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आदेगांव थाना में आदिवासियों की नहीं होती सुनवाई, पुलिस अधीक्षक के हस्तक्षेप के बाद अजाक थाना में हुआ मामला दर्ज

आदेगांव थाना में आदिवासियों की नहीं होती सुनवाई, पुलिस अधीक्षक के हस्तक्षेप के बाद अजाक थाना में हुआ मामला दर्ज

महिलाओं के थाना में शिकायत करने पर कहा जाता है, क्यों थाना के चक्कर में पड़कर अपनी जिंदगी खराब कर रही हो

आदिवासी शिकायतकर्ताओं से कहा जाता है अच्छा मारे जूते-चप्पल 

गोंड समाज महासभा के पदाधिकारियों की सक्रियता से हुई सुनवाई व कार्यवाही


सिवनी। गोंडवाना समय।

आदिवासी विकासखंड का आदेगांव पुलिस थाना की स्थापना इस आधार पर की गई थी समस्त नागरिकों के साथ आदिवासियों को भी न्याय मिलेगा लेकिन आदेगांव पुलिस थाना में पदस्थ कुछ थाना प्रभारियों एवं कुछ कर्मचारियों को छोड़ दिया जाये तो आदेगांव पुलिस थाना में ऐसे थाना प्रभारी व कर्मचारी रहे है जो पुलिस की छबी को खराब करने के लिये ही पहचाने जाते है। आदेगांव पुलिस थाना में आदिवासियों के साथ होने होने अन्याय, अत्याचार, विवाद के मामले में अधिकांशतय: शिकायतों पर सुनवाई नही की जाती है ऐसे आरोप पूर्व में भी लगते रहे है। 

            


वहीं महिलाओं को कानून को कानूनी अधिकारों के लिये जागरूकता कार्यक्रम पुलिस प्रशासन द्वारा वाहन के माध्यम से सिवनी जिले के समस्त थाना क्षेत्र में एवं आदेगांव पुलिस थाना क्षेत्र में चलाया गया था। इसी तरह महिलाआें को कानूनी अधिकार दिलाने के लिये सरकार, शासन व पुलिस प्रशासन जागरूकता अभियान, टोल फ्री नंबर, महिला हेल्प डेस्क सहित अन्य योजनाएं चला रही है परंतु आदेगांव पुलिस थाना में महिलाओं व लड़कियों को थाना आने के लिये मना किया जाता है उन्हें बताया जाता है कि आदेगांव की आज तक एक भी लड़की यहां शिकायत करने नहीं आई है।         
        आदेगांव पुलिस थाना क्षेत्र में झिरी ग्राम में आदिवासियों के साथ हो रहे पूर्व से विवाद पर आगजनी की घटनायें, विवादों के बाद भी पूर्व में कार्यवाही नहीं करने वाली आदेगांव पुलिस अब कह रही है कि तुम थाना क्यों नहीं सिवनी साहब के पास शिकायत करने जाते हो, जाओं वहीं से कार्यवाही होगी, क्या सिवनी से पुलिस वाले यहां आयेंगे तुम्हारी सुनवाई करने के साथ ही जिस तरह भाषा का बोलचाल में फरियादी के साथ किया जाता है उन बातों को फरियादी व पुलिस के बीच हो रहे वार्तालाप की रिकार्डिंग को सुनने पर स्पष्ट समझ आता है कि आदेगांव पुलिस थाना में आदिवासियों की सुनवाई किस तरह होती है। 

गोंड समाज महासभा ने पुलिस अधीक्षक से किया था आग्रह 


हालांकि इस मामले में गोंड समाज महासभा के प्रांतीय अध्ययक्ष तिरू बिसन सिंह परतेती,

जिला अध्यक्ष तिरू चित्तोड़ सिंह कुशराम,

कोषाध्यक्ष तिरू अशोक सिरसाम व अन्य पदाधिकारियों के द्वारा किये गये आवेदन आग्रह के पश्चात सिवनी जिले के संवेदनशील पुलिस अधीक्षक श्रीमान कुमार प्रतीक के हस्तक्षेप बाद अजाक पुलिस थाना सिवनी में मामला दर्ज कर लिया गया है।
        इस संबंध में गोंड समाज महासभा के जिला अध्यक्ष तिरू चित्तोड़ सिंह कुशराम व कोषाध्यक्ष तिरू अशोक सिरसाम ने बताया कि झिरी गांव के मामले से यह स्पष्ट हो गया है कि आदेगांव पुलिस थाना में आदिवासियों की सुनवाई नहीं हो रही है, प्रताड़ित आदिवाािसयों को आदेगांव पुलिस थाना में न्याय नहीं मिल पा रहा है वरन उन्हें ही उल्टा धमकाया जाता है, अमर्यादित भाषा के साथ अभद्रता की जाती है। यह सब पुलिस और आदिवासी परिवार के बीच पुलिस थाना में हुई वार्तालाप से ही स्पष्ट हो रहा है। 

दो दिन तक गये आदेगांव थाना नहीं फिर भी आदेगांव थाना में नहीं हुई सुनवाई 

गोंड समाज महासभा के जिला अध्यक्ष तिरू चित्तोड़ सिंह कुशराम व कोषाध्यक्ष तिरू अशोक सिरसाम ने बताया कि गोंड समाज महासभा के प्रदेश अध्यक्ष तिरू बिसन सिंह परतेती व अन्य पदाधिकारियों के द्वारा सक्रियता से इस मामले में सिवनी जिले के संवेदनशील पुलिस अधीक्षक श्रीमान कुमार प्रतीक को आदेगांव पुलिस थाना क्षेत्र के ग्राम झिरी में गोंड जनजाति परिवार के साथ हुये घटनाक्रम से अवगत कराया गया। पुलिस अधीक्षक द्वारा इस मामले में त्वरित व गंभीरतापूर्वक संज्ञान लेकर कार्यवाही करने को कहा गया था और पीड़ितों को आदेगांव पुलिस थाना में प्रकरण दर्ज कराये जाने के लिये पुन: भेजने के लिये कहा गया था। इसी आधार पर पीड़ित आदिवासी परिवार आदेगांव पुलिस थाना गये थे लेकिन इसके बाद भी आदेगांव पुलिस थाना में पीड़ित आदिवासी परिवार के 2 दिनों तक जाने के बाद भी रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई। 


अजाक थाना में दर्ज हुआ मामला  


इसके बाद गोंड समाज महासभा के पदाधिकारियों के द्वारा पुन: सिवनी पुलिस अधीक्षक से आग्रह किया गया तो उन्होंने कहा कि आप पीड़ित परिवार को अजाक थाना सिवनी भेजिए, यहां पर प्रकरण दर्ज कराया जायेगा। इसी आधार पर अजाक थाना में आदेगांव थाना क्षेत्र के पीड़ित परिवार का सुनवाई करते हुये घटना पर मामला दर्ज किया गया है। अजाक पुलिस थान में  राजकुमार कुशवाहा, दिनेश कुशवाहा, रमन कुशवाहा, तेजराम कुशवाहा पर  भा.द.वि. 294, 323, 355, 506, 34 के साथ ही अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अधिनियम के तहत 3 (1) (द), 3 (1) (ध), 3 (2) (व्ही ए) के तहत 24 मई 2021 को प्रकरण दर्ज किया गया है। वहीं पीड़ित परिवार की महिला व आदेगांव पुलिस थाना में प्रभारी व कर्मचारियों के बीच हुई वार्तालाप के कुछ प्रमुख बातों को भी दैनिक गोंडवाना समय समाचार पत्र को उपलब्ध कराया गया है जिसे हम आपको अवगत कराते हुये कुछ चर्चाआें का उल्लेख कर रहे है। 

एस पी आॅफिस जाने से क्या होगा

हम आपको बता दे कि आदेगांव थाना क्षेत्र के झिरी गांव में पूर्व से ही आदविासी परिवार व दबंग परिवार का विवाद चल रहा है जो पहले छोटे रूप में था। इसी शिकातय आदिवासी परिवार द्वारा आदेगांव थाना में भी दी गई थी। जनवरी 2021 में ही दबंग परिवार ने आदिवासी परिवार के घर के आसपास जिस तरह आग लगाकर दहशत फैलाकर विवाद कर रहे थे यदि उसी समय विवाद बढ़ता तो बड़ी घटना घट सकती थी लेकिन आदिवासी परिवार छत के ऊपर चढ़कर अपनी जान बचाने में लगा हुआ था।
         उसी दौरान दबंग परिवार के सदस्यगण आदिवासी परिवार की घरेलू व मकान निर्माण की लकड़ियों में आग लगाकर विवाद कर रहे थे उसका भी वीडियों आदेगांव पुलिस थाना सहित अजाक थाना में भी पीड़ित परिवार के द्वारा दिखाया गया था लेकिन उस दौरान भी आदिवासी परिवार के पक्ष में कोई सुनवाई नहीं हुई थी यही कारण है कि विवाद करने वाले दबंग परिवार का हौंसला बुलंद होता रहा।
            कार्यवाही नहीं होती यही सोचकर पीड़ित आदिवासी परिवार सिवनी में एस पी साहब से फरियाद करने पहुंचे थे व अजाक थाना तक शिकायत करने आये थे लेकिन इसकी जानकारी आदेगांव पुलिस को मिली तो वह पीड़ित परिवार को यह कहने लगे कि एस पी आॅफिस जाने से क्या होगा। क्या सिवनी की पुलिस आकर यहां कार्यवाही करेगी, हम ही सुनेंगे तुम्हारी कोई वहां नहीं आने वाला है। 

आदेगांव से आज तक कोई लड़की शिकायत करने नहीं आई, तू क्यों अपनी लॉईफ बर्बाद कर रही थाना आकर  

आदेगांव पुलिस थाना में पीड़ित परिवार की लड़की जब अपने साथ हुये मारपीट व अन्य अत्याचार को लेकर शिकायत करने पहुंची तो आदेगांव पुलिस थाना के कर्मचारी पीड़ित लड़की से पूछा कि कहां तक पढ़ी है, अपनी लाईफ क्यों बर्बाद कर रही है, पहलवानी क्यों कर रही, पढ़ी लिखी है दिमाग का उपयोग कर, कॉकमशेंस है तेरे में, हम लोग स्कूल में पढ़े कभी थाने नहीं गये, लड़ाई झगड़ा में मत पड़ों लड़की, आदेगांव की आज तक कोई लड़की थाना नहीं आई, क्यों बीच में जाती है, लड़की है लड़की जैसी रह, आदिवासी है नौकरी लग जायेगी, तेरी शादी होना है, अपना भविष्य देख, कहां कानून का सहारा लेने के लिये थाना आना जाना कर रही है, हमको रिपोर्ट करने में कुछ नहीं है, एक ठो कागज गोदने में कुछ नहीं होता लेकिन हमेशा के लिये तुम्हारी लॉईफ बर्बाद हो जायेगी। 

तुमको अच्छा मारे जूते चप्पल

आदिवासी पीड़ित 20 वर्षीय युवती के साथ दंबग परिवार के द्वारा जूते चप्पल से मारपीट हुई तो इसकी शिकायत करने के लिये आदेगांव पुलिस थाना के कर्मचारी ने पूछताछ के दौरान यह कहा कि तुमको अच्छा मारे जूते चप्पल तुमको अच्छे मारे जूता चप्पल, जूते चप्पल से मारे वहां तक ठीक है लेकिन कोई गंभीर चोट तो नही आई है न, तुमको मारने पीटने के निशान क्या हम तो तुम्हारे पूरे गांव के बयान ले लेंगे, इस तरह की बातें कहा जाना आदेगांव पुलिस थाना के कर्मचारियों व थाना प्रभारी की आदिवासियों के प्रति मानसिकता को उजागर करती है।  

तेरे पिता व भाई को होगी 7 साल की सजा और डुकरिया भी जेल जायेगी सब समझ आयेगा

पीड़ित आदिवासी लड़की आदेगांव पुलिस थाना में शिकायत दर्ज कराने पहुंची तो वहां पर पुलिस कर्मचारियों के द्वारा कहा गया कि तेरे पिता व भाई कहां है उनको पहले पेश कराओ, विवाद के बाद तुम नहीं आये इसलिये उनकी रिपोर्ट लिख लिये, तुम लेट हो गये, उनको पहले पेश कराओ। तुम्हारी 100 परसेंट तेरी बात सही है। बाप और भाई जेल जायेंगे पहले उनको बचाव Ñ बाद रिसिविंग ले लेना, शादी होना है, गंभीर धारा, 7 साल की सजा है। 

समझौता करने की कोशिश करों, झगड़े का वीडियों है क्या 

आदिवासी पीड़ित परिवार की लड़की के साथ हुई मारपीट के बाद आदेगांव पुलिस थाना में अपनी शिकातय दर्ज कराने के लिये पहुंची तो आदेगांव पुलिस थाना में पीड़ित लड़की से यह कहा गया कि तुम लोग समझौता करने की कोशिश करो, तुम्हारे पिता व भाई पर गंंभीर धारा लगी है, जमानत नहीं होगी। इसके साथ ही  झगड़े का वीडियों है क्या पूछा गया। क्या सबूत है किसी ने देखा होगा उनके साथ गवाह है। इसके साथ ही कहा गया कि तुम कहोगे तो पूरे गांव गांव का मेडिकल करा देंगे। 

पिता पुत्र पर आदेगांव थाना में हुआ मामला दर्ज

आदिवासी पीड़ित प्रियंका उईके की रिपोर्ट पर जहां अजाक थाना में प्रकरण दर्ज किया गया है वहीं आदेगांव पुलिस थाना में झिरी गांव की घटना में आदिवासी पीड़ित प्रियंका उईके पिता हरि सिंह उईके व भाई रामप्रवेश उईके पर जमीनी विवाद के चलते कंचन कुशवाहा के साथ मारपीट किये जाने के तहत 294, 324, 506, 34 के तहत मामला कायम किया गया है। 

गोंड समाज महासभा ने किया पिता पुत्र के घटना के समय मौजूद नहीं होने की जांच की मांग 

आदेगांव पुलिस थाना अंतर्गत गोंड जनजाति परिवार के मामले में आदेगांव पुलिस थाना में पिता हरिसिंह उईके व पुत्र रामप्रवेश उईके पर दर्ज किये गये प्रकरण पर जांच करने की मांग गोंड समाज महासभा के जिला अध्यक्ष तिरू चित्तोड़ सिंह कुशराम व कोषाध्यक्ष अशोक सिरसाम ने गोंडवाना समय से चर्चा में कहा कि विवाद के समय पिता हरि सिंह उईके घटना स्थल पर मौजूद नहीं थे वे खमरिया गांव गये हुये थे वहीं उनका बेटा रामप्रवेश उईके भी खेत गया था। इसके बाद भी उन पर आदेगांव पुलिस थाना द्वारा मामला दर्ज किया गया है। इसकी निष्पक्षता के साथ जांच होनी चाहिये किसी भी निर्दोष पर कार्यवाही न हो पावे। गोंड समाज महासभा के पदाधिकारियों ने कहा कि इसके लिये पुलिस प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों को पत्र लिखकर जांच की मांग की जायेगी। 






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