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मुख्यमंत्री जी, आदिवासी किसान कम्बाईन हार्वेस्टर पाने के लिये हो रहा परेशान, विक्रेता को हो गया है 24 लाख रूपये अधिक का भुगतान

मुख्यमंत्री जी, आदिवासी किसान कम्बाईन हार्वेस्टर पाने के लिये हो रहा परेशान, विक्रेता को हो गया है 24 लाख रूपये अधिक का भुगतान 

कृषि अभियांत्रिकी विभाग के तहत अनुदान योजना में आदिवासी किसान को मिला है कागजों में लाभ 

24 लाख रूपये से अधिक का भुगतान प्राप्त करने वाले ग्रीन इण्डिया एग्रो एजेंसी के फर्जीवाड़ा पर कब होगी कार्यवाही 


सिवनी। गोंडवाना समय।

आदिवासी बाहुल्य मध्यप्रदेश में आदिवासियों के उत्थान, कल्याण व विकास के लिये सरकार द्वारा चलाई जाने वाली कल्याणकारी योजनाओं का लाभ वास्तविकता में आदिवासियों को नहीं मिल पाता है। इसके पीछे यही कारण समझ आता है कि सरकार की योजनाओं को क्रियान्वित करने वाले अफसरों व संबंधित विभागों में ठेकेदारी कहें या सामग्री सप्लाई करने वालों की सांठगांठ, भ्रष्टाचार व आर्थिक अनियमितता को अंजाम देकर सरकार की धनराशि में हेरफेर कर अपनी तिजोरी भरना प्रमुख होता है।
            


पूरे देश में मध्यप्रदेश ऐसा राज्य है जहां पर आदिवासी समुदाय की जनसंख्या सर्वाधिक है इस आधार पर केंद्र सरकार व मध्यप्रदेश सरकार द्वारा आदिवासी के उत्थान, कल्याण व विकास के लिये बजट में आर्थिक राशि भी करोड़ों अरबों रूपयों में उपलब्ध करवाई जाती है लेकिन दौलत कमाने के लिये भूखे बैठे संबंधित विभागों के अफसरों, ठेकेदारों, व्यापारियों व दलालों की आपसी सांठगांठ के चलते आदिवासियों को वास्तविकता में लाभ नहीं मिल पाता है परिणाम स्वरूप में हम यह कह सकते है कि मध्यप्रदेश में आदिवासी हितों का हमेशा बखान करने वाले मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के राज्य में आदिवासी शोषण व अत्याचार का शिकार हो रहा है साथ लूटपाट का भी शिकार हो रहा है। 

शिवराज सरकार में आदिवासी किसान, अफसरों की चौखट से लेकर माननीय न्यायालय की दहलीज पर माथा रगड़ने को है मजबूर


शिवराज सरकार के अफसरों व ठेकेदारों, दलालों, व्यापारियों की मिलीभगत के कारण सिवनी जिले के अंतर्गत ग्राम कन्हरगांव के आदिवासी किसान रामकृष्ण कुमरे को कम्बाईन हारर्वेस्टर अनुदान योजना के तहत मध्यप्रदेश के सिवनी जिले में कृषि अभियांत्रिकी विभाग की योजना अंतर्गत आदिवासी किसान को लाभ दिया जाने के लिये लगभग 14 लाख 40 हजार रूपये से अधिक कीमत का कम्बाईन हार्वेस्टर प्रदान किया गया था। शिवराज सरकार में कृषि अभियांत्रिकी विभाग के अफसरों व व्यापारियों की मिलीभगत से सरकार की अनुदान योजना के तहत लाभ तो दिया गया था जिसका भुगतान भी संबंधित फर्म ग्रामीन इंडिया एग्रो एजेंसी भोपाल के बैंक खाते में राशि भी इसके साथ ही इंडसलेंड बैंक द्वारा भी फर्म के खाते में 9 लाख 19 हजार 122 रूपये ट्रांसफर किया गया है।

इसके बाद भी आदिवासी किसान रामकृष्ण कुमरे को आज दिनांक कंम्बाईन हारर्वेस्टर नहीं मिल पाया है। इस मामले में आदिवासी किसान के साथ लगभग 25 लाख रूपये से अधिक की धोखाधड़ी हुई है। मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार के अफसर चाहे जिला प्रशासन हो या पुलिस प्रशासन आदिवासी किसान के साथ हुये शोषण अन्याय अत्याचार की समस्या को समझने तक का प्रयास तक नहीं कर रहे है तो उनसे समाधान की उम्मीद कहां तक किया जा सकता है। जिसके चलते आदिवासी किसान, अफसरों की चौखट से लेकर माननीय न्यायालय की दहलीज पर माथा रगड़ने को मजबूर है। 

शिकायत कर थक गया किसान, प्रशासन न पुलिस कर पाई समाधान आखिर क्यों ?


हम आपको बता दे कि आदिवासी किसान रामकृष्ण कुमरे ग्राम कन्हरगांव का निवासी है, जिनका नाम सरकार की अनुदान योजना के तहत सहायक कृषि अभियांत्रिकी उपसंभाग सिवनी के माध्यम से कम्बाइन हार्वेस्टर अनुदान के तहत स्वीकृत किया गया था, इस संबंध में आदिवासी किसान ने 16 अगस्त 2019को बैंक ड्राफट के माध्यम से 50 हजार रूपये भी जमा किया गया था।
        जिसकी पावती भी विभाग द्वारा आदिवासी किसान रामकृष्ण कुमरे को प्रदान की गई थी। इसके लिये लगभग 24 लाख रूपये से अधिक की राशि ग्रीन इंडिया एग्रो एजेंसी के बैंक खाते में राशि भी विधिवत विभाग व बैंक के माध्यम से प्रदान की गई है। इस संबंध में आदिवासी किसान द्वारा जिला कलेक्टर सिवनी, पुलिस अधीक्षक सिवनी सहित संबंधित पुलिस थाना व कृषि अभियांत्रिकी विभाग व कृषि विभाग में भी शिकायत की गई है। इसके बाद भी आदिवासी किसान की कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई है।
         पुलिस प्रशासन की तो ये  स्थिति है कि आदिवासी किसान के साथ लाखों रूपये की धोखाधड़ी होने के बाद भी उसे माननीय न्यायालय की शरण में जाने की सलाह दी गई है जबकि जिला प्रशासन या पुलिस प्रशासन इसकी निष्पक्षता के साथ जांच करते तो सिवनी जिला ही नहीं मध्यप्रदेश में आदिवासी किसानों के साथ अनुदान योजना में किये जा रहे फर्जीवाड़ा, घोटाला की पोल भी खुल सकती थी। 

जहां शिकायत किये हो वहीं से लो कम्बाइन हार्वेस्टर

पीड़ित आदिवासी किसान रामकृष्ण कुमरे ने अपनी शिकायत में 15 मार्च 2022 को जिला कलेक्टर सिवनी को करते हुये उल्लेख किया है कि ग्रीन इण्डिया एग्रो एजेंसी भोपाल अतेन्द्र सिह व विकास चौहान से कम्बाइन हार्वेस्टर लिया हूं जिसका पैमेंट 14 लाख 40 हजार रूपये ग्रीन इण्डिया एग्रो एजेंसी में किया हूं एवं इनसंइड बैंक से 9 लाख 19 हजार 122 रूपये भी एग्रो एजेंसी के खाते में ट्रांसफर किया गया है। बकायदा आदिवासी किसान को इंजन नंबर, मॉडल नंबर, चेचीस नंबर भी दिया गया है यहां तक कि कम्बाईन हारर्वेस्टर का बीमा भी कर दिया है लेकिन आज तक नहीं मिला है। वहीं पुलिस अधीक्षक सिवनी को अप्रैल माह एवं सितंबर माह में शिकातय किया गया है। 

हार्वेस्टर मिला नहीं वसूली के लिये बैंक से मिल रहा नोटिस

हम आपको बता दे कि रामकृष्ण कुमरे को अभी तक भले ही हार्वेस्टर नहीं मिला है लेकिन इंडसइंड बैंक से लोन वसूली का नोटिस जरूर मिलने लगा है। वकायदा कानूनी नोटिस आदिवासी किसान रामकृष्ण कुमरे को जारी किया गया है। जिसमें आदिवासी किसान से 42 किस्तों में 10 लाख 22 हजार 313 रूपये वसूली किये जाने का नोटिस 4 अगस्त 2022 को जारी किया गया था। 


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