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बकोड़ा सिवनी में विश्व आदिवासी दिवस उत्सव के रूप में ग्रामीणजनों ने मनाया त्यौहार

बकोड़ा सिवनी में विश्व आदिवासी दिवस उत्सव के रूप में ग्रामीणजनों ने मनाया त्यौहार

गोंडवाना ग्राम समिति बकोड़ा सिवनी द्वारा विश्व आदिवासी दिवस धूम धाम से मनाया गया


सिवनी। गोंडवाना समय।

विश्व आदिवासी दिवस की धूम अब गांव से लेकर शहर में भी दिखाई देने लगी है। जहां विश्व आदिवासी दिवस के बारे में जहां पहले भारत के नागरिकगण जानते तक नहीं थे लेकिन आदिवासी समाज के प्रबुद्धजनों के द्वारा निरंतर विश्व आदिवासी दिवस क्यों मनाया जाता है, कब से मनाया जाना प्रारंभ किया गया था। इसका प्रचार-प्रसार व संयुक्त राष्ट्र संघ के संदेश को भारत के प्रत्येक क्षेत्रों में पहुंचाना व बताया जाना प्रांरभ किया तो उसका प्रभाव आज अलग ही दिख रहा है।


जहां एक और कुछ प्रदेशों में विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर एक दिन अवकाश घोषित कर दिया गया है वहीं मध्य प्रदेश सहित कई प्रदेशों में इसके 9 अगस्त को अवकाश दिये जाने के लिये संघर्ष 8 अगस्त की रात्रि तक जारी रहा।

इतना ही नहीं सोशल मीडिया में देखें तो सिर्फ आदिवासी समुदाय ही नहीं अन्य वर्गाें के नागरिकों ने बधाई संदेश जारी किया है वहीं कुछेक राजनैतिक दलों को छोड़ दिया जाये तो अधिकांश राजनैतिक दलों के पदाधिकारियों के द्वारा भी सोशल मीडिया में बकाया बधाई संदेश के साथ साथ कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया। 

आदिवासी संस्कृति की स्पष्ट दिखी झलक 


सिवनी जिले में शहर के साथ साथ गांव-गांव में भी विश्व आदिवासी दिवस को विशेषकर आदिवासी समाज के द्वारा त्यौहार के रूप में हर्षों उल्लास के साथ गोंडवाना ग्राम समिति बकोड़ा सिवनी द्वारा विश्व आदिवासी दिवस धूम धाम व उत्सव के रूप में मनाया गया।

विश्व आदिवासी दिवस के दिन सिवनी जिले के गांव-गांव में आदिवासी समाज के गौरवपूर्ण संस्कृति, रीति-रिवाज, पंरपरा, परिधान-पौशाक के साथ हुये भव्य आयोजन विशेष रूप में दिखाई दिया। 

आदिवासी संस्कृति की रक्षा कौन करेगा कौन करेगा-हम करेंगे हम करेंगे


सिवनी जिले के छपारा विकासखंड अंतर्गत ग्राम बकोड़ा सिवनी में गोंडवाना ग्राम समिति बकोड़ा सिवनी द्वारा विश्व आदिवासी दिवस धूम धाम से मनाया गया।

सिवनी जिले के छपारा विकासखंड अंतर्गत ग्राम बकोड़ा सिवनी में ग्रामीणजनों ने एकत्र होकर विश्व आदिवासी दिवस के दिन सर्व प्रथम चक्किटोला से सामाजिक कार्यकर्ता रावेन शाह के नेतृत्व में रैली निकालकर गाँव बस्ती से होते हुये ग्राम के समस्त पेनपट्टा की गोंगो करते हुए सभी ग्रामवासियों ने एक तीर एक कमान समान सारे आदिवासी एक समान, जल जंगल जमीन की रक्षा कौन करेगा-हम करेंगे हम करेंगे, आदिवासी संस्कृति की रक्षा कौन करेगा कौन करेगा-हम करेंगे हम करेंगे, पर्यावरण की रक्षा कौन करेगा कौन करेगा-हम करेंगे हम करेंगे के स्लोगन के साथ आदिवासी संस्कृति के आधार पर वाघ यंत्रों के साथ नृत्य करते हुये रैली के रूप में नाचते कूदते ढोल मांदल गूंज के साथ ग्राम की खैरों दाई, भिमालपेन की गोंगो पूजा पाठ करके वापिस रैली चक्किटोला में पहुँची जहाँ भोजन पान प्रसाद ग्रहण करने के पश्चात शैला नृत्य का आयोजन भी हुआ।  

उत्सव में प्रमुख रूप से ये रहे मौजूद 


विश्व आदिवासी दिवस के उत्सव में समस्त ग्रामवासियों में प्रमुख रूप से सर्व तिरु. दसरू मर्सकोले (मुकद्दम), प्रभुदयाल कुमरे (उप सरपंच), फूल सिंह इनवाती, नरेश भलावी, तेन सिंह इनवाती, गणेश भलावी, इसलाल उईके (रोजगार सहायक),देवेंद्र उईके, अशोक भलावी, राधेश्याम उईके, राजेन्द्र इनवाती, सोन सिंह इनवाती, कमल परते, विनोद उईके, लगुनसी परते, राहुल उईके, कृष्ण कुमार गोंनगे, हीरा सिंह गोंनगे, रामसरेख परते, वंशीलाल कुमरे, हिरदेराम कुमरे, मानू कुमरे, नीलेश कुमरे, अशोक भलावी, रविशंकर बरमैया, सज्जन यादव, हरिप्रसाद परते, दुर्गा प्रसाद परते, लखीराम उईके आदि गणमान्य नागरिक व समस्त मातृ शक्ति, पितृ शक्ति, युवा शक्ति की उपस्थिति रही।

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