कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल को ग्रामीणों ने जो कुछ बताया वह प्रशासन की भूमिका पर अनगिनत सवाल खड़े करता है।

खाना खा रहे लोगों को भी मारा, उनके खानें की प्लेटों को बिखरा दिया

श्री वासुदेव शर्मा, अध्यक्ष, असंगठित कामगार कांग्रेस, छिंदवाड़ा ने आगे बताया कि ग्रामीणों के अनुसार घटना का पूरा सच यह है कि तामिया टीआई प्रीति मिश्रा जूते पहनकर घर के अंदर चल रहे शादी के पूजा स्थल में घुस गई, दुल्हन को लात मारी और शादी के लिए तैयार किए गए आदिवासी परंपरानुसार देवी-देवताओं को जूतों से रौंद दिया। वहां मौजूद महिलाओं को भाजपाई ट्रोलों की भाषा में अपशब्द कहे, जिसका वहां मौजूद महिलाओं ने यह कहकर विरोध किया कि तुम भी लड़की हो, ऐसा नहीं करना चाहिए। टीआई प्रीति मिश्रा यहीं नहीं रुकी, उन्होंने घर के अंदर खाना खा रहे लोगों को भी मारा, उनके खानें की प्लेटों को बिखरा दिया। ग्रामीणों को गुस्सा उनके विवाह स्थल को तोड़ने से आया, जहां उनके देवी-देवता बने हुए थे।

टीआई ने शांतिपूर्ण तरीके से चल रहे वैवाहिक कार्यक्रम को उत्तेजना में परिवर्तित किया

श्री वासुदेव शर्मा, अध्यक्ष, असंगठित कामगार कांग्रेस, छिंदवाड़ा ने आगे बताया कि असंगठित कामगार कांग्रेस की ओर से विवाह स्थल से जुटाई गई जानकारी के अनुसार साजकुई की उक्त घटना के लिए टीआई प्रीति मिश्रा ही जिम्मेदार हैं। जिन्होंने शांतिपूर्ण तरीके से चल रहे वैवाहिक कार्यक्रम को उत्तेजना में परिवर्तित किया। हालांकि वहां मौजूद प्रशासन के दूसरे अधिकारी लोगों को समझा रहे थे, लोग भी उनकी बातों को गंभीरता से सुन रहे थे। कार्यक्रम में एकत्रित हो गए लोगों को अपने-अपने घर जाने के लिए कहा जाने लगा था। 

घर के अंदर टीआई प्रीति मिश्रा उत्पाद मचा रही थीं

श्री वासुदेव शर्मा, अध्यक्ष, असंगठित कामगार कांग्रेस, छिंदवाड़ा ने आगे बताया कि विवाह कार्यक्रम में बाहर अधिकारी लोगों को समझा रहे थे, जहां तनाव नहीं था और घर के अंदर टीआई प्रीति मिश्रा उत्पाद मचा रही थीं, जिन्होंने पहले दुल्हन को लात मारी, फिर विवाह के पूजास्थल को तोड़ा, फिर वहां उपस्थित महिलाओं के साथ अपशब्दों का प्रयोग किया। इसके बाद ही तनाव बना जो हिंसा में बदल गया। साजकुई की घटना को पुलिस और प्रशासन ने इस तरह पेश किया है जैसे विवाह समारोह में उपस्थित लोग हमला करने के लिए ही एकत्रित हुए हों, सारा दोष ग्रामीणों के ऊपर डाल देने से पुलिस एवं प्रशासन की गलती नहीं छिपाई जा सकती।

टीआई के व्यवहार के कारण साजकुई में स्थिति तनावपूर्ण हुई

श्री वासुदेव शर्मा, अध्यक्ष, असंगठित कामगार कांग्रेस, छिंदवाड़ा ने आगे बताया कि साजकुई के जो वीडियो, फोटोज एवं रिपोर्टिंग जारी की गई है, वह विवाह स्थल के बाहर की है, घर के अंदर जो हुआ, उसके न वीडियो जारी किए गए और न उसके बारे में बताया गया है, जबकि सच्चाई यह है कि टीआई के व्यवहार के कारण साजकुई में स्थिति तनावपूर्ण हुई है। टीआई प्रीति मिश्रा द्वारा घर के अंदर जो किया गया, उससे शादी कार्यक्रम में उपस्थित लोग गुस्सा फैला, उसके बाद जो हुआ, वह प्रशासन ने बता दिया है और लोगों ने पढ़ लिया है लेकिन वह पूरी सच्चाई नहीं है, इसीलिए साजकुई की घटना का पूरा सच जनता को बताना चाहिए। 

ग्रामीणों को तत्काल रिहा एवं टीआई का स्थानांतरण किया जाये 

श्री वासुदेव शर्मा, अध्यक्ष, असंगठित कामगार कांग्रेस, छिंदवाड़ा ने आगे बताया कि इसके साथ ही जिन ग्रामीणों को गिरफ्तार किया है उन्हें तत्काल रिहा कर तामिया टीआई प्रीति मिश्रा का वहां से ट्रांसफर किया जाना चाहिए। कोरोना के प्रति प्रशासन वाकई गंभीर था और वह ग्रामीणों को इससे बचाना चाहता है, तो उसे दिन में गांव पहुंचकर लोगों को समझाना चाहिए था, उनसे कहना चाहिए था कि एक साथ भीड़ न जुटे, इसका ध्यान रखें, लेकिन ऐसा नहीं किया गया।
        प्रशासन ने विवाह कार्यक्रम में ऐसे धावा बोला, जैसे वहां कोई अपराध हो रहा है। प्रशासनिक अधिकारियों को कोरोना महामारी में ज्यादा संवेदनशील होने की जरूरत है, उसे ध्यान रखना चाहिए कि वह सिर्फ शिवराज सरकार की ही प्रतिनिधि नहीं है, वह लोकसेवक भी हैं, जिनकी जनता के प्रति भी जबावदेही है यदि पुलिस एवं प्रशासन ने लोकसेवक की तरह जनता के प्रति अपनी जबावदेही निभाई होती, तो साजकुई की घटना नहीं घटती।


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