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डॉ भारती सोनकेशरिया पर फर्जी जनजाति प्रमाण पत्र का लाभ लेने पर एफआईआर दर्ज करने की मांग

डॉ भारती सोनकेशरिया पर फर्जी जनजाति प्रमाण पत्र का लाभ लेने पर एफआईआर दर्ज करने की मांग 

जनजाति विकासखंड घंसौर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बीएमओ के पद पर पदस्थ है डॉ भारती सोनकेशरिया 


सिवनी। गोंडवाना समय। 

जनजाति बाहुल्य ब्लॉक के घंसौर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की बीएमओ डॉ. भारती सोनकेशरिया के द्वारा अनुसूचित जनजाति का फर्जी जाति प्रमाण का उपयोग करने के मामले में एफआईआर दर्ज कराये जाने की मांग को लेकर पुलिस अधीक्षक, कलेक्टर सहित सीएमएचओ को शिकायत दी गई है। 

वर्ष 2000 में ओबीसी शामिल किया और वर्ष 2004 में जनजाति का प्रमाण पत्र जारी हुआ 

जनजाति विकासखंड घंसौर में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र घंसौर में बीएमओ के पद पर पदस्थ डॉ. भारती सोनकेशरिया पिता श्री गनेश सोनकेशरिया जाति कोष्टा चिकित्सा अधिकारी कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सिवनी के अधीन कार्यरत है। डॉ. भारती सोनकेशिरिया चिकित्सा अधिकारी की नियुक्ति लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण विभाग मंत्रालय का आदेश क्रमांक/एफ-2-2/2011/सत्रह/मेडि-एक, भोपाल दिनांक 19 अप्रैल 2011 द्वारा सरल क्रमांक 526 में अनुसूचति जनजाति वर्ग में की गई है। जबकि म.प्र. सामान्य प्रशासन विभाग के द्वारा कोष्टा जाति को ओ.बी.सी. वर्ग में वर्ष 2000 में सम्मिलित किया गया है इसके बाद भी डॉ. भारती सोनकेशरिया को वर्ष 2004 में अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र जारी हुआ है। 

उनकी सेवा पुस्तिका में अनुसूचित जनजाति के स्थान पर अन्य पिछडा वर्ग लिखा गया है

जबकि हम आपको बता दे कि सचिव म.प्र. सामान्य प्रशासन विभाग का पत्र क्रमांक एफ 7-21/2011 /आ.प्र./एक भोपाल दिनांक 07मार्च 2011 में क्रमांक 04 में उल्लेखित माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा सिविल अपील क्रमांक 2294/1966 (महाराष्ट राज्य बनाम मिलिन्द और अन्य) में नीति निर्णय के विरूद्ध है। प्रभारी अधिकारी जन शिकायत निवारण प्रकोष्ठ जिला सिवनी को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सिवनी के द्वारा प्रेषित लिखित जांच के संबंध में दिनांक 04 जुलाई 2015 को प्रषित जानकारी में पीजी को क्रमांक/336793/2015/99 के संदर्भ में कडिकां 04 में अनावेदिका की वांछित जानकारी के संदर्भ में यह लेख किया गया है कि 28 नंवबर 2000 के बाद हुयी नियुक्तियां प्रभावित नहीं होगी केवल उन्हे आरक्षण का लाभ प्राप्त नहीं होगा। जबकि कडिका क्रमांक के स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि 28/11/2000 के पूर्व अंतिम हो चुकी है चुकि डॉ. भारती सोनकेशरिया की नियुक्ति 19 अपै्रल 2011 के आदेश के तहत हुई है। इसलिये उनकी नियुक्ति को प्रभावित नहीं करते हुये उन्हे आरक्षण का लाभ नही दिया गया है। उनकी सेवा पुस्तिका में अनुसूचित जनजाति के स्थान पर अन्य पिछडा वर्ग लिखा गया है।

वर्तमान में संधारित सेवा पुस्तिका में अनुसूचित जनजाति (हल्बा) दर्शित है

शिकायतकर्ता का कहना है कि कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वाथ्य अधिकारी सिवनी में डा. भारती सोनकेशरिया की नियुक्ति के सबंध में जारी सर्विस बुक को फर्जी तरीके से बदल दिया गया है। वर्तमान में जो सेवा पुस्तिका संधारित है उक्त सेवा पुस्तिका में अनावेदिका की जाति अनुसूचित जनजाति (हल्बा) दर्शित है। अनावेदिका की नियुक्ति अनुसूचित जनजाति के सदस्य के आरक्षण पर ही सबंधित ब्लाक घंसौर में की गई है जो कि नियुक्ति पत्र में उल्लेखित है।

विभागीय रूप से उच्च अधिकारियों की सांठ-गांठ को करता है इंगित 

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सिवनी के द्वारा जारी पत्र में यह उल्लेखित किया जाना कि डॉ. भारती सोनकेशरिया की नियुक्ति 19 अप्रैल 2011 के आदेश के तहत हुयी है। अत: इनकी नियुक्ति को प्रभावित नहीं करते हुये उन्हें आरक्षण का लाभ नहीं दिया गया है, उनकी सेवा पुस्तिका में अनुसूचित जनजाति के स्थान पर अन्य पिछड़ा वर्ग लिखा गया है जो कि स्वमेव संदेहास्पद व विरोधीभासी होते हुये विभागीय रूप से उच्च अधिकारियों की सांठ-गांठ को इंगित करता है।

विभागीय रूप से संरक्षण प्रदान किया गया जा रहा है

उपरोक्त तथ्यों के आधार पर यह दर्शित होता है कि डा. भारती सोनकेशरिया फर्जी नियुक्ति के संबंध में विभागीय रूप से संरक्षण प्रदान किया गया जा रहा है। जिनके संरक्षण प्रदान करने हेतु सेवा पुस्तिका को भी फर्जी तरीके से बदल दिया गया है तथा पूर्व में जो सेवा पुस्तिका का संधारण किया गया था उसके विपरीत नवीन सेवा पुस्तिका को संधारित कर दिया गया है। इस आधार पर डा. भारती सोनकेशरिया के विरूद्ध कूटरचित दस्तावेज के आधार पर फर्जी अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र का उपयोग कर नियुक्ति में लगाये गये तथा शासन को गुमराह करने व धोखाधड़ी का मामला दर्ज करते हुये उक्त मामले में संरक्षण देने वाले जिम्मेदार विभागीय अधिकारियों कर्मचारियों के विरूद्ध आवेदक की उपस्थिति में जांच किया जाकर अपराधिक मामला दर्ज किये जाने के निर्देश जारी किये जाने की शिकायत दिया है। 

ऐसी कोई बात नहीं है उक्त शिकायत निराधार है

वहीं फर्जी जनजाति के प्रमाण पत्र के आधार पर लाभ लेने की शिकायत के संबंध में दैनिक गोंडवाना समय समाचार पत्र द्वारा घंसौर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बीएमओ डॉ भारती सोनकेशरिया से चर्चा की गई तो उन्होंने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है, उक्त शिकायत निराधार है। मेरे द्वारा किसी भी तरह से फर्जी जनजाति प्रमाण पत्र का लाभ नहीं लिया जा रहा है। 

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