भिण्ड कलेक्टर को अनुसूचित जनजाति आयोग ने जारी किया नोटिस
गोंड, कोरकू, सहरिया जनजाति को जाति प्रमाण पत्र नहीं दिये जाने का है मामला
भिण्ड। दैनिक गोंडवाना समय।
मध्यप्रदेश् के भिण्ड जिले में निवासरत जनजाति समुदाय के सदस्यों को जाति प्रमाण पत्र जारी किये जाने के संबंध में राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग नई दिल्ली अनुसंधान अधिकारी एच आर मीणा द्वारा मध्यप्रदेश के भिण्ड कलेक्टर डॉ.सतीश कुमार को पत्र लिखा है।
जिसमें उल्लेख किया गया है कि जिला भिण्ड एवं तहसील मेहगांव, गोहद, मो, लाहर आदि में गोंड, कोरकू, सहरिया व अन्य अनुसूचित जनजाति के लोगों के विभिन्न समस्याओं के संबंध में शिव सिंह गोंड, जिलाध्यक्ष मप्र आदिवासी विकास परिषद, शाखा-भिण्ड, मकान नं.-170 मी.रोड हाट के पास वार्ड नं.8 मेहगांव, जिला-भिण्ड मप्र का 25 जुलाई 2022 का अभ्यावेदन के अनुसार 25 जुलाई 2022 को शिकायत प्राप्त हुई है।
मामले का अन्वेषण/ जांच करने का निश्चय किया है
अनुसूचित जनजाति आयोग ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 338 क के अंतर्गत उसे प्रदत्त शक्तियों का अनुसरण करते हुए इस मामले का अन्वेषण/ जांच करने का निश्चय किया है। इस संबंध में भिण्ड कलेक्टर से अनुसूचित जनजाति आयोग ने अनुरोध करते हुये लिखा है कि आप सूचना के प्राप्त होने के 15 दिनों के भीतर अधोहस्ताक्षरी को डाक से या वैयक्तिक रूप से उपस्थित होकर या किसी अन्य संचार साधन से संबंधित आरोपों/मामलों और सूचनाओं पर ली गई कार्यवाही से संबंधित सूचना प्रस्तुत करें।
आयोग के समक्ष उपस्थित होने के लिए आपको समन भी जारी कर सकता है
इसके साथ ही अनुसूचित जनजाति आयोग के द्वारा यह भी उल्लेखित करते हुये भिण्ड कलेक्टर को यह ध्यान रखने के लिये कहा गया है कि यदि नियत अवधि में आयोग में आपका उत्तर प्राप्त नहीं होता है तो आयोग भारत के संविधान के अनुच्छेद 338 क के अंतर्गत उसे प्रदत्त सिविल न्यायालय की शक्तियों का प्रयाग कर सकता है तथा वैयक्तिक रूप से या प्रतिनिधि के माध्यम से आयोग के समक्ष उपस्थित होने के लिए आपको समन भी जारी कर सकता है।
शैक्षणिक, रोजगार सहित अन्य योजनाओं से वंचित हो रहे गोंड, कोरकू, सहरिया जनजाति समुदाय के सदस्यगण
इस संबंध में शिव सिंह गोंड जिला अध्यक्ष मध्यप्रदेश आदिवासी विकास परिषद शाखा भिण्ड ने दैनिक गोंडवाना समय से चर्चा करते हुये बताया कि भिण्ड जिला सहित तहसील में कोरकू, सहरिया, गोंड समुदाय के जाति प्रमाण पत्र नहीं बनाये जा रहे है। जाति प्रमाण पत्र नहीं मिलने के कारण शैक्षणिक अध्यापन का कार्य करने वाले जनजाति समुदाय के बच्चे शिक्षा प्राप्त करने से वंचित हो रहे है। वहीं रोजगार की योजनाओं से भी जनजाति समुदाय के सदस्यगण वंचित हो रहे है। इसके साथ ही सरकार, शासन की अन्य जनजाति समुदाय के लिये संचालित योजनाओं का लाभ भी नहीं मिल पा रहा है। आगे चर्चा में शिव सिंह गोंड ने बताया कि गोंड, कोरकू व सहरिया जनजाति के सदस्यगण जो कि शासकीय सेवा से जनजाति वर्ग के जाति प्रमाण पत्र के आधार पर शासकीय सेवा करते हुये सेवानिवृत्त हो चुके है या जो शासकीय सेवा कर रहे है उनके बच्चों का भी जनजाति वर्ग का जाति प्रमाण पत्र भिण्ड जिला प्रशासन द्वारा नहीं बनाया जा रहा है।
शिवराज सरकार के अफसर कर रहे गोंड, कोरकू, सहरिया जनजाति समुदाय का शोषण
मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार विशेष संरक्षित जनजातियों के लिये अनेकों कल्याणकारी योजनाएं संचालित कर रही है। इसके साथ ही जनजाति समुदाय के लिये भी अन्य योजनाएं केंद्र व प्रदेश सरकार के द्वारा ्क्रियान्वित की जा रही है लेकिन मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार में भिण्ड जिले के अफसरों के द्वारा विशेष संरक्षित जनजाति कोरकू, सहरिया सहित गोंड जनजाति वर्ग के जाति प्रमाण पत्र नहीं बनाये जाने के कारण गोेंड, सहरिया, कोरकू जनजाति समुदाय के सदस्यगणों के अधिकारों का शोषण किया जा रहा है वहीं उन्हें केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार व मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार के द्वारा जनजाति समुदाय के लिये संचालित योजनाओं के लाभ से भी वंचित किया जा रहा है। अब देखना है यह है कि इस मामले में अनुसूचित जनजाति आयोग ने संज्ञान लेकर भिण्ड जिला कलेक्टर को नोटिस जारी किया है, इस संबंध में शिवराज सरकार के अफसर भिण्ड कलेक्टर क्या कार्यवाही करते है।
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