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मुख्यमंत्री जी, क्या अब आर्थिक अनियमितता के समाचार आपके अफसरों से पूछकर प्रकाशित करना पड़ेगा ?

मुख्यमंत्री जी, क्या अब आर्थिक अनियमितता के समाचार आपके अफसरों से पूछकर प्रकाशित करना पड़ेगा ?

ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग सिवनी कार्यपालन यंत्री ने समाचार प्रकाशन के बाद गोंडवाना समय संपादक को भेजा आदेशनात्मक पत्र 

9 सड़को के नियम विरूद्ध भुगतान पर जारी हुये कारण बताओ नोटिस के समाचार प्रकाशन को बताया विभाग की छबि धूमिल होना 


सिवनी। गोंडवाना समय। 

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा सुशासन की बात अफसरों से हमेशा कहीं जाती है। वहीं उन्होंने निर्माण कार्यों में शासकीय धनराशि के मामले में पारदर्शिता के साथ व्यय करते हुये आर्थिक अनियमितता नहीं किया जाने का संदेश भी मीटिंगों के माध्यम से कई बार दिया है।


मध्य प्रदेश सरकार की योजनाओं का प्रचार-प्रसार समाचार पत्रों के द्वारा किया जाता है वहीं जिला प्रशासन के द्वारा भेजे जाने विभागीय कार्यों की प्रशंसायुक्त समाचार भी समाचार पत्रों के द्वारा प्रकाशित किया जाता है ताकि जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ जनता को मिल सकें वहीं संबंधित विभागों के अच्छे कार्यों की सराहना हो और जनता के बीच में संबंधित विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों के प्रति अच्छा व सकारात्मक संदेश जाये।         

वहीं यदि मुख्यमंत्री जी यदि आपके राज में सरकार की योजनाओं के तहत आने वाली राशि के संबंध में होने वाली आर्थिक अनियमितताओं का समाचार यदि गोंडवाना समय समाचार पत्र द्वारा प्रमुखता के साथ प्रकाशित किया गया है तो ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग की कार्यपालन यंत्री इसे विभाग की छबी धूमिल होना बता रही है लेकिन इस तरह की कार्यप्रणाली से मध्य प्रदेश सरकार की छबि धूमिल नहीं हो रही है यह प्रश्न उठ रहा है।
            वहीं कार्यपालन यंत्री ने गोंडवान समय संपादक को पत्र लिखते हुये आदेश दिया है कि बिना विभाग से पूछे समाचार प्रकाशित नहीं कर सकते है मतलब आर्थिक अनियमितताओं के संबंध में भी समाचार छापने के लिये अनुमति लेनी पड़ेगी। इसके लिये मुख्यमंत्री जी आप आदेश जारी करवा दे कि मध्यप्रदेश सरकार के अंतर्गत समस्त विभागों के आर्थिक अनियमितताओं के संबंध में समाचार प्रकाशन करने के पहले समाचार पत्र के संपादक को अनुमति लेना अनिवार्य होगा। 

समाचार प्रकाशन को बताया शासकीय कार्य में बाधा डालने की बात 

हम आपको बता दे कि जनहित के मुद्दे उठाने वाले के खिलाफ या फिर शासकीय विभागों की गड़बड़ी के खिलाफ आवाज उठाने वालों का मुंह बंद करने के लिये शासकीय कार्य में बाधा डालने का मामला बनवाने या कारण बताने को शासकीय विभागों के अधिकारियों ने हथियार बना लिया है, जिसकी जब मर्जी होती है इसका इस्तेमाल आराम से करता है। वहीं हम आपको बता दे कि गोंडवाना समय समाचार पत्र द्वारा ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग सिवनी कार्यपालन यंत्री को 9 सड़कों के नियम विरूद्ध किये गये भुगतान के संबंध में कारण बताओं नोटिस जारी हुआ है। जिसे गोंडवाना समय समाचार पत्र द्वारा प्रकाशित किया गया है। इस समाचार को ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग सिवनी की कार्यपालन यंत्री द्वारा आदेशानात्मक पत्र जारी करते हुये शासकीय कार्य में बाधा डाले जाने की बात कही गई है। 

अब कार्यालय की फोटो प्रकाशित करने के लिये लेना होगा अनुमति

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के राज में विभाग के अच्छे कार्यों का समाचार प्रकाशन किया जाता है तो उसके साथ यदि संबंधित विभाग के कार्यालयों की फोटो समाचार पत्र में प्रकाशित की जाती है तो कोई तकलीफ नहीं होती है लेकिन यदि आर्थिक अनियमितता का समाचार प्रकाशित किया जाता है तो कार्यालय की फोटो लगाने के लिये पहले अनुमति लेना होगा। इस तरह आदेश ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग सिवनी कार्यपालन यंत्री द्वारा गोंडवाना समय संपादक को लिखे गये पत्र में लिखा गया है। 

10 साल से अधिक समय से ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग कार्यालय नहीं गये संपादक

9 सड़कों का आर्थिक अनियमितता कर भुगतान करने के बाद जारी हुये कारण बताओं नोटिस के समाचार प्रकाशन पर ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग की कार्यपालन यंत्री आदरणीय सम्माननीय श्रीमती ऊषा चौधरी जी द्वारा गोंडवाना समय संपादक के नाम लिखे गये आदेशानात्मक पत्र में आदेश जारी करते हुये लिखा है कि आपके द्वारा अधोहत्साक्षरकर्ता के कार्यालय में आकर कार्यालय का छायाचित्र लिया गया है।
        वहीं बगैर अनुमति के कार्यालय में आप एवं अन्य कोई भी व्यक्ति दिखाई देता है तो मैं समझूंगी की आपको मात्र हम महिला अधिकारी एवं महिला कर्मचारियों को मानसिक परेशान करना उद्देश्य बन गया है। हमारे कार्यालय में अधिक से अधिक महिला कर्मचारी कार्यतर है उन्हें किसी भी प्रकार की परेशानी होती है तो उसकी संपूर्ण जिम्मेदारी आपकी होगी। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान जी के कार्यकाल की ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग की कार्यपालन यंत्री आदरणीय सम्मानीय श्रीमती उषा चौधरी जी हम आपको बता दे कि गोंडवाना समय के संपादक विवेक डेहरिया ने ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग के कार्यालय में लगभग 10 वर्ष से भी अधिक का समय हो गया होगा दाखिल ही नहीं हुये है।
        आपको जानकारी के लिये बता दे कि सिवनी जिले के बीते 2 से 3 कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक ने भी विवेक डेहरिया गोंडवाना समय संपादक का चेहरा सामने से नहीं देखा है ऐसे 99 प्रतिशत विभाग होंगे जिनके अधिकारियों से तो छोड़ों कार्यालय में प्रवेश तक नहीं किया हूं लगभग 10 वर्षों से हां कुछ पुलिस थाना जरूर जाना हुआ है। इसके बाद भी यदि ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग की महिला कर्मचारी गोंडवाना समय के संपादक से परेशान है तो इसकी जांच होनी चाहिये। 

तो मुझे आपके विरूद्ध न्यायालय की शरण में जाना पड़ेगा 

ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग की कार्यपालन यंत्री आदरणीय सम्माननीय श्रीमती उषा चौधरी जी ने 9 सड़कों के भुगतान के समाचार प्रकाशन के बाद आदेशानत्मक पत्र  गोंडवाना समय समाचार पत्र के संपादक के नाम जारी किया है जिसमें उन्होंने यदि दोबारा इस तरह प्रकार की कार्यवाही यानि समाचार प्रकाशन करने का कार्य किया जाता है तो मुझे आपके विरूद्ध न्यायालय की शरण में जाना पड़ेगा जिसका संपूर्ण जुर्माना आपको वहन करना होगा। 

मेरे पास तो आपका नंबर भी नहीं आपने ही मुझे भेजा संदेश 

ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग की कार्यपालन यंत्री श्रीमती उषा चौधरी द्वारा 9 सड़कों के भुगतान के संबंध में समाचार प्रकाशन के बाद गोंडवाना समय संपादक को पहले वाटसॅप नंबर पर आदेशनात्मक पत्र भेजा और वाटसप पर ही सवाल जवाब भी किया। हम आपको बता दे कि गोंडवाना समय संपादक के पास ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग के कार्यपालन यंत्री का वाटसप नंबर भी नहीं था। वहीं सवाल जवाब करने के बाद गोंडवाना समय की ईमेल आईडी में आरईएस विभाग सिवनी की मेल आईडी से आदेशनात्मक पत्र भेजा है। 

विधायक राकेश पाल ने लगाया था खुला आरोप तब क्यों नहीं किया गया आदेशानत्मक पत्र 


हम आपको बता दे कि कुछ माह पूर्व केवलारी विधानसभा क्षेत्र के विधायक श्री राकेश पाल सिंह ने ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग के कार्यपालन यंत्री सहित विभाग पर आर्थिक अनियमितताओं के संबंध में  जिला प्रशासन के अधिकारियों की उपस्थिति में ही खुला आरोप लगाया था तब ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग सिवनी की छबी धूमिल नहीं हुई थी। वहीं गोंडवाना समय संपादक को आदेशानात्मक पत्र जारी करने वाली आदरणीय सम्मानीय कार्यपालन यंत्री श्रीमती उषा चौधरी तब क्यों इस तरह का पत्र जारी कर जवाब तलब केवलारी विधायक ने नहीं कर पाई थी। 

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