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सामाजिक सहयोग से स्थापित सिमडेगा जिला (झारखंड) का प्रथम आॅनलाइन डिजिटल क्लास किया गया उद्घाटन

सामाजिक सहयोग से स्थापित सिमडेगा जिला (झारखंड) का प्रथम आॅनलाइन डिजिटल क्लास किया गया उद्घाटन

गोंडवाना विकास विद्यालय के संस्थापक कमलेश्वर मांझी ने फीता काटकर किया उद्घाटन


कमलेश गोंड, राष्ट्रीय संवाददाता
सिमडेगा झारखंड। गोंडवाना समय। 

झारखण्ड प्रांत के जनजाति बाहुल्य सिमडेगा जिला मुख्यालय स्थित गोंडवाना विकास विद्यालय सह छात्रावास सलडेगा परिसर में आॅनलाइन डिजिटल क्लास का उद्घाटन किया गया। स्कूलों में शिक्षण की आधुनिक व्यवस्था को ध्यान मे रखते हुये गोंडवाना विकास विद्यालय के संस्थापक कमलेश्वर मांझी ने आॅनलाइन डिजिटल क्लास का उद्घाटन किया। क्लासेस का उदद्घाटन आॅनलाइन और आॅफलाइन जुड़े अतिथियों की मौजूदगी में की किया गया। 

संतोष प्रधान ने आॅनलाइन क्लास के लिए प्रोजेक्टर मुहैया कराये


शिक्षा के मामले में प्रेरणास्रोत बना गोंडवाना विकास विद्यालय एवं सामाजिक सहयोग से स्थापित जिला का पहला डिजिटल क्लास है, जिसमें समाज के अगुवाओं ने अपने पहल से इसे स्थापित किया है। कोरोना काल के दौरान बच्चों की पढ़ाई बहुत सारी समस्याओं का सामना कर रहा था। बच्चे आॅनलाइन क्लास मोबाइल से कर रहे जिससे ज्यादा स्टूडेंट को एक साथ पढ़ने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था, मोबाइल में लम्बे समय तक क्लास करने से बच्चों में आखों से संबंधित समस्याएं भी आने लगी थी। ग्रामीणों ने भी अपनी समस्या दर्ज कराया था, इस समस्या के समाधान के लिए कई समाजसेवी आगे आए और चेन्नई से ईजीनियरिंग की पढ़ाई करके लौटे वर्तमान में जीटीडीसी के संस्थापक सह सुबोध कोचिंग सेंटर गांधी मैदान के संचालक संतोष प्रधान ने आॅनलाइन क्लास के लिए प्रोजेक्टर मुहैया कराये। 

कोरोनाकाल में गांव-गांव जाकर कराते थे अध्ययन 

अब एक साथ कई बच्चे इस प्रोजेक्टर के माध्यम से आॅनलाइन क्लास का फायदा ले पाएंगे। यह भी बताते चलें प्रोजेक्टर नहीं होने के बावजूद भी पुरे कोरोना काल में दिल्ली से दिल्ली विश्वविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. गणेश मांझी, जेएनयू से पीएचडी कर रही रजनी टोप्पो, रांची से नेशनल इंस्योरेंश कंपनी लिमिटेड रांची शाखा से उप प्रबंधक पद से रिटायर्ड अधिकारी देवनन्दन प्रधान, छत्तीसगढ़ से इंजीनियर सह छात्रावास संचालक मुकेश बेसरा, गोंडवाना विकास विद्यालय के संस्थापक कमलेश्वर मांझी सहित गोंडवाना पे बैक टू सोसाइटी के कई मेंबर मोबाइल के माध्यम से गाँव-गाँव के बच्चों को अंग्रेजी, गणित, विज्ञान, भूगोल, सामान्य ज्ञान जैसे विषयों को आॅनलाइन पढ़ा रहे हैं, अब प्रोजेक्टर के हो जाने से पढाई और भी आसान हो जाएगी। 

अन्य गांव में ग्रामीणों के सहयोग से डिजिटल क्लास की शुरूआत की जायेगी 

उद्घाटन के पश्चात कमलेश्वर मांझी ने आॅनलाइन और आॅफलाइन जुड़े बच्चों और अभिभावकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज के वर्तमान युग में सभी को स्मार्ट होने की आवश्यकता है। सभी विद्याथीर्यों को जरूरत के हिसाब से टेक्नोलॉजी की जानकारी होनी चाहिए तभी भी वैश्विक जानकारी आसानी से प्राप्त कर सकते हैं, उन्होंने गांव से जुड़े अभिभावकों से भी प्रोजेक्टर और इसके लिए जरूरी सामग्री खरीदने के लिए पहले करने की अनुरोध किया ताकि अन्य गांव में भी आॅनलाइन क्लास का और विस्तार हो सके। वहीं उन्होंने अंत में कहा की अभी तो ये शुरूआत है और भी अन्य गांव में ग्रामीणों के सहयोग से यह डिजिटल क्लास का उद्घाटन किया जाएगा। 

24 से ज्यादा जगह संजय कच्छप ने स्वयं के व्यय पर डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना किया 

कार्यक्रम में आॅनलाइन जुड़े कृषि पदाधिकारी संजय कच्छप जिन्होंने कोल्हान क्षेत्र में अपनी स्वयं की धनराशि लगाकर लगभग 24 से ज्यादा जगह डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना किए हैं। जिन्हे सम्मान से लाइब्रेरी मैन भी कहा जाता है जिनके कार्य की तारीफ स्वयं फिल्म अभिनेता सोनू सुद भी कर चुके हैं, उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डिजिटल क्लास उद्घाटन की शुभकामनाएं दी और बच्चों को इस क्लास के विभिन्न लाभों से अवगत कराया। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा की इस पहल से हमारे बच्चे घर बैठे वैश्विक जनकारी चंद समयों में प्राप्त कर पाएंगे। देश-विदेश के किसी भी कोने से अब आॅनलाइन क्लास आराम से की जा सकेगी। 

मनीता उरांव ने बच्चों को शिक्षा के प्रति मोटिवेट किया

दिल्ली विश्वविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. गणेश मांझी ने देश-दुनिया के विभिन्न तथ्यों की जानकारी देते हुए अभिभावकों-विद्यार्थियों इस पहल का लाभ लेने का अनुरोध किया। रांची से आॅनलाइन जुड़ी डिबडीह धुमकुड़िया से मनिता उराँव जो एक अच्छी आदिवासी कला की पेंटर और धुमकुड़िया के बच्चों को पढ़ाती  हैं, उन्होंने ने भी बच्चों को शिक्षा के प्रति मोटिवेट किया। इस अवसर पर आॅनलाइन जुड़े बच्चों ने भी अपने तरफ से कई भाषण, गाना आदि सुनाकर मनोरंजन किया। कार्यक्रम की समाप्ति कमलेश्वर मांझी ने धन्यवाद ज्ञापन के साथ किया। इस अवसर पर अशोक बेसरा, राजू मांझी, प्रफुल चंद्र बेसरा, देवनंदन प्रधान, अजय मांझी सहित विभिन्न गांव के बच्चे आॅनलाइन जुड़े हुए थे। 



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