बैगाओं की समस्या सुनकर राज्यपाल ने कलेक्टर से कहा समुचित कार्यवाही करने के पश्चात प्रतिवेदन प्रस्तुत करें
राज्यपाल ने कबीरधाम जिले के बैगाओं की समस्याएं सुनी
प्रतिनिधिमण्डल ने यह मांग की है कि बैगाओं को सीधी भर्ती में विशेष लाभ मिले
रायपुर। गोंडवाना समय।
छत्तीसगढ़ के राजभवन में राज्य के प्रत्येक वर्गों को राज्यपाल से मिलना बहुत सुगमता व सरलता के साथ हो जाता है अर्थात छत्तीसगढ़ राज्य का राजभवन आम जनता के लिये सदैव खुला रहता है। जनसमस्याओं का संज्ञान भी गंभीरता के साथ छत्तीसगढ़ की राज्यपाल सुश्री अनुसुईया के द्वारा लिया जाकर समस्या का समाधान कराने का त्वरित प्रयास किया जाता है।
विशेष संरक्षित जनजाति बैगा समुदाय के सगाजन जब छत्तीसगढ़ की राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उईके से मिलने अपनी समस्या का समाधान कराने के उद्देश्य से पहुंचे तो उन्होंने पूर्व से कोई समय राज्यपाल से मिलने हेतु नहीं लिया था लेकिन राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उईके को जब बैगा जनजाति समुदाय के लोगों की आने की जानकारी मिली तो उन्होेंने त्वरित राजभवन में अंदर बुलवाकर उनकी समस्या की जानकारी लेकर समाधान करने हेतु कलेक्टर को निर्देश दिये।
राज्यपाल ने बैगा प्रतिनिधिमण्डल को राजभवन में बुलाकर उनकी समस्याएं सुनीं
छत्तीसगढ़ राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके से राजभवन में कवर्धा जिले के बैगा आदिवासियों के प्रतिनिधिमण्डल ने भेंटकर अपनी समस्याओं के संबंध में ज्ञापन सौंपा। प्रतिनिधिमण्डल ने राज्यपाल से भेंट के लिए पहले से मुलाकात का समय नहीं लिया था। राज्यपाल को जब यह बताया गया कि वे कबीरधाम जिले से केवल उनसे मिलने के लिए आए हैं तब उन्होंने प्रतिनिधिमण्डल को राजभवन में बुलाकर उनकी समस्याएं सुनीं। राज्यपाल ने कबीरधाम जिले के कलेक्टर से दूरभाष से बात कर उनकी मांगों के संबंध में चर्चा कर उसे दूर करने के निर्देश दिए। उन्होंने कलेक्टर से कहा कि वे प्रतिनिधिमण्डल से मिलकर उनकी मांगों पर समुचित कार्यवाही करें और इसके पश्चात इस संबंध में प्रतिवेदन प्रस्तुत करें।
वन अधिकार अधिनियम के तहत आवासीय पट्टे नहीं मिले हैं
राज्यपाल ने प्रतिनिधिमण्डल से कहा कि अपने अधिकारों के प्रति सजग रहें और संगठित होकर अपने समुदाय की बेहतरी के लिए प्रयास करें। उन्होंने कहा कि वे हमेशा से वंचित वर्ग के अधिकारों के संरक्षण के लिए प्रयत्न करती हैं। राज्यपाल को प्रतिनिधियों ने बताया कि काफी बड़ी संख्या में बैगा आदिवासियों को वन अधिकार अधिनियम के तहत आवासीय पट्टे नहीं मिले हैं। इसके अलावा अन्य शासकीय योजनाओं जैसे उज्ज्वला योजना, आयुष्मान योजना और किसान सम्मान योजना का भी लाभ उन्हें नहीं मिल रहा है। कुछ गांवों में आंगनबाड़ी भी संचालित नहीं हो रहे हैं, जिससे वहां के बच्चों और माताओं को पोषण आहार का लाभ नहीं मिल रहा है।
कवर्धा जिले के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र को पांचवी अनुसूची में शामिल करने के लिए प्रस्ताव भेजा गया है
प्रतिनिधिमण्डल ने बताया कि कवर्धा जिले के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र को पांचवी अनुसूची में शामिल करने के लिए प्रस्ताव भेजा गया है। उन्होंने बताया कि वहां पहाड़ी इलाकों में पीने के पानी की उपलब्धता नहीं है, स्कूलों में शिक्षक नहीं आते। प्रतिनिधिमण्डल ने यह मांग की है कि बैगाओं को सीधी भर्ती में विशेष लाभ मिले। इस अवसर पर आदिवासी जनमन अधिकार मंच छत्तीसगढ़ की संयोजिका श्रीमती इंदू नेताम, श्रीमती अनीमा, श्री लमतू बैगा, श्रीमती जया ध्रुव, श्री चन्दन धुर्वे एवं अन्य प्रतिनिधि उपस्थित थे।