हमारी संस्कृति वसुदेव कुटुंबकम जैसे उच्च विचारों वाली संस्कृति है-एस.एस. कुमरे
हमारी संस्कृति जल, जंगल, जमीन, वायु, पशु, पक्षी सभी को संरक्षण प्रदान करती है
संघ के वरिष्ठ प्रचारक सुरेश भैया जी जोशी की पुस्तक ''हमारा सांस्कृतिक चिंतन'' का विमोचन किया
सिवनी। गोंडवाना समय।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संपर्क विभाग द्वारा संघ के वरिष्ठ प्रचारक श्री सुरेश भैया जी जोशी की पुस्तक ''हमारा सांस्कृतिक चिंतन'' का विमोचन किया गया। इस पुस्तक में उनके द्वारा विभिन्न अवसरों पर दिए गए उद्बोधन को संकलित किया गया है। रजवाड़ा हॉटल में आयोजित इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री श्याम कुमरे रिटायर्ड आईएएस ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि हमारी संस्कृति वसुदेव कुटुंबकम जैसे उच्च विचारों वाली संस्कृति है, यह गतिशील और परिष्कृत है। अंग्रेजी शिक्षा के माध्यम से इसे नष्ट करने का प्रयास अवश्य किया गया। हमारी संस्कृति जल, जंगल, जमीन, वायु, पशु, पक्षी सभी को संरक्षण प्रदान करती है।
नारी को भोग्या बताने वाले हमें नारी शिक्षा और सम्मान का ज्ञान ना दें
संघ के प्रांत प्रचारक श्री प्रवीण जी गुप्त मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे। इस अवसर पर प्रांत प्रचारक ने हमारी भारतीय संस्कृति के गौरव और उसकी ऐतिहासिकता पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि हमारा चिंतन मैं से हम की यात्रा है। पश्चिमी संस्कृति पर करारा प्रहार करते हुए उन्होंने कहा कि नारी को भोग्या बताने वाले हमें नारी शिक्षा और सम्मान का ज्ञान ना दें। हमारी संस्कृति धन ,शक्ति और ज्ञान अर्जन पर बल देती है किंतु इनका उपयोग समाज के हित में होना चाहिए। कार्यक्रम की अध्यक्ष के रूप में गायत्री शक्तिपीठ सिवनी के ट्रस्टी सुंदरलाल बघेल द्वारा अपनी सहभागिता प्रदान की गई। इस कार्यक्रम में नगर के प्रतिष्ठित समाजसेवी व्यवसाय अधिवक्ता शिक्षाविद एवं धार्मिक क्षेत्र से जुड़े अनेक प्रबुद्ध जन उपस्थित हुए।