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7.38 लाख रुपए की लागत से बना पक्का चबूतरा में आखिर क्यों नहीं हुई धान खरीदी ?

7.38 लाख रुपए की लागत से बना पक्का चबूतरा में आखिर क्यों नहीं हुई धान खरीदी ?

बारिश की स्थिति में धान को गीले होने से बचाया जा सकता था 




ग्राउंड जीरो से अजय नागेश्‍वर संवाददाता की रिपोर्ट
उगली। गोंडवाना समय।

सिवनी जिले के अनेकों धान उपार्जन केंद्रों में खुले आसमान के नीचे समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की जाती है और प्रति वर्ष खरीदी के दौरान बारिश होने की वजह से धान गीली हो जाती। वहीं खरीदी के दौरान बरसात पानी से बचाव के लिये शासन प्रशासन व जिला कलेक्टर के द्वारा दिशा निर्देश भी दिये जाते है।


इस वर्ष भी ऐसा ही कुछ हुआ बीते 1 दिन पहले यानि 28 दिसंबर 2021 को अचानक बरसात शुरू हो गई जिसके कारण अनेकों खरीदी केंद्रों में धान गीली हो गई। जिससे किसान सहित उपार्जन केंद्र के प्रभारियों को भी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। 

धान के बोरों को सुरक्षित रखने के लिए किया गया था पक्के चबूतरे का निर्माण फिर भी शुरू नहीं हुई खरीदी 


हम आपको बता दें कि किसानों को लाभ पहुंचाने व धान को सुरक्षित रखने के लिए सरकार शासन प्रशासन ने जनपद पंचायत केवलारी के उप तहसील उगली से लगभग 11-12 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत भरवेली के ग्राम नाचनवाही में वर्ष 2020-21 में महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना से 7.38 लाख रुपए की लागत से धान उपार्जन के लिए पक्के चबूतरे का निर्माण किया गया था लेकिन आखिर क्या वजह है कि इस वर्ष लाखों रुपए की लागत से बने चबूतरे में धान खरीदी नहीं की गई, यह तो शासन प्रशासन के अधिकारीगण ही जानते है? लेकिन यदि चबूतरे में धान की खरीदी की जाती तो बारिश की स्थिति में धान को भीगने से बचाया जा सकता था। इसके साथ ही यहां खरीदी शुरू होने से आसपास के किसान भाइयों को भी लाभ होता, उन्हें अपनी फसलों को लेकर दूर के खरीदी केंद्रों में नहीं जाना पड़ता।

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