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आप ऐसा शोध करें जो किसान और आम जनों का जीवन बेहतर करने में मददगार साबित हो-राज्यपाल

आप ऐसा शोध करें जो किसान और आम जनों का जीवन बेहतर करने में मददगार साबित हो-राज्यपाल

विद्यार्थी अर्जित ज्ञान का समाज के लिए सकारात्मक रूप से उपयोग करें-सुश्री अनुसुईया उइके

राज्यपाल आई.टी.एम. विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में वर्चुअल रूप से शामिल हुई


रायपुर। गोंडवाना समय।

राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके आई.टी.एम. विश्वविद्यालय के छठवें दीक्षांत समारोह में वर्चुअल रूप से शामिल हुई।


इस अवसर पर विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक और उपाधि प्रदान की गई। साथ ही श्री आर.वी. बालसुब्रमण्यम अय्यर, श्री सुजय सुरेश डांगी एवं श्री इम्तेयाजूर रहमान को डी.लिट की उपाधि दी गई।

हमेशा हर विषय के दो दृष्टिकोण होते हैं, सकारात्मक और नकारात्मक            


राज्यपाल ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षा के माध्यम से जो आपने अर्जन किया है, उसका किस प्रकार उपयोग करना है, यह आपके स्वयं के हाथों में हैं। हमेशा हर विषय के दो दृष्टिकोण होते हैं, सकारात्मक और नकारात्मक। आपने जो ग्रहण किया है उसका सकारात्मक रूप से समाज के लिए उपयोग करें। उन्होंने विद्यार्थियों से नवाचार करने का आग्रह करते हुए कहा कि आप ऐसा शोध करें जो किसान और आम जनों का जीवन बेहतर करने में मददगार साबित हो।

हमें उस वर्ग के प्रति भी जिम्मेदार होना चाहिए, जिन्हें इस शिक्षा की आवश्यकता है

सुश्री उइके ने कहा कि जो हम ज्ञान अर्जन करते हैं, विचार ग्रहण करते हैं, वह गतिशील और निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। उसे हमेशा अपडेट करने की जरूरत पड़ती है। यह तभी संभव है, जो हमने शिक्षा ग्रहण की है, उसके अनुकूल क्षेत्र में हम निरंतर कार्य करते रहें। उन्होंने कहा कि यह स्मरण रखें कि विद्वता अर्जित करने के साथ-साथ एक जिम्मेदारी भी आती है। हमें उस वर्ग के प्रति भी जिम्मेदार होना चाहिए, जिन्हें इस शिक्षा की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि मैं सभी विद्यार्थियों से आग्रह करती हूं कि आपने इस देश से जो भी ग्रहण किया है उसे वापस जरूर लौटाएं।

वैज्ञानिकों की बदौलत ही हम कोरोना की स्वदेशी वैक्सीन बना सके

राज्यपाल ने कहा कि आज हमारे सामने कोरोना के साथ-साथ कई अन्य बीमारियों का खतरा भी बना हुआ है। कुछ समय पहले कोरोना के कारण भयावह स्थिति थी, परन्तु हमारे वैज्ञानिकों ने इस चुनौती को स्वीकारा और महामारी से लड़ने के लिए हमारे देश में ही वैक्सीन विकसित की गई। हमारे विश्वविद्यालयों से शोध कर निकले वैज्ञानिकों की बदौलत ही हम कोरोना की स्वदेशी वैक्सीन बना सके। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में व्यापक रणनीति बनाई गई और टीकाकरण अभियान शुरू किया गया। उन्होंने कोरोना महामारी पर शीघ्र ही नियंत्रण पाने पर विश्वास जताया।

विद्यार्थियों को अपनी पूरी क्षमता का उपयोग करने का अवसर प्रदान करेगा

उन्होंने नई शिक्षा नीति पर चर्चा करते हुए कहा कि आज हम नई शिक्षा नीति की ओर बढ़ रहे हैं। यह हमें नई चुनौतियों के लिए तैयार करेगी। इसके अन्तर्गत जो कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं, वह पुरानी पाबंदियों को समाप्त करेगा और विद्यार्थियों को अपनी पूरी क्षमता का उपयोग करने का अवसर प्रदान करेगा। कार्यक्रम को रिलायंस जियो इन्फोकॉम लिमिटेड के उपाध्यक्ष श्री आर.वी. बालसुब्रमण्यम अय्यर, आॅप्टोमेट्रिस्ट एवं पूर्व सदस्य, टाइटन कंपनी श्री सुजय सुरेश डांगी, यू.टी.आई., ए.एम.सी. के सी.ई.ओ. श्री इम्तेयाजूर रहमान, छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के अध्यक्ष डॉ. शिववरण शुक्ल एवं आई.टी.एम. विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ. पी.वी. रमण ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर आई.टी.एम. विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. विकास सिंह, प्राध्यापकगण एवं विद्यार्थीगण उपस्थित थे।

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