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पहली बार बांसवाड़ा की सबसे ऊंची चोटी पर मनाया गया विश्व आदिवासी दिवस

पहली बार बांसवाड़ा की सबसे ऊंची चोटी पर मनाया गया विश्व आदिवासी दिवस

आदिवासियों के हक अधिकारों के लिए सरकार से की गई मांग

प्रकृति संरक्षण को बढ़ावा देने व समाज को एकजुट रहने का लिया संकल्प


कुशलगढ़/सज्जनगढ़। गोंडवाना समय।

बांसवाड़ा की सबसे ऊंची चोटी पर वागड़ का सबसे बड़ा कार्यक्रम पहली बार 9 अगस्त 2021 दिन सोमवार के दिन विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर आयोजित किया गया। श्री मुकेश पटेल के द्वारा जानकारी दी गई कि आयोजित कार्यक्रम में सभी वक्ता कॉलेज, स्कुल शिक्षा से जुडे़Þ हुए शिक्षाविद् एवं समासेवी उपस्थित थे। इसके साथ ही विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर कुशलगढ़ सज्जनगढ़ का सामूहिक कार्यक्रम कसुमोर बावसी में हर्षोल्लास से मनाया गया। कसुमोर बावसी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर आदिवासी समाज के झंडे का ध्वजारोहण करके कार्यक्रम की शुरूआत की गई।

आदिवासी वाद्य यंत्र ढोल, कुंडी, शहनाई एवं थाली बजाकर नृत्य किया गया


विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में श्री मुकेश पटेल ने बताया कि कुशलगढ़ सज्जनगढ़ तहसील के सामाजिक कार्यकर्ताओं, कर्मचारी गणों, आदिवासी समुदाय के युवाओं व ग्रामीणों ने बड़ी संख्या में हर्षोंल्लास के साथ भाग लिया। कार्यक्रम में आदिवासी युवाओं के अलावा पुरुषों व बच्चों ने पारंपरिक पोशाक धोती, साफा बांधकर तथा महिलाओं ने अपनी वेशभूषा ओढ़नी, घाघरा व आभूषण पहनकर हाथों में तलवार, धनुष, बाण गोफण, लठ लिए हुए आदिवासी वाद्य यंत्र ढोल, कुंडी, शहनाई एवं थाली बजाकर नृत्य किया गया। 

जनसंख्या आधार के अनुपात पर दिया जाये आरक्षण-प्रोफेसर रतनपाल डोडियार


आयोजित कार्यक्रम में श्री मुकेश पटेल ने आगे बताया कि कसुमोर बावसी में आयोजित विश्व आदिवासी दिवस कार्यक्रम में उपस्थित आदिवासी समाज के मुख्य अतिथियों के द्वारा अपने वक्तव्य में आदिवासी समाज  के हक अधिकारों के लिए पर विचार रखा गया। जिसमें जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण के विषय पर प्रोफेसर रतनपाल डोडियार के द्वारा, प्रतियोगी परीक्षाओं हेतु मार्गदर्शन प्रोफेसर लक्ष्मण लाल परमार के द्वारा दिया गया। वहीं इसके साथ भील प्रदेश एक समय की मांग को लेकर प्रोफेसर कल्याण मल सिंघाड़ा, जल जंगल जमीन का संरक्षण के विषय को लेकर प्रोफेसर दिनेश रावत, आदिवासी अंचल में शिक्षा की क्रांति को लेकर श्री सबु रावत, आदिवासियों की कला एवं संस्कृति के  संरक्षण पर डॉक्टर प्रेमचंद डाबी के द्वारा विचार रखा गया।

आदिवासी धर्मकोड की मांग को लेकर हरीश सुरावत ने रखे विचार

आयोजित कार्यक्रम में श्री मुकेश पटेल ने आगे बताया कि वहीं श्री भीमजी सुरावत (प्रधानाचार्य) के द्वारा वर्तमान में आदिवासी समाज के मुद्दे पर, डॉक्टर लोकेश पारगी के द्वारा पांचवी अनुसूची एवं पैसा एक्ट पर, श्री मांगीलाल जी वसुनिया (व्याख्याता) के द्वारा सामाजिक बुराइयां एवं आदिवासी समाज के आर्थिक विकास पर, श्री हरीश जी सुरावत ने आदिवासी धर्मकोड की मांग को लेकर एवं अन्य वक्ताओं में श्री कन्हैयालाल डोडियार (प्रधानाचार्य), श्री मुकेश बारिया (प्रधानाध्यापक), श्री राकेश देवदा (व्याख्याता), श्री अमृतलाल मईडा, श्री केसरसिंह डामोर आदि सभी उपस्थित वक्ताओं के द्वारा आदिवासी समुदाय के सगाजनों के बीच आदिवासी समाज के उत्थान के लिए अपने-अपने विचार रखे गये।

प्रशासनिक सेवाओं में 6.5 प्रतिशत की भी उठाई गयी मांग

आयोजित कार्यक्रम में श्री मुकेश पटेल ने बताया कि विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित वक्ताओं व जनसमूह के द्वारा आदिवासी समाज की जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण एवं प्रशासनिक सेवाओं में 6.5 की मांग भी उठाई गयी। वहीं सगासमाज के द्वारा टीएसपी में कार्यरत नॉन टीएसपी के कर्मचारियों का उनके गृह क्षेत्र में स्थानांतरण करने तथा नॉन टीएसपी में टीएसपी के कार्यरत कर्मचारियों को गृह जिले में लाया जाए व शेष रिक्त सीटों पर स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने की मांग सरकार से की गयी। 

आजादी के आंदोलन व समाज सुधारक महापुरुषों के योगदान को किया गया याद

विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में आदिवासी सगासमाज के द्वारा अपनी मांगों के साथ ही स्थानीय किसानों के लिए कृषि मंडी की स्थापना की जाए, प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे अभ्यार्थियों के लिए प्रत्येक ब्लाक स्तर पर पुस्तकालय का निर्माण करवाया जाए, साथ ही विश्व विद्यालयों में प्रवेश हेतु जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण का प्रावधान किया जाए, शिक्षा को बढ़ावा देने, फिजूल खर्ची रोकने, सामाजिक कुरीतियों को मिटाने, आदिवासी संरक्षण को बचाए रखने का संदेश दिया गया साथ ही उपस्थित सगासमाज के द्वारा प्रकृति संरक्षण को बढ़ावा देने का संकल्प लिया। आयोजित कार्यक्रम में प्रमुख वक्ताओं ने आजादी के आंदोलन और समाज सुधारक आदिवासी महापुरुषों के योगदान को याद किया गया तथा साथ ही समाज को एकजुट रहने का संदेश दिया गया।

प्रशासन की मौजूदगी में कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न हुआ

ग्राम पंचायत खजुरा एवं सारण के समाजसेवियों के द्वारा कार्यक्रम में आये हुए सभी सगासमाज एवं आमजनों का स्वागत किया गया। वहीं कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सगासमाज ने पूर्ण सहयोग दिया तथा प्रशासन की मौजूदगी में कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। आयोजित कार्यक्रम का संचालन आदिवासी समाज के तिरु संतोष दामा के द्वारा किया गया। वहीं कार्यक्रम को स्वागत-भाषण तिरु कल्याण सिंह डामोर के द्वारा किया गया। तिरु राकेश डामोर के द्वारा कार्यक्रम में  सभी का आभार व्यक्त किया गया। आयोजित कार्यक्रम में आदिवासी जनप्रतिनिधि, समाज के समाजसेवी, ग्राम के ग्रामीण एवं समाज के शासकीय कर्मचारी व बुद्धिजीवी सहिंत सैकड़ो लोगों की उपस्थिति रही।


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