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यदि गोंडवाना को पुन: स्थापित करना है तो परधानों को साथ लेकर चलना ही होगा- के पी परधान

यदि गोंडवाना को पुन: स्थापित करना है तो परधानों को साथ लेकर चलना ही होगा- के पी परधान 

आदिवासी के साथ उसकी संस्कृति, परम्परा, रीतिरिवाज, भाषा और बोली को संरक्षित करने की आवश्यकता है 

भव्यता के साथ परधान समाज युवक-युवती परिचय सम्मेलन सफलतापूर्वक हुआ संपन्न 


सिवनी। गोंडवाना समय। 

अखिल भारतीय परधान समाज युवक-युवती परिचय सम्मेलन रविवार, दिनांक 24 अप्रैल, 2022 को मोतीमहल लॉन, बरघाट रोड, डूंडासिवनी, सिवनी, म.प्र. में आयोजित किया गया। जिसमें भारी संख्या में जिलेवासियों के अलावा आसपास के जिले तथा दूरस्थ अंचल जगदलपुर, बस्तर, बीजापुर एवं अन्य प्रदेश महाराष्टÑ, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ एवं सम्पूर्ण मध्यप्रदेश से सजातीय परधान समाज की खासी उपस्थिति दर्ज की गई। उक्त कार्यक्रम बतौर मुख्य अतिथि परधान समाज के राष्टÑीय अध्यक्ष श्री के.पी. परधान बिलासपुर छ.ग.की उपस्थिति में सम्पन्न हुआ तथा कार्यक्रम की अध्यक्षता परधान समाज सिवनी के जिलाध्यक्ष श्री प्रहलाद सिंह धुर्वे द्वारा की गई। इसके साथ ही सम्मेलन में सर्वश्री वामन सिडाम, पूर्व राष्टÑीय अध्यक्ष परधान समाज, महाराष्टÑ महेन्द्र शिन्दे, महासचिव, राष्टÑीय परधान समाज, महाराष्टÑ विलास कुमरे, संयोजक, राष्टÑीय परधान समाज,  बंसत कवड़े, राष्टÑीय उपाध्यक्ष परधान समाज, बिपत लाल वाडिवा, प्रदेशाध्यक्ष, परधान समाज, मप्र, श्रीमती वंदनाताई कुडमते राष्टÑीय अध्यक्ष महिला प्रकोष्ठ परधान समाज मुम्बई, श्री बी.एल.कुमरे संरक्षक परधान समाज सिवनी के अलावा श्रीमती उर्मिला कुमरे, श्रीमती संजू सैयाम, श्रीमती प्रेमलता सैयाम, श्री संतकुमार मर्सकोले, सुरेन्द्र परते, संतोष पंद्रे बतौर विषिष्ट अतिथि के तौर पर अपनी उपस्थिति प्रदान की। इसके अलावा माननीय विधायक अर्जुन काकोड़िया, बरघाट एवं विधायक मण्डला-निवास क्षेत्र डॉ. अशोक मर्सकोले की गरिमामयी उपस्थिति दर्ज की गई। इसके साथ ही दिनेश धुर्वे, आदिवासी विकास परिषद, प्रख्यात गोंडी गायक, ब्रजलाल टेकाम, डॉ दीप सिंह मार्को, एलायब्रीथ के राहुल कन्नाके, एम एल मर्सकोले,  महादेव तेकाम आदि बतौर अतिथि मंचासीन रहे।

परधानों का ज्ञानवाद संकल्प का मार्ग मुठवापुनेम के बारे में विस्तारपूर्वक बताया 


कार्यक्रम का शुभारंभ आदिवासी परंम्परानुसार श्री के. एल. उइके के द्वारा बड़ा देव की सेवापूजा से प्रारंभ की गई जिसमें श्री बंसत कवड़े जी की सुमरनी से सम्पूर्ण माहौल थोड़ी देर के लिए भक्तिमय हो गया । तत्पश्चात अतिथियों को मंचासीन कर स्नेह एवं सम्मान का प्रतीक सफेद साफा पहनाकर एवं हल्दी-चॉवल का टीका एवं बैच लगाकर स्वागत किया गया। कार्यक्रम के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए युवक-युवितयों द्वारा भारी संख्या रजिस्ट्रेशन कर बारी-बारी से मंच में उपस्थित होकर अतिथियों के उद्बोधन के बीच अपना परिचय दिया गया।

उक्त कार्यक्रम में वक्ताओं ने अपने उद्बोधन बारी-बारी से दिये जिसमें मुम्बई से आई वंदनाताई ने कहा कि सिर्फ सिवनी जिले में ही परधान समाज का इतना विशाल कार्यक्रम कैसे हो पाता है बाकी जिलों में क्यों नही होता । इस प्रकार बतौर मुख्य अतिथि की आसंदी से श्री केपी परधान ने लगभग अपने 40 मिनट के उद्बोधन में परधानों का ज्ञानवाद संकल्प का मार्ग मुठवापुनेम के बारे में विस्तारपूर्वक बताया और अंत में कहा कि गोंडवाना का अस्तित्व बिना परधानों के हो ही नही सकता एवं आगे कहा कि यदि गोंडवाना को पुन: स्थापित करना है तो परधानों को साथ लेकर चलना ही होगा ।  

आदिवासी के आपस में ही जाति-उपजाति का भेदभाव को खत्म करने की आवष्यकता है


अन्य वक्ताओं में बरघाट के विधायक अर्जुन काकोड़िया ने अपने शानदार वक्तव्य में कहा कि आज आदिवासी को बचाने की आवश्यकता है उसकी संस्कृति, परम्परा, रीतिरिवाज, भाषा और बोली को संरक्षित करने की आवश्यकता है तथा आदिवासी के आपस में ही जाति-उपजाति का भेदभाव को खत्म करने की आवश्यकता है अंत में कहा कि इस प्रकार के आयोजनों से निश्चित रूप से बेटा-बेटियों के शादी-विवाह में आ रही परेशानी में आसानी होगी। 

समाज की दशा और दिशा पर समय-समय पर चिंतन-मनन होना चाहिए

इसके अलावा जिला मण्डला से अपनी गरिमामयी उपस्थिति दर्ज करते हुए निवास विधायक डॉ. अशोक मर्सकाले ने कहा कि अपने समाज के बीच आकर एवं इतने विशाल जनसमूह का प्यार और स्नेह पाकर मन आनंदित हो गया उन्होंने आगे कहा कि समाज की दशा और दिशा पर समय-समय पर चिंतन-मनन होना चाहिए तथा इस तरह के सभा-सम्मेलनों का आयोजन होना बहुत आवश्यक है इसके लिए हम सबको मिलकर प्रयास करना होगा। आगे कहा कि हमारी पहचान हमारी संस्कृति एवं भाषा-बोली को अक्षुण्य रखने की आवश्यकता है। इसके साथ ही साथ ही हमें अपने समाज की प्रगति के विषय में सोचने की जरूरत है, अपने ओजस्वी उद्बोधन के अंत में आयोजको को सफल कार्यक्रम के आयोजन की बधाई देते हुए कहा कि इस तरह के आयोजन सभी जिला मुख्यालयों में होना चाहिए जहां हमारा समाज है ।

के.एल. उइके द्वारा लिखित ग्रंथ कोयाबिडार लिंगोदर्शन एक अध्यात्मिक कथा भाग-एक का विमोचन हुआ


उक्त कार्यक्रम के दौरान श्री के.एल. उइके द्वारा लिखित ग्रंथ कोयाबिडार लिंगोदर्शन एक अध्यात्मिक कथा भाग-एक का विमोचन हुआ। अंत में कार्यक्रम का अध्यक्षीय भाषण एवं आभार जिलाध्यक्ष श्री प्रहलाद सिंह धुर्वे द्वारा दिया गया। कार्यक्रम का संचालन श्री केसरी भलावी एवं श्री के एल उइके द्वारा की गई । इस प्रकार भारी जनसमूह की उपस्थिति में कार्यक्रम सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ।  

 

 

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