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जीएसटी कर चोरी का अड्डा बना सिवनी जिला, पुलिस बनी संरक्षक, अरविंद पाण्डे उर्फ बब्लू पाण्डे ने मजदूर मल्लू मरकाम को बनाया मोहरा

जीएसटी कर चोरी का अड्डा बना सिवनी जिला, पुलिस बनी संरक्षक, अरविंद पाण्डे उर्फ बब्लू पाण्डे ने मजदूर मल्लू मरकाम को बनाया मोहरा 

आदिवासी मजूदर के साथ धोखाधड़ी, मानसिक रूप से किया गया शोषण

कूटरचित दस्तावेज तैयार कर अन्याय करने वाले पर क्यों नहीं हो रही कार्यवाही 




सिवनी। गोंडवाना समय।

आदिवासी मजदूरों के नाम पर ठेकेदारों व कुछ फर्म के संचालक सिवनी जिले में जीएसटी नंबर लेकर उनके नाम पर लाखों रूपये का लेनदेन कर रहे है। इसकी जानकारी जब संबंधित आदिवासी मजूदर को मिली तो उनके परिवार वालों के होश उड़ गये कि इतना रूपये टैक्स कहां से पटायेंगे। इस संबंध में सिवनी पुलिस प्रशासन से आदिवासी मजदूर को इस थाना से उस थाना और थाना से पुलिस कप्तान की ओर रास्ता बनाकर चलता कर रहे है। लगभग 20 दिनों के बाद भी पुलिस प्रशासन जीएसटी कर चोरी करने के बड़ा मामले को खुलासा करने की बजाय रफा दफा करने में ज्यादा दिलचस्पी दिखा रही है। वहीं जीएसटी कर चोरी का बड़ा खेल खेलने वाले फर्म के संचालक आदिवासी मजदूरों का शोषण करते हुये उन्हें अपना शिकार बनाकर जीएसटी से बचने के लिये मोहरा बना रहे है। इस संबंध में आदिवासी मजदूर मल्लू मरकाम की पत्नि श्रीमती लता मरकाम ने लगभग 3 थाना के चक्कर लगाने के बाद पुलिस कप्तान से गुहार लगाई थी लेकिन कार्यवाही कछुआ की गति से भी धीरे चलती साबित हो रही है या यह कहें कि पुलिस संरक्षक की भूमिका निभा रही है। 

3 लाख 16 हजार रूपये का टैक्स पटाने के लिये फोन आया तो होश उड़ गये 

हम आपको बता दे कि सिवनी जिला मुख्यालय में जिला चिकित्सालय में एसपीडी सिक्युरिटी एजेंसी जबलपुर संचालक को ठेका मिला हुआ है। जहां पर उसके पास जो मजदूर कार्य करते उसमें आदिवासी मजदूर मल्लू मरकाम को धोखा में रखकर शासकीय योजनाओं का लाभ दिलाने के लिये दस्तावेज फर्म संचालक के द्वारा लिया गया था। इसके बाद आदिवासी मजदूर के दस्तावेज के आधार पर जीएसटी नंबर ले लिया गया। इसके सहारे फर्म संचालक ने जीएसटी की चोरी से बचने के लिये तरकीब अपनाया था। वहीं जब वाणिज्य कर विभाग से आदिवासी मजूदर के पास 22 जुलाई 2021 को फोन गया कि आपके ऊपर 3 लाख 16 हजार रूपये का टैक्स बकाया है उसे जमा करवाये तो आदिवासी मजदूर व उसके परिवार वालों के होश उड़ गये। मजदूरी कर अपना परिवार चलाने वाले कहां से इतनी बड़ी रकम टैक्स की पटायेंगे। यह सोचकर परिवार मानसिक रूप से प्रताड़ित हुआ।  

धोखाधड़ी व जालसाजी पर एससी एसटी एक्ट के तहत प्रकरण करने की शिकायत

इस संबंध में आदिवासी मजूदर मल्लू मरकाम की पत्नि श्रीमती लता मरकाम ने शिकायत की है जिसमें उन्होंने उल्लेख किया है कि जीएसटी नंबर लेकर उपयोग करने वाले अरविंद पाण्डे उर्फ बब्लू पाण्डे के द्वारा धोखाधड़ी एवं जालसाजी करने के मामले में उस पर एसटी एस सी एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज कर कार्यवाही की जावे परंतु पुलिस बीते लगभग 20 दिनों से अधिक का समय से सिर्फ फरियादी के ही बयान और पूछताछ कर पाई है। 

कोतवाली व पुलिस अधीक्षक से हुई शिकायत 

हम आपको बता कि शिकायतकर्ता मजदूर की पत्नि श्रीमती लता मरकाम ने शिकायत में उल्लेख किया है कि अरविंद पाण्डे उर्फ बब्लू पाण्डे के द्वारा लेवर सप्लाई करने की कोई फर्म भी बनाई गई है। इसके आधार पर मजदूर मल्लू मरकाम के नाम पर जीएसटी नंबर ले लिया गया है। शासकीय विभाग में ठेका लेने वाले फर्म संचालक ने बड़ी ही चतुराई से 26 नवंबर 2020 को जीएसटी नंबर आदिवासी मजूदर के नाम पर लेकर उसमें लाखों रूपये का लेन देन भी हुआ है। आदिवासी मजदूर की पत्नि ने इस संबंध में जालसाजी कर, धोखाधड़ी करने वाले पर कार्यवाही के लिये पुलिस अधीक्षक सिवनी व कोतवाली पुलिस थाना को 24 जुलाई 2021 को शिकायत की गई थी। इसके बाद 4 अगस्त को वाणिज्य कर विभाग सिवनी को भी शिकायत की गई थी। वहीं 6 अगस्त 2021 को पुलिस अधीक्षक को पुन: शिकायत की गई थी। इस बीच में आदिवासी मजदूर व उसकी पत्नि शिकायत के लिये अजाक थाना व महिला डेस्क थाना भी गई थी जहां से उन्हें पुलिस कप्तान कार्यालय का रास्ता बता दिया गया था। 

अब अजाक थाना कर रहा जांच, दिन भर से अजाक थाना प्रभारी का फोन आ रहा बंद 

हम आपको बता दे कि पुलिस अधीक्षक कार्यालय द्वारा इस संंबंध संज्ञान लिया गया है और विधिवत कार्यवाही के लिये अजाक थाना की ओर प्रेषित किया गया है। अजाक थाना में इस संबंध में बीते दिवस आदिवासी मजूदर व परिवार के बयान आदि भी लिये गये है। वहीं इस संबंध में जिनकी शिकायत की गई है उस संबंध में क्या कार्यवाही हुई या उनके बयान लिये गये इस संबंध में जानकारी लेने के लिये 13 अगस्त को दोपहर से अजाक थाना प्रभारी के नंबर पर फोन लगाया गया लेकिन उनका फोन लगातार बंद ही बताता रहा। 

पुलिस और वाणिज्य कर विभाग जांच करें तो जीएसटी चोरी करने वालों का हो सकता है बड़ा खुलासा 

आदिवासी मजदूरों के नाम पर फर्म के सहारे जीएसटी नंबर लेने का खेल का खुलासा तो वाणिज्य कर विभाग से टैक्स जमा कराये जाने के मामले के कारण हुआ है। सूत्र बताते है कि ऐसे कई और भी आदिवासी मजदूर है जिनके नाम पर जीएसटी नंबर लेकर फर्म का संचालन किया जा रहा है। इसी तरह का खेल सिवनी जिले की ग्राम पंचायतों में भी चल रहा है। जहां पर एक ही टैडर्स के नाम पर कई टैडर्स का बिल लगाकर भुगतान प्राप्त किया जा रहा है जिससे जीएसटी कर चोरी बृहद स्तर पर की जा रही है। सिवनी जिला तो जीएसटी कर जमा नहीं करने के मामले में पहले से ही प्रसिद्ध है वहीं जीएसटी चोरी करने के लिये मजदूरों को मोहरा बनाये जाने का खेल भी धड़ल्ले से चल रहा है। यदि इस संबंध में पुलिस प्रशासन व वाणिज्य कर विभाग सही दिशा में जांच करें तो जीएसटी चोरी करने वालों का बड़ा खुलासा भी हो सकता है। 

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