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भविष्य में बड़ी संवैधानिक लड़ाई लड़ने, आकस्मिक आपदा हेतु आर्थिक रूप से संघ को मजबूती प्रदान करने की जरूरत

भविष्य में बड़ी संवैधानिक लड़ाई लड़ने, आकस्मिक आपदा हेतु आर्थिक रूप से संघ को मजबूती प्रदान करने की जरूरत 

अजजा शासकीय सेवक विकास संघ छग के वर्चुअल बैठक में लिए गए कई महत्वपूर्ण निर्णय

आदिवासी हितों में बनाए गए सरकार के एक भी नियम कानून का पालन नहीं हो रहा है


छत्तीसगढ़। गोंडवाना समय।

अनुसूचित जनजाति शासकीय सेवक विकास संघ छत्तीसगढ़ का वर्चुअल बैठक श्री आर एन ध्रुव प्रांताध्यक्ष अनुसूचित जनजाति शासकीय सेवक विकास संघ छत्तीसगढ़ की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक का शुभारंभ प्रांताध्यक्ष के प्रस्तावना भाषण के साथ हुआ। अपनी बात रखते हुये बैठक में भाग ले रहे अनुसूचित जनजाति शासकीय सेवक विकास संघ छत्तीसगढ़ के सभी प्रांतीय, जिला एवं ब्लॉक पदाधिकारियों, बुद्धिजीवियों, समाज चिंतक  पुरोधाओं का अभिवादन करते हुए इस जानलेवा बीमारी कोरोना संकट काल में जो बिछड़ गए हैं उन सभी सम्माननीय साथियों को  श्रद्धांजलि अर्पित किया गया।

छात्रवृत्ति, एट्रोसिटी एक्ट के प्रकरणों की पैरवी, कर्मचारियों का सेवा से पृथक व निलंबन पर हुई चर्चा 

श्री आर एन ध्रुव प्रांताध्यक्ष ने आगे कहा कि मानव जीवन के लिए खतरनाक इस कोरोना काल में आपस में चर्चा परिचर्चा सुख-दुख बांट कर कोई सार्थक निर्णय तक पहुंचेंगे। बैठक में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों के लिए स्कॉलरशिप हेतु निर्धारित ढाई लाख की आय सीमा की बाद्धयता मध्य प्रदेश की भांति यहां भी समाप्त किया जाने, छात्रवासों, आश्रमों स्कुलों को पूर्व की तरह आदिम जाति अनु.जाति कल्याण विभाग में पूर्व की तरह शिक्षा विभाग से अलग किया जाने, अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार अधिनियम का प्रभावी क्रियान्वयन को मॉनीटर करने राज्य संरक्षण कक्ष की स्थापना किया जाने, अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार के प्रकरणों मे अन्य राज्यों की तरह नियमित संवर्ग के वरिष्ठ अभियोजन अधिकारियों से पैरवी करवाकर पीड़ितों को शीघ्र न्याय दिलाई जा सके, नारायणपुर में कार्यरत श्री जे एल मेरावी प्रबंधक छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड नारायणपुर छत्तीसगढ़ जिनका विभागीय पदोन्नति किया जाना था। पदोन्नति न देकर सेवा से पृथक कर दिया गया जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही के साथ श्री जे एल मेरावी  को न्याय दिलाने, अनुसूचित जनजाति वर्ग के कई अधिकारी कर्मचारी निलंबित हैं, इन्हें बिना दंड दिए विभागीय जांच प्रकरणों को प्रशासकीय विभाग द्वारा स्वयं के स्तर से ही समाप्त किए जाने के विषय पर सारगर्भित चर्चा की गई। 

हाईकोर्ट ने कहा है कि नियमानुसार पदोन्नति कर सकते हैं


आदिवासी हितों में बनाए गए सरकार के एक भी नियम कानून का पालन नहीं हो रहा है, इसलिए इस नियम कानून के बेहतर क्रियान्वयन हेतु एक स्थाई कमेटी का गठन हो जिसमें संगठन से जुड़े हुए अधिकारी कर्मचारियों को सम्मिलित करें।अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के बैकलाग पदों की जानकारी सभी विभागों को देने व रिक्त पदों को भरने विशेष भर्ती अभियान  प्रारंभ किया जाने के साथ, पदोन्नति में आरक्षण जिसमें वर्ष 2019 में हाईकोर्ट ने अपने निर्णय के अनुसार  छत्तीसगढ़ पदोन्नति अधिनियम 2003 के बिंदु क्र 5 को स्थगित किया। पदोन्नति नियम 2003 को रद्द नहीं किया है। हाईकोर्ट ने कहा है कि नियमानुसार पदोन्नति कर सकते हैं। तदनुसार  अनुसूचित जनजाति के 32%और  अनुसूचित जाति के 12% आरक्षण का प्रावधान है और राज्य शासन को निर्देशित किया कि राज्य में अनुसूचित जाति, जनजाति को प्रतिनिधित्व के आधार पर पदोन्नति सुनिश्चित करें। जिसमे एम नागराज एवं जनरैल सिंह के फैसले का परिपालन हो। हाई कोर्ट द्वारा  नियमानुसार पदोन्नति  दिए जाने की बात कही गई है लेकिन  छत्तीसगढ़ के विभिन्न विभागों में अपने अपने विवेक से वरिष्ठता के आधार पर बिना आरक्षण रोस्टर का पालन किए रोस्टर से भरे जाने वाले पदों को भी सामान्य वर्ग से पदोन्नति देकर भर रहे हैं। जिसके कारण आरक्षण की अवधारणा ही खत्म हो गया है। 

छत्तीसगढ़ विद्युत मंडल  50-50%वरिष्ठता  के आधार पर पदोन्नति नियम विरूद्ध 

इसके साथ ही छत्तीसगढ़ विद्युत मंडल के अधिकारी इससे एक कदम आगे बढ़कर पदोन्नति के लिए अपने स्वयं से नियम पारित कर 50-50%वरिष्ठता  के आधार पर पदोन्नति दे रहे है। इन अधिकारियों को मालूम है कि पावर कंपनी में टॉप के सभी कैडरों चीफ इंजीनियर, सुपरिंटेंडेंट इंजीनियर में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के अधिकारी वरिष्ठ है और इस पदोन्नति से  टॉपमोस्ट पदों पर अनुसूचित जात/अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोगों का प्रभुत्व हो जायेगा। ऐसा सोचकर पावर कंपनी के संचालक मण्डल ने 50-50% का फामूर्ला अपनाया है।  उपरोक्त  फामूर्ला के अनुसार  अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के वरिष्ठ लोगों को 50% पद मिला और 50% पद पर सामान्य लोग आ गए। जबकि उक्त स्थान पर वरिष्ठता के आधार पर अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के अधिकारी पदोन्नत होते। इसके अितरिक्त  बैकलॉग के पदों पर सामान्य वर्ग के लोगों को पदोन्नति प्रदान किया जा रहा है। जिससे अनुसूचित वर्ग के विशेष कर अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोगों को बहुत नुकसान हो रहा है। इसलिए पदोन्नति में आरक्षण के संबंध में जब तक माननीय न्यायालय में स्थगन समाप्त नहीं हो जाता तब तक किसी भी हालत में अनुसूचित जाति/ जनजाति के लिए आरक्षित रिक्त पदों को नहीं भरा जाए उसे सुरक्षित रखा जावे और जितने सामान्य वर्ग के कर्मचारी अनुसूचित जाति जनजाति के लिए आरक्षित पदों पर नियम विरुद्ध पदोन्नत हुए हैं उसे तत्काल पदानवत किया जाने हेतु सभी जिला अध्यक्ष सभी ब्लॉक अध्यक्ष अपने अपने क्षेत्र के विधायक एवं मंत्रियों के माध्यम से मांग पत्र प्रस्तुत करने हेतु अपील किया गया। 

वैक्सीन जरूर लगवाये, इससे कोरोनावायरस वायरस से बचने में होंगे सक्षम 

बैठक में बढ़ते कोरोना महामारी से सुरक्षा के उपाय पर डॉ सत्यभुवन नेताम विभागाध्यक्ष रेडियोलॉजिस्ट मेकाहारा रायपुर द्वारा अपनी बात रखते हुए कहा कि कोरोनावायरस का वैक्सीन शासन के द्वारा जारी दिशा निर्देश के अनुसार जरूर लगवाएं । इससे कोरोनावायरस वायरस से बचने में सक्षम होंगे। बैठक में सम्मिलित लोगों के कोरोना वायरस संबंधित कई तरह के संदेह, अफवाह का निराकरण किए। उन्होंने कहा कि सर्जिकल मास्क 95 % एवं एन-95 मास्क 98% तक सुरक्षा प्रदान करता है। डॉक्टर संतोष एवं डॉ कैलाश मरकाम ने भी प्रेरक मार्गदर्शन किए।

फर्जी जाति प्रमाण पत्र धारियों के खिलाफ त्वरित कार्यवाही हेतु ठोस रणनीति बने

अनुसूचित जनजाति वर्ग के हितो की हो रही लगातार उपेक्षा एवं संवैधानिक हितों की रक्षा पर संघ के सलाहकार श्री एम आर ध्रुव ने कहा कि फर्जी जाति प्रमाण पत्र धारियों के खिलाफ त्वरित कार्यवाही हेतु ठोस रणनीति बने, फर्जी जाति प्रमाण पत्र धारियों को  जिला प्रमुख एवं अन्य महत्वपूर्ण पदो से तत्काल हटाने, राज्य शासन के आदेश का पालन करवाने हेतु सभी जिला एवं ब्लाक स्तर से मांग, न्यायालय से स्थगन हटाने विधि विभाग से समीक्षा करवाने पैरवी के लिये वरिष्ठ अधिवक्ताओं, विधि अधिकारियों की समिति गठित कर सुप्रीम कोर्ट के न्याय दृष्टांतों के आधार पर स्थगन हटवाने महाधिवक्ता को निर्देश दिये जाने हेतु महामहिम राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ शासन को पत्र लिखने, सभी विभाग में आरक्षण की मानिटरिंग हेतु स्थाई समिति एवं नोडल अधिकारी की नियुक्ति हो। 

आगामी बैठक 15 मई को दोपहर 2 बजे होगी 

भविष्य में बड़ी संवैधानिक लड़ाई लड़ने, आकस्मिक आपदा हेतु आर्थिक रूप से संघ को मजबूती प्रदान करने की जरूरत है।संघ द्वारा सर्वसम्मति से प्रांतीय पदाधिकारियों को एक दिन का वेतन प्रांतीय खाते में अविलंब जमा करने के साथ सभी जिला पदाधिकारियों को भी एक-एक दिन का वेतन प्रांतीय खाते में जमा करने के साथ ही संघ के सभी सदस्यों को एक दिन का वेतन या अतिरिक्त सहयोग प्रांतीय खाते में आॅनलाइन जमा करने हेतु आह्वान किए हैं। कोरोना काल में अनुसूचित जनजाति वर्ग के बहुत सारे सदस्य, पदाधिकारी, बुद्धिजीवी जो महामारी के कारण बिछड़ गए हैं उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर वर्चुअल बैठक का समापन करते हुए आगामी बैठक 15 मई को दोपहर 2 बजे रखने का निर्णय लिया गया। बैठक का संचालन प्रांतीय महासचिव श्री मोहन कोमरे द्वारा किया गया एवं बैठक का संयोजन प्रांतीय सदस्य गजलु पोडियाम ने किया।

बैठक में विशेष रूप से ये रहे मौजूद 

बैठक में प्रांतीय उपाध्यक्ष सदे सिंह कोमरे, सचिव जयसिंह राज, जयपाल सिंह ठाकुर, कोषाध्यक्ष एनआर चंद्रवंशी, संयुक्त सचिव सहदेव कुमार ठाकुर, लवन सिंह कंवर, संदीप कुमार पैकरा, जनक ध्रुव, जीवनलाल ध्रुव, कार्यकारिणी सदस्य डॉ किरण नुरूटी, मंगलू कश्यप, सुरेंद्र कुमार भोई ,कमलेश मंडावी, भरतलाल मार्को, जयश्री कुमार रोहित, मनहरण चंद्रवंशी, सोमेश पात्र, जिलाध्यक्ष श्रीराम ध्रुव बलोदा बाजार, आरसी ध्रुव बिलासपुर, अकतराम ध्रुव मुंगेली, कृष्ण कुमार ठाकुर बालोद, लेखराम मात्रा राजनांदगांव, सविता साय, शकुंतला तारम, एसपी ध्रुव महासमुंद, डॉ हेमवती ठाकुर धमतरी, अंजोर सिंह सिदार कबीरधाम, बलधीर टोप्पो बलरामपुर, भरत गंगवंशी कांकेर, दिलीप कुमार ध्रुव, डोमारसिंह ध्रुव नगरी, गोपाल सिंह ध्रुव बिलासपुर,  हेमवंत ठाकुर, हिरमा सोरी दंतेवाड़ा, जयपाल पोठठम, कृष्णा मरकाम खेलन नेताम, उमेश नाग, कुंभज  कंवर, ललित नरेटी दुर्गकोंदल, मनीराम मरकाम, सरोज सिरसो, सुरेश पैकरा ,उदय नेताम, उत्तम ध्रुव के साथ अन्य अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे।

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