कृषि और सहकारिता के माध्यम से उत्तम गुणवत्ता का बीज उत्पादन में अहम भूमिका रही है : अखिलेश निगम
बीज उत्पादक सहकारी संस्थाओं के नेतृत्व विकास कार्यक्रम
सिवनी। गोंडवाना समय।
भारत की अर्थव्यवस्था में कृषि रीढ़ की हड्डी की तरह संबल के समान है। देश में आजीविका व रोजगार का प्रमुख साधन कृषि और सहकारिता है। वर्तमान में देश की 66 फीसदी आबादी कृषि व कृषि आधारित व्यवसाय, पशुपालन पर निर्भर है। कृषि और सहकारिता के माध्यम से उत्तम गुणवत्ता का बीज उत्पादन में अहम भूमिका रही है। सहकारी संस्थाओं के विकास में कुशल नेतृत्व की अहम भूमिका है। यह बात राष्ट्रीय सहकारी शिक्षा केंद्र नई दिल्ली एवं जिला सहकारी संघ सिवनी के संयुक्त तत्वावधान में बीज उत्पादक सहकारी संस्थाओं के पदाधिकारियों के लिए आयोजित नेतृत्व विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम में सहकारिता विभाग सिवनी के डिप्टी कमिश्नर अखिलेश कुमार निगम द्वारा कही गई। तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रथम दिवस पर उन्होंने सहकारिता से जुड़ी विभिन्न योजनाओं की जानकारी भी विस्तार से दी।
शासन की विभिन्न संचालित योजनाओं से लाभान्वित कराना है
सहकारी प्रशिक्षण के आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रशिक्षण का उद्देश्य प्राथमिक बीज उत्पादक सहकारी संस्थाओं को स्वावलंबी और आत्मनिर्भर बनाने तथा सदस्यों की नेतृत्व क्षमता में वृद्धि करने तथा शासन की विभिन्न संचालित योजनाओं से लाभान्वित कराना है उक्ताशय की जानकारी भी दी गई कार्यक्रम में किसान कल्याण एवं कृषि विभाग सिवनी से उपस्थित उपसंचालक मोरिसनाथ द्वारा बीजोत्पादन की उन्नत तकनीकी एवं जैविक उत्पादन प्रक्रिया पर एवं कृषि विभाग की योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। कार्यक्रम में जिले के उन्नत कृषको सहित तकनीकी तौर पर कृषि क्षेत्र से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति रही।