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आॅनलाइन ठगी करने वाले आरोपी की जमानत निरस्‍त

आॅनलाइन ठगी करने वाले आरोपी की जमानत निरस्‍त  


सिवनी। गोंडवाना समय।

प्रार्थिया ज्‍योति ठाकुर पिता स्‍व.बाबूलाल ठाकुर, निवासी आचीर्पुरम, सिवनी ने दिनांक 19 जनवरी 2022 को थाना कोतवाली सिवनी में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि भारतीय स्‍टेट बैंक शाखा के खाते से अज्ञात व्‍यक्ति ने 1,10,375/- रुपए निकाल लिया है। पुलिस ने सूचना मिलते ही प्रार्थी ज्‍योति ठाकुर के पास ओटीपी के लिए आया मोबाइल नंबर की छानबीन की जाने पर उक्‍त नंबर आरोपी रंजीत सक्‍सेना पिता दूरवीन सक्‍सेना, उम्र 23 वर्ष, निवासी मैनपुर, थाना कोतवाली, जिला मैनपुरी, उत्‍तरप्रदेश का होना पाया। 

1,29,553 रुपए की आॅनलाइन खरीदी करके सामान मंगवाकर कर दिया खर्च 

पुलिस के द्वारा त्‍वरित कार्यवाही करते हुए जिला मैनपुरी उत्‍तरप्रदेश जाकर आरोपी का हिरासत में लेकर उसे सिवनी लाया गया एवं उससे पूछताछ की गई। पूछताछ में आरोपी ने बताया कि नेट सर्च करते समय उसे ज्‍योति ठाकुर का मोबाइल नंबर मिला। उसने उक्‍त मोबाइल नंबर पर फोन लगाकर प्रार्थिया से कहा कि आपके क्रेडिट कार्ड में आगे खरीददारी में प्राब्‍लंब आ सकती है, यदि उसे ठीक कराना है तो क्रेडिट कार्ड का नंबर बताइए। प्रार्थिया से क्रेडिट कार्ड नंबर प्राप्‍त होने पर आरोपी ने मोबाइल पर एसबीआई कार्ड एफ इंस्‍टाल करके एक नया आईडी पासवर्ड बनाकर प्रार्थिया का मोबाइल नंबर रजिस्‍टर्ड करके प्रार्थिया से ओटीपी नंबर मांग कर अलग-अलग समय में एप्‍प के माध्‍यम से 1,29,553 रुपए की आॅनलाइन खरीदी करके सामान मंगवाकर कर मैनपुरी में कई लोगो को सामान गिफ्ट करने एवं अन्‍य सामग्री खरीदने में खर्च कर दिया था। 

सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी अजय सल्‍लाम ने तर्क प्रस्‍तुत किया 

माननीय न्यायालय में उक्त प्रकरण की हुई सुनवाई के संबंध में जानकारी देते हुये प्रभारी मीडिया सेल श्री प्रदीप कुमार भोरे जिला सिवनी ने जानकारी देते हुये बताया कि आरोपी रंजीत सक्‍सेना के विरूद्ध कोतवाली पुलिस ने अप0क्र0 59/2021 धारा 420 भा0द0वि0 एवं धारा 66आई.टी. एक्‍ट के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया। दिनांक 09 जून 2022 आरोपी की ओंर से जमानत आवेदन श्री तेजप्रताप सिंह, मुख्‍य न्‍यायिक मजिस्‍ट्रेट सिवनी के न्‍यायालय में प्रस्‍तुत किया गया था। शासन की ओंर से सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी अजय सल्‍लाम ने तर्क प्रस्‍तुत किया और न्‍यायालय को अवगत कराया कि आरोपी द्वारा जिस तरह से प्रार्थिया के साथ धोखाधड़ी कर ओटीपी नंबर मांगकर उसके खाते से राशि निकाल कर अपराध किया गया है, यदि जमानत दी जाती है तो निश्चित ही इस तरह के अपराध करने वालों का हौसला बुंलद हो जाएगा, उपरोक्‍त तथ्‍यों एवं साक्ष्‍यों के आधार पर माननीय न्‍यायलय ने आरोपी का जमानत आवेदन निरस्‍त किया एवं आरोपी को जेल भिजवाया।  

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