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किसानों की ऐतिहासिक जीत आम लोगों को संघर्ष के लिए प्रेरित करेगा-राज कुमार सिन्हा

किसानों की ऐतिहासिक जीत आम लोगों को संघर्ष के लिए प्रेरित करेगा-राज कुमार सिन्हा 

एक साल 14 दिन की लंबे संघर्ष के बाद सरकार ने किसानों के प्रस्ताव को स्वीकार किया 


सिवनी/मण्डला। गोंडवाना समय। 

भारत के लोकतांत्रिक जन आंदोलन के इतिहास में आज यह एक गौरवशाली क्षण है। सात सौ किसानों ने  कुबार्नी देकर यह साबित कर दिया है कि सत्ता को झुकाया जा सकता है। केवल दृढ़संकल्प, हौसला और बेहतर रणनीति बना कर संघर्ष किया जाए।


पिछले एक साल से संघर्ष कर रहे किसानों ने लगभग अपनी सभी मांगों को पूरा करने के लिए केंद्र की  सरकार को मजबूर किया है। इस इतिहास निमार्ता संघर्षरत अन्नदाता किसानों को हुल जोहार करते हैं। वहीं संयुक्त मोर्चा ने घोषणा की है कि 11 दिसंबर को सभी किसान मोर्चों पर जीत का जश्न मनाया जाएगा, उसके बाद आंदोलन की वापसी होगी।

आदिवासी, मजदूर-किसान एकता दिन-प्रतिदिन मजबूत होगी

श्री राजकुमार सिन्हा ने आगे कहा कि जब तक सत्ता से पूंजी का गठजोड़ समाप्त नहीं होगा, तबतक न्याय संगत एक नई सामाजिक व्यवस्था स्थापित नहीं हो सकता है। अब  देश के आदिवासी, मजदूर और किसान बहुराष्ट्रीय कंपनियों के हमलों के खिलाफ एकजुट होकर लड़ रहे हैं। यह आदिवासी, मजदूर-किसान एकता दिन-प्रतिदिन मजबूत होगी और बङे  संघर्ष को जन्म देगी। हम आदिवासी क्षेत्रों में कार्यरत समाजिक संगठनों  से अपील करते हैं कि वे जल, जंगल एवं जमीन को बचाने और अपने संवैधानिक अधिकार को लेने के लिए एकजुट हो जाएं।

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